हर्निया का अवलोकन
हर्निया एक बहुत ही सामान्य चिकित्सा स्थिति है, जहां एक अंग मांसपेशियों या ऊतक में एक छेद के माध्यम से धक्का देता है। हर्निया शरीर के अलग-अलग हिस्सों में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह पेट, कूल्हों या छाती जैसे हिस्से में दिखाई देते हैं। कभी-कभी हर्निया कमर के हिस्से और ऊपरी जांघ में भी दिखाई देता है। हर्निया किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 50 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में यह सबसे आम हैं।
हर्निया एक गंभीर स्थिति है और अगर इसका जल्द इलाज नहीं किया जाए, तो यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है। हर्निया से जुड़ी कुछ जटिलताओं में आंतों में रुकावट, दम घुटना और छेद शामिल हैं। इसलिए अगर आपको हर्निया के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपके लिए जल्द से जल्द चिकित्सा उपचार लेना बहुतच जरूरी है।
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हर्निया के कारण
कमजोर मांसपेशियां और खिंचाव हर्निया के दो सबसे आम कारण हैं। कुछ मामलों में हर्निया बहुत जल्दी विकसित हो सकता है, जबकि अन्य में यह लंबे समय तक विकसित होता है। कुछ प्रमुख कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं, जो हर्निया की समस्या का कारण बन सकते हैं:
- भारी वजन उठाना- भारी वजन उठाना या लंबे समय तक ज़ोरदार व्यायाम करना हर्निया के प्रमुख कारक के रूप में पाया गया है।
- कब्ज या दस्त- अगर आप लंबे समय से पुरानी कब्ज या दस्त से पीड़ित हैं, तो आपको हर्निया होने का संभावित खतरा है।
- लगातार खांसी- पुरानी खांसी की तरफ ले जाने वाले कोई भी कारक, जैसे धूम्रपान। यह आपको हर्निया से पीड़ित कर सकता है।
- खराब पोषण- आपका आहार हर्निया के निर्माण या रोकथाम में प्रमुख भूमिका निभाता है। खराब गुणवत्ता वाले आहार या बहुत ज्यादा मसालेदार भोजन के सेवन से आपको हर्निया हो सकता है।
इनके अलावा हर्निया की संभावना को बढ़ाने वाले अन्य कारक भी हैं। ऐसे ही कुछ कारक इस प्रकार हैं:
- पारिवारिक इतिहास
- उम्र बढ़ना
- गर्भावस्था
- समय से पहले जन्म
- सिस्टिक फाइब्रोसिस
हर्निया के लक्षण
हर्निया आमतौर पर दर्द रहित होता है और इससे तत्काल कोई समस्या नहीं होती है। हालांकि, अगर आप बढ़ने वाली हर्निया से पीड़ित हैं, तो आपको उस पर चिकित्सकीय ध्यान देने की जरूरत होती है। हर्निया जब बड़ा हो जाता है, तो इसमें लगातार बेचैनी और दर्द हो सकता है। यह स्थिति तब ज्यादा खराब हो जाती है, जब व्यक्ति लंबे समय तक खड़ा रहता है, पेशाब या मल त्याग करते समय बहुत ज्यादा खिंचाव करता है या कोई भारी चीज उठाता है। अगर आप देखते हैं कि सूजन बढ़ गई है या दर्द हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। कुछ बदतर मामलों में एक हर्निया बहुत ज्यादा विकसित हो सकता है। उस स्थिति में व्यक्ति को तत्काल सर्जरी के लिए जाने की जरूरत होती है। हर्निया का सबसे आम लक्षण एक उभार है, जो स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। हालांकि, हर्निया के प्रकार के आधार पर आपके लक्षण अलग हो सकते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- उभरे हुए हिस्से के पास दर्द या जलन महसूस होना
- भारी सामान उठाने या खांसने के दौरान कमर के पास दर्द या तकलीफ होना
- अगर आप गंध की कमी का अनुभव करते हैं।
- मतली और उल्टी
- निगलने में परेशानी
- छाती में दर्द
हर्निया के प्रकार
वैरिकोसेल दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें आगे 3 प्रकारों में बांटा जा सकता है।
इनगुइनल हर्निया
यह हर्निया का सबसे आम प्रकार है। यह तब दिखाई देता है, जब आंत पेट की दीवार की कमजोर मांसपेशियों से बाहर निकलती है। पुरुषों में हर्निया के इस प्रकार का ज्यादा खतरा होता है।
हियातल हर्निया
हर्निया के इस रूप में पेट डायाफ्राम के माध्यम से छाती गुहा में फैलता है। बुजुर्ग लोग और खासतौर से 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग हर्निया के इस रूप से ग्रस्त हैं।
