MantraCare

बढ़ी हुई नसें (वेरीकोज वेन्स): लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम

वेरीकोज वेन्स मुड़ी और बढ़ी हुई नसें होती हैं। यह आमतौर पर पैरों पर होती हैं, जिन्हें त्वचा के माध्यम से देखा जा सकता है। यह नीली या गहरे बैंगनी रंग की हो सकती हैं और अक्सर दिखने में गांठों से भरी, उभरी हुई या रस्सी जैसी होती हैं।

बढ़ी हुई नसों का अवलोकन

वेरीकोज वेन्स नसें को वेरीकोज या वेरीकोसाइटिस भी कहा जाता है। यह बढ़ी हुई और फैली हुई नसें होती हैं, जो खून से भरी होती हैं। बढ़ी हुई नसें आमतौर पर टागों और पैरों को प्रभावित करती हैं। बढ़ी हुई नसों का एक प्रकार है, जिसे स्पाइडर वेन्स के रूप में जाना जाता है। बढ़ी हुई नसें सूजन और नीली-बैंगनी या लाल रंग के साथ उभरी दिखाई देती हैं। विश्व स्तर पर बढ़ी हुई नसों की व्यापकता वयस्कों में लगभग 5 प्रतिशत से 30 प्रतिशत होने का अनुमान है। हालांकि, ऐसा कोई डेटा नहीं है, जो भारत में इसका सटीक अनुमान बता सके। त्वचा की सतह पर नसों के एक नेटवर्क के अलावा पैर की मांसपेशियों के अंदर भी नसों का नेटवर्क होता है। आप इनमें भी बढ़ी हुई नसें विकसित कर सकते हैं। यह गहरी बढ़ी हुई नसें आंखों को दिखाई नहीं देती हैं, लेकिन पूरे पैरों में सूजन या दर्द पैदा कर सकती हैं। इसके कुछ गंभीर मामलों में खून खून की गांठ यानी ब्लड क्लॉट भी विकसित हो सकते हैं।

मुफ्त परामर्श

बढ़ी हुई नसों के उपचार की कीमत का अंदाजा लगाएं

  • Hidden

बढ़ी हुई नसों से संबंधित तथ्य

varicose-veins
varicose veins

बढ़ी हुई नसों से संबंधित कुछ सामान्य तथ्य इस प्रकार हैं:

  • उम्र बढ़ी हुई नसों की स्थिति को ज्यादा खराब कर सकती है। हालांकि, जिन युवाओं को बिना ब्रेक के लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना पड़ता है, उन्हें भी बढ़ी हुई नसों की समस्या हो सकती हैं।
  • आनुवंशिक कारकों के कारण बढ़ी हुई नसें विकसित हो सकती हैं।
  • बढ़ी हुई नसें सिर्फ एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं हैं। इसके अलावा ज्यादातर लोगों को भारीपन, ऐंठन, सूजन, सूखापन और खुजली महसूस होती है। यह त्वचा के काले पड़ने, अल्सर, खून बहने आदि के लक्षण हैं।

बढ़ी हुई नसों के कारण

Wearing-tight-clothes
मोटापा
Menopause
मासिक धर्म बंद होना
pregnancy
गर्भावस्था
People Above 50
50 साल से ज्यादा उम्र
Family History of Varicose Veins
बढ़ी हुई नसों का पारिवारिक इतिहास
People-who-have-to-stand-for-long-periods
ज्यादा समय तक खड़े रहना

बढ़ी हुई नसों के प्रकार

ट्रंक वेरीकोज वेन्स

यह नीली, बैंगनी या मांस के रंग की हो सकती हैं, जो अक्सर त्वचा से बाहर निकल जाती हैं और मुड़ या गुच्छा बन सकती हैं।

रेटिकुलर वेरीकोज वेन्स

रेटिकुलर वेरीकोज वेन्स ट्रंक वेन्स की तुलना में छोटी और कम दिखाई देती हैं। यह अक्सर लाल या नीले रंग की होती हैं।

टेलैंगिएक्टेसिया वेन्स

यह नस का सबसे छोटा प्रकार है, जो बहुत बारीक हैं और मुश्किल से दिखाई दे सकती हैं। आमतौर पर यह लाल, नीले या मांस के रंग की हो सकती हैं।

आर्टिरियल वेरीकोज वेन्स

धमनियों में वेरीकोज वेन्स भी हो सकती हैं। यह खतरनाक हो सकती हैं और आमतौर पर नीले रंग की होती हैं।

