अपेंडिसाइटिस: कारण, लक्षण, उपचार और रोकथाम |
अपेंडिसाइटिस का अवलोकन
अपेंडिसाइटिस अपेंडिक्स की सूजन है, जिसे एक मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है। आमतौर पर इसके लिए सर्जरी की जरूरत होती है, जिसमें अपेंडिक्स को हटाना शामिल है। अपेंडिक्स आमतौर पर निचले दाएं पेट में होता है। इसके अलावा अपेंडिक्स बड़ी और छोटी आंत के जंक्शन पर भी स्थित हो सकता है। आमतौर पर अपेंडिसाइटिस दर्द के साथ शुरू होता है और कुछ ही घंटों में यह दर्द निचले दाहिने हिस्से में चला जाता है। किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में अपेंडिसाइटिस हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह 10 से 30 साल के बीच वाले लोगों में होता है।
अपेंडिक्स एक छोटा, नरम और नम अंग है, जो ट्यूब के आकार का होता है। इसका काम छोटी आंत से बिना पचे भोजन प्राप्त करना है। यह तरल पदार्थ और लवण को अवशोषित करने में भी मदद करता है, जो भोजन पचने के बाद बचे रहते हैं और उन्हें आसानी से हटाने के लिए बलगम के साथ मिलाते हैं। सीकम और अपेंडिक्स के बीच निकटता और ऊतक कनेक्शन यह सलाह देते हैं कि बाद वाला पाचन प्रक्रिया में एक भूमिका निभाता है।
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अपेंडिसाइटिस के लक्षण और कारण
अपेंडिसाइटिस के कुछ कारणों में शामिल हैं:
- अपेंडिक्स के अंदर रुकावट
- अपेंडिक्स में बढ़े हुए ऊतक
- आंत में सूजन की बीमारी
- मल, परजीवी या बढ़ोतरी, जो अपेंडिसियल लुमेन को रोकते हैं।
- आपके पेट में ट्रॉमा
अपेंडिसाइटिस के लक्षण या संकेत हैं:
- पेट के दाहिने हिस्से में अचानक दर्द होना।
- नाभि के आसपास अचानक दर्द, जो पेट के निचले दाहिने हिस्से में पहुंच जाता है।
- दर्द, जो खांसने, चलने या हिलने-डुलने पर बढ़ जाता है।
- मतली और उल्टी होना।
- भूख में कमी।
अपेंडिसाइटिस के प्रकार
एक्यूट अपेंडिसाइटिस:
यह अचानक होता है, जिससे मरीज को लक्षणों के इंटेंस कोर्स का अनुभव हो सकता है। इसके लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।
क्रोनिक अपेंडिसाइटिस:
अगर कोई मरीज पुराने अपेंडिसाइटिस से पीड़ित है, तो उसे अपेंडिक्स की लंबे समय से सूजन का अनुभव हो सकता है।
रिकरिंग अपेंडिसाइटिस:
यह एक अन्य प्रकार का अपेंडिसाइटिस है। अगर प्रभावित अपेंडिक्स को नहीं हटाया जाता है, तो इसके इंफेक्टेड होने और बार-बार सूजने की संभावना रहती है।
अपेंडिसाइटिस का उपचार
निदान
मंत्रा केयर के डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री और पाचन से संबंधित बीमारियों की समीक्षा के अलावा आपके पाचन से जुड़े लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं। इनमें सबसे हालिया मल त्याग का समय, चरित्र और क्या मल रक्त या बलगम के साथ धारित था, जैसे जानकारी लेना शामिल हैं। उसके बाद डॉक्टर मरीज के निचले दाहिने पेट में दर्द का आंकलन करते हैं। शारीरिक परीक्षण के बाद डॉक्टर इंफेक्शन के लक्षणों की जांच के लिए खून की जांच के लिए कह सकते हैं। पेशा के रास्ते की समस्या को दूर करने के लिए यूरिनलिसिस की जरूरत होती है। अपेंडिसाइटिस डॉक्टर निदान की पुष्टि में मदद के लिए अल्ट्रासाउंड या कंप्यूटेड टोमोग्राफी यानी सीटी स्कैन के लिए कह सकते हैं।
सर्जरी