अम्बिलिकल हर्निया
हर्निया का यह रूप शिशुओं और बच्चों में देखा जाता है, लेकिन यह वयस्कों को भी हो सकता है। इस हर्निया में बच्चे की आंतें नाभि के पास पेट की दीवार से बाहर निकलती हैं।
वेंट्रल हर्निया
यह हर्निया तब होता है, जब ऊतक पेट की कमजोर मांसपेशियों के माध्यम से उभरता है। वेंट्रल हर्निया मुख्य रूप से गर्भावस्था, मोटापे और लगातार ज़ोरदार गतिविधियों के कारण होता है।
हर्निया का उपचार
निदान
हर्निया का निदान करने के लिए डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण करते हैं। इसके लिए वह आपके कमर के हिस्से में उभार की भी जांच कर सकते हैं। साथ ही आपको खड़े होने और खांसने या तनाव के लिए कहा जा सकता है। इससे डॉक्टर को हर्निया का बेहतर निदान करने में मदद मिलती है। अगर शारीरिक परीक्षण से हर्निया स्पष्ट नहीं है, तो आपके लिए सीटी स्कैन, पेट के अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षण की सिफारिश की जा सकती है।
आयुर्वेद उपचार
जब हर्निया की बात आती है, तो आयुर्वेद उपचार के पारंपरिक और सबसे विश्वसनीय रूपों में से एक है। हर्निया के आयुर्वेदिक उपचार में थेरेपी/रीति-रिवाज, जड़ी-बूटियां और दवाएं दोनों शामिल हैं। शेहाना – इस प्रक्रिया में शरीर में अलग-अलग चैनलों के जरिए विषैले पदार्थों से छुटकारा पाने के लिए मरीज के शरीर पर जरूरी या औषधीय तेलों की मालिश की जाती है। इस प्रक्रिया के लिए आमतौर पर टीला तेल या घी का उपयोग किया जाता है। निरुहा बस्ती – इसे अस्थाना बस्ती के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया में कमजोर ऊतकों की मालिश के लिए हर्बल तेल और दूध के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। इस उपचार से गुजरने के बाद मरीज को उचित आहार का पालन करने की जरूरत होती है। पिंडा स्वेडा – इसमें प्रभावित हिस्से पर औषधीय तेल लगाया जाता है और फिर उस पर गर्म चावल के पेस्ट की पुल्टिस लगाई जाती है। हर्निया का उपचार करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और दवाओं पर भरोसा किया दा सकता है। इनमें शामिल हैं:
- हिंगु
- कुटाजा
- सेन्ना
- करंज
- मंजिष्ठ
- त्रिफला गुग्गुलु
- गंधक रसायन
सर्जरी
हर्निया का उपचार करने का सबसे प्रभावी तरीका सर्जिकल रिपेयर है। अगर हर्निया की स्थिति गंभीर है, तो सर्जरी इसका सबसे अच्छा इलाज है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दर्दनाक हर्निया बहुत असुविधा पैदा कर सकता है। ऐसे में भविष्य में किसी भी संभावित जोखिम को रोकने के लिए व्यक्ति को सर्जरी से गुजरने का सुझाव दिया जाता है। आमतौर पर हर्निया के लिए दो प्रकार के ऑपरेशन होते हैं। इनमें शामिल हैं:
- ओपन हर्निया सर्जरी: इस प्रक्रिया में डॉक्टर कमर के हिस्से में एक चीरा लगाते हैं और उभरा हुआ ऊतक पेट में धकेलते हैं। इसके बाद सर्जन कमजोर हिस्से को ज्यादातर सिंथेटिक मैश के साथ सिलाई करते हैं। फिर सर्जन सर्जिकल क्लू का उपयोग करके छेद को बंद करते हैं या टांके लगाते हैं। यह सर्जरी की पारंपरिक प्रक्रिया है और मरीज को पूरी तरह से ठीक होने के लिए 3 से 5 हफ्ते की जरूरत हो सकती है।
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: सर्जरी का यह रूप पारंपरिक की तुलना में कहीं ज्यादा एडवांस है और यह कम आक्रामक भी है। इसके लिए डॉक्टर पेट में बहुत छोटे चीरे लगाते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टर छोटे से के चीरे के जरिए लैप्रोस्कोप नाम का एक छोटा कैमरा डालते हैं। कैमरे का उपयोग करते हुए वह हर्निया का बेहतर निदान करते हैं और सिंथेटिक मैश का उपयोग करके इसे ठीक करते हैं। यह प्रक्रिया दर्दनाक नहीं है और इसके लिए किसी व्यक्ति को ठीक होने के लिए बहुत कम समय की जरूरत होती है।
घरेलू उपचार
- एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें।
- दिन में छह बार छोटा भोजन करें।
- मसालेदार भोजन और कैफीनयुक्त पेय से बचें।
- भोजन करने के तुरंत बाद बिस्तर पर न जाएं।