लक्षण और संकेत

varicose veins

बढ़ी हुई नसों के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • गहरे बैंगनी या नीली रक्त वाहिकाएं, जो जांघ और पिलडियों पर दिखाई देती हैं।
  • ऐसी नसें, जो मुड़ी, सूजी हुई और गांठदार दिखती हैं।
  • पैरों में दर्द या भारीपन महसूस होना, खासतौर से व्यायाम करने के बाद या रात के समय।
  • प्रभावित हिस्से में मामूली चोट से खून बह सकता है।
  • एड़ियों की सूजन।
varicose veins

कुछ ऐसी स्थितियां है, जिन्हें चिकित्सा हस्तक्षेप की जरूरत हो सकती है:

  • डर्मेटाइटिस – इस स्थिति के लक्षण परतदार त्वचा, त्वचा का काला पड़ना और अल्सर हैं।
  • फ्लेबाइटिस – बढ़ी हुई नसों के लक्षणों में लालपन, गर्मी और कोमलता शामिल है। ऐसा नसों में खून के थक्कों की वजह से हो सकता है।
  • एट्रोफी ब्लैंच – इसके लक्षण में सफेद धब्बे शामिल होते हैं, जो अक्सर निशान की तरह दिखाई देते हैं।

बढ़ी हुई नसों का निदान

बढ़ी हुई नसों का निदान आमतौर पर एक शारीरिक परीक्षा से शुरू होता है। इसमें प्रभावित हिस्से की एक झलक देखने के बाद डॉक्टर पुष्टि करते हैं कि क्या यह बढ़ी हुई नसें हैं। इसके बाद शुरुआती निदान की पुष्टि करने के लिए निम्नलिखित टेस्ट की सिफारिश की जाती है-

डॉपलर टेस्ट

इसमें उच्च आवृत्ति वाली तरंगों की मदद से डॉक्टर धमनियों और शिराओं से बहने वाले खून की मात्रा को मापते हैं।

कलर डुप्लेक्स स्कैन

यह खून बहने की गति और अन्य पहलुओं को मापने के लिए किया जाने वाला ट्रेडिशनल अल्ट्रासाउंड और डॉपलर टेस्ट है।

वेनोग्राम

यह एक खास तरह का एक्स-रे है, जो नसों में डाई को इंजेक्ट करता है, ताकि यह एक्स-रे पर दिखाई दें और यह दिखाया जा सके कि खून कितनी अच्छी तरह बह रहा है।

ट्रांसड्यूसर

यह एक साबुन बार के आकार के बारे में है, जो नसों की तस्वीर बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है।

बढ़ी हुई नसों का उपचार

Ayurveda

वैरिकाज़ नसों के लिए आयुर्वेद उपचार

आयुर्वेद के अनुसार ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो बढ़ू हुई नसों को ठीक करने में मदद कर सकती हैं। इन जड़ी-बूटियों में शामिल हैं:

  • अमलाकी
  • अर्जुन
  • अश्वगंधा
  • ब्राह्मी
  • गुडुची
  • गुग्गुल
  • शतावरी
  • लहसुन
  • अदरक
  • प्याज

 थोड़े समय तक राहत के लिए स्थानीय अनुप्रयोगों के लिए कुछ आयुर्वेदिक तेल हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

  • प्रसारिणी तेल
  • चंदनबाला तेल
  • महानारायण तेल
  • ब्राह्मी तेल
  • गाजर के बीज का एसेंशियन तेल
  • सहचारणी तेल
Surgery

बढ़ी हुई नसों के लिए सर्जरी

  • वेन लिगेशन और स्ट्रिपिंग: इस प्रक्रिया में कट और चीरे शामिल हैं, इसलिए इसे एनेस्थीसिया की मदद से किया जाता है। डॉक्टर त्वचा और फिर बढ़ी हुई नसों में कट लगाते हैं। इस चीरे के माध्यम से बढ़ी हुई नसों को हटा दिया जाता है। कम से कम आक्रामक सर्जिकल विकल्पों के आने से नस बांधना और अलग करना कम आम हो गए हैं।
  • रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन: उपचार विकल्प नस को खत्म करने के लिए गर्मी का उपयोग करता है। लोकल एनेस्थीसिया के प्रभाव में पूरी प्रक्रिया को पूरा करने और प्रदर्शन में सिर्फ 30 मिनट लगते हैं। हालांकि, इसके नतीजे अल्पकालिक हैं।
  • लेजर सर्जरी: यह बढ़ी हुई नसों का इलाज करने के लिए सबसे प्रभावी उपचार विकल्प के रूप में लोकप्रिय है। यह एनेस्थीसिया की मदद से की जाने वाली 30 मिनट की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड मशीन के जरिए एक छोटा लेजर पास करते हैं। यह लेजर फायर बीम है, जो बढ़ी हुई नस को ब्लॉक करता है। यह डे-केयर उपचार विकल्प तेजी से ठीक होने की पेशकश करता है और इसमें कम से कम दर्द होता है। यह सर्जिकल विकल्प जटिलताओं का कम से कम जोखिम भी सुनिश्चित करता है।
  •  स्क्लेरोथेरेपी: इस प्रक्रिया में डॉक्टर प्रभावित नसों में एक सॉल्यूशन इंजेक्ट करते हैं, जिससे यह निशान बन जाता है। यह खून को स्वस्थ नसों के माध्यम से प्रवाहित करने के लिए बोदारा र्निर्देशित करता है। इससे ब्लॉक नसों को दोबारा अवशोषित कर लिया जाता है। जब इसे छोटी नसों को ब्लॉक करने के लिए किया जाता है, तो प्रक्रिया को माइक्रोस्क्लेरोथेरेपी कहा जाता है।
Home Remedies

बढ़ी हुई नसों का घरेलू उपचार

  • आहार: सोडियम युक्त या नमकीन भोजन से जल प्रतिधारण होता है। इसलिए, नमकीन भोजन के दैनिक सेवन में कटौती करें। इनकी जगह पोटैशियम से भरपूर भोजन को शामिल करें, जैसे-
    • बादाम
    • पिस्ता नट्स
    • दाल और सफेद बीन्स
    • आलू
    • पत्तीदार हरी सब्जियां
    • सैल्मन और टूना जैसी मछली
  • तनाव से बचें: पुरानी कब्ज के कारण ज्यादा तनाव से डैमेज वाल्व खराब हो सकते हैं। ऐसा में कब्ज को रोकने के लिए फाइबर की उच्च मत्रा वाला भोजन खाएं, ताकि चिकना मल त्याग हो और कब्ज को रोका जा सके। उच्च फाइबर वाले भोजन में शामिल हैं-
    • नट्स, बीज और फलियां
    • ओट्स, गेहूं, और अलसी के बीज
    • साबुत अनाज से तैयार भोजन
  • फ्लेवोनोइड युक्त भोजन: डॉक्टरों द्वारा पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने की सलाह दी जाती है। इस प्रकार का भोजन धमनियों में रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर को भी कम करने और उन्हें आराम देने में मदद करता है। उनमें से कुछ विकल्पों में शामिल हैं-
    • प्याज, शिमला मिर्च, पालक और ब्रोकली जैसी सब्जियां
    • खट्टे फलों के साथ-साथ अंगूर, चेरी, सेब और ब्लूबेरी
    • कोको
    • लहसुन
  • व्यायाम: दैनिक आधार पर आपको 30 मिनट के लिए किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में शामिल होने की सलाह दी जाती है। बढ़ी हुई नसों का इलाज करने के लिए कुछ व्यायाम हैं-
    • टहलना
    • साइकिल चलना
    • टांग उठाना
    • लंजेस
    • पैर हिलाना
    • पैर ऊपर उठाना

बढ़ी हुई नसों की जटिलताएं

दुर्लभ मामलों में बढ़ी हुई नसें निम्नलिखित जटिलताओं का कारण बनती हैं:

अल्सर

त्वचा पर फीका पड़ा हुआ स्थान, जो आगे अल्सर में बदल सकता है। आमतौर पर यह अल्सर दर्दनाक हो सकते हैं।

खून के थक्के

लगातार दर्द या सूजन के कारण पैरों की गहरी नसों में खून के थक्के बनने की संभावना ज्यादा होती है।

खून बहना

कई बार प्रभावित नसों में कोई भी चोट खून बहने का कारण बन सकती है। कुछ गंभीर मामलों में त्वचा फट सकती है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत होती है।

ब्रोमीन 30

यह सर्जरी के बाद जटिलताओं या लक्षणों के बार-बार होने से छुटकारा पाने में सक्रिय रूप से काम करती है।

बढ़ी हुई नसों से संबंधित तथ्य

बढ़ी हुई नसों की घटना को रोकने के लिए एक स्वस्थ आहार और जीवनशैली बहुत जरूरी है।

varicose veins

आपके द्वारा पालन किए जा सकने वाले कुछ स्वस्थ सुझावों की जानकारी नीचे प्रदान की गई है:

  • संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें कम वसा और कार्बोहाइड्रेट शामिल हों। इसमें ताजे फल और सब्जियां भी शामिल