इंफेक्टेड अपेंडिक्स को बाहर निकालने के लिए डॉक्टर सर्जिकल ऑपरेशन करते हैं, जिसे अपेंडेक्टॉमी कहा जाता है। आमतौर पर डॉक्टरों द्वारा इस सर्जरी को जल्द से जल्द करवाने का सुझाव दिया जाता है, क्योंकि अपेंडिक्स शुरुआती लक्षणों के 48 से 72 घंटों के अंदर फट सकता है। इससे शरीर के अंदर बैक्टीरिया फैलकर ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपेंडिक्स का इलाज करने के लिए दो सर्जिकल तरीके हैं और मंत्रा केयर डॉक्टर लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: अपेंडिक्स को हटाने के लिए सर्जन एक छोटे उपकरण यानी लैप्रोस्कोप का उपयोग करते हैं। वह लेप्रोस्कोप के साथ पेट पर एक छोटा सा चीरा लगाते हैं, जिसमें एक छोटा वीडियो कैमरा और सर्जिकल उपकरण होते हैं। चीरों के माध्यम से ट्यूब, कैमरा और उपकरण लगाए जाते हैं। सर्जन टीवी मॉनिटर को देखते हुए सर्जरी करते हैं और अपेंडिक्स को हटा देते हैं। यह एक कम से कम आक्रामक उपचार है। इससे मरीज 2 से 3 दिनों में सामान्य दिनचर्या में वापस आ सकते हैं। साथ ही इससे कोई बड़ा निशान और घाव नहीं होता है।
घरेलू उपचार
आहार: सर्जरी के बाद बहुत से लोग 2 से 6 हफ्ते के अंदर ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा उन्हें कोई बड़ी और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है। ज्यादातर लोगों को अपने आहार और व्यायाम या जीवन शैली में बदलाव करने की जरूरत नहीं होती है।
होम्योपैथिक उपचार
अपेंडिसाइटिस के होम्योपैथिक उपचार में कुछ होम्योपैथिक रेमेडी का उपयोग करने की जरूरत होती है।
- अर्निका: इस रेमेडी का उपयोग सेप्टिक वाले मामलों में किया जाता है। साथ ही इसे सर्जरी के बाद घावों का इलाज करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
- आर्सेनिक: सेप्टिक की स्थिति में जब प्रभावित व्यक्ति को कमजोरी और भूख की कमी महसूस होती है, तो तब आर्सेनिक का प्रयोग किया जाता है। इसके लक्षणों में ठंड लगना, दस्त, घबराहट और बेचैनी जैसे लक्षण शामिल हैं, जिनका इलाज इसकी मदद से किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में उल्टी करने से मरीज को आराम महसूस हो सकता है।
- बेलाडोना: इसका उपयोग अपेंडिसाइटिस के शुरुआती चरणों में किया जाता है, जब प्रभावित व्यक्ति को गंभीर दर्द का अनुभव होता है।
आयुर्वेद
अगर किसी मरीज को एक्यूट अपेंडिसाइटिस है, तो उसका इलाज अंतरविद्राडी और धातु पाखारा औषधि, अमा पचाना पौसदास का उपयोग करके किया जा सकता है। पुरानी स्थितियों में मरीज को अस्पताल रेफर करना बेहतर होता है।
एलोपैथिक उपचार
अगर अपेंडिक्स या जटिलताओं का कोई बड़ा परफोरेशन नहीं है, तो एक डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ हल्के से मध्यम गंभीर अपेंडिसाइटिस का प्रबंधन कर सकते हैं। इसके अलावा मरीजों को एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करके भी सूजन से राहत मिलती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कितने मरीज एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक होते हैं। इस एंटीबायोटिक उपचार में दो दिनों के लिए इंट्रावीनस एंटीबायोटिक शामिल हैं। अगर मरीज 24 घंटे के अंदर एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक नहीं होते हैं, तो उन्हें तुरंत सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
रोकथाम
अपेंडिसाइटिस को रोकने के कोई तरीके नहीं हैं। हालांकि, यह उन लोगों में कम आम है, जो फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। इनमें ताजी सब्जियां और फल शामिल हैं। अगर आप भी इसके लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को फोन करें। इसके अलावा सबसे बेहतर गुणवत्ता वाली जांच और उचित उपचार के लिए आप मंत्रा केयर के साथ अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।
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