- अपने पेट से दबाव कम करने के लिए वजन घटाएं।
- हर्निया को सहारा देने के लिए ब्रेस या ट्रस पहनें।
- इनक्लाइन लेग लिफ्ट्स, इनक्लाइंड साइकलिंग, पिलो स्क्वीज आदि जैसे व्यायाम करें।
- आहार: आपके आहार में निम्नलिखित विकल्प शामिल होने चाहिए:
- पत्तेदार साग
- नट्स और बीज
- साबुत अनाज
- मटर और बीन्स
- बिना खट्टे फल और जूस
- लीन प्रोटीन
- मछली और टोफू
- दालचीनी
- अदरक
- सेब का सिरका
- बचें: हर्निया का उपचार करवाने वाले लोगों को निम्नलिखित से बचना चाहिए:
- तला हुआ या तैलीय भोजन
- लाल मांस
- कैफीन
- शराब
- टमाटर
- चॉकलेट
- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
- व्यायाम: अगर आप हर्निया से पीड़ित हैं, तो निम्नलिखित व्यायाम आपको इससे राहत पाने में मदद कर सकते हैं। यह अभ्यास करने में बहुत आसान हैं और बिना किसी पेशेवर मदद के घर पर इनका पालन किया जा सकता है।
- सिंगल लेग राइजिंग: दोनों हाथों को साइड में करके फर्श पर लेट जाएं। धीरे-धीरे सांस अंदर लें और एक पैर को बिना घुटने को झुकाए ऊपर उठाएं। दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। इसे 15 से 20 बार दोहराते रहें।
- एम्ब्र्यो: अपनी बाहों को फैलाकर लेट जाएं। अपने घुटनों को मोड़ें, पैरों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे सांस लें। अब सांस छोड़ते हुए घुटनों को छाती के पास लाएं और कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें। इसके बाद अपनी ठुड्डी को घुटनों के पास ले आएं। बाद में अपने पैर को फैलाएं और हवा में घुमाएं । इस प्रकार प्रत्येक पैर के साथ यह प्रक्रिया लगभग 5 बार दोहराएं।
- हेड लिफ्टिंग: अपनी भुजाओं को अपनी तरफ फैलाएं और लेट जाएं। बाद में अपना सिर, हाथ और कंधे उठाएं। ऐसा करते हुए सांस छोड़ें और कुछ सेकंड के लिए रुकें। सांस भरते हुए पुरानी स्थिति में आ जाएं, जिसके बाद यह प्रक्रिया 20 बार दोहराएं।
एलोपैथिक उपचार
दुर्भाग्य से ऐसी कोई दवाएं नहीं हैं, जो सीधे हर्निया का इलाज कर सकें। ओवर-द-काउंटर दवाएं असुविधा को दूर कर सकती हैं, लेकिन सिर्फ अस्थायी रूप से। इसके लिए डॉक्टर दवाएं लिख सकते हैं, जो हर्निया की स्थिति को खराब होने से रोक सकती हैं। हालांकि, स्थायी इलाज या राहत के लिए सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है।
होम्योपैथिक उपचार
होम्योपैथिक दवाएं बीमारी के लक्षणों पर काम करती हैं। ऐसी ही कुछ सामान्य होम्योपैथिक दवाओं में शामिल हैं-
- नक्स वोमिका: यह एक प्राकृतिक दवा है, जिसका उपयोग लगभग सभी प्रकार के हर्निया का उपचार करने के लिए किया जाता है। यह दवा शिशुओं और छोटे बच्चों में अम्बिलिकल हर्निया के इलाज में फायदेमंद है।
- कैल्केरिया कार्बोनिया: इस दवा का सुझाव उन लोगों के लिए दिया जाता है, जिनके पेट की मांसपेशियां कमजोर हैं और उनके पेट में बहुत ज्यादा वसा है।
- रेहेस टॉक्सिकोडेंड्रोन: इसका उपयोग बहुत ज्यादा वजन उठाने और तनाव की वजह से होने वाले हर्निया का इलाज करने के लिए किया जाता है।
- लाइकोपोडियम क्लैवाटम: कमजोर पाचन और बहुत ज्यादा पेट फूलने वाले हर्निया के मरीजों का इलाज करने के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है।
जटिलताएं
अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो एक हर्निया के कारण आपको कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:
- इंकार्सिरेटेड हर्निया: अगर हर्निया कमजोर पेट की दीवार में फंस जाता है, तो यह मल त्याग में रुकावट पैदा कर सकता है। इसके कारण आपको गंभीर दर्द और उल्टी हो सकती है।
- स्ट्रैंगुलश: हर्निया अगर लगातार बढ़ता रहता है, तो आंत का स्ट्रैंगुलशन हो सकता है। यह बहुत जोखिम भरा है और अक्सर जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
- आस-पास के ऊतकों पर दबाव: अगर सर्जरी द्वारा मरम्मत नहीं की जाती है, तो हर्निया बढ़कर ज्यादा बड़ा हो सकता है। इस प्रकार यह अंडकोश तक फैल सकता है, जिससे आपको असुविधा और दर्द का अनुभव हो सकता है।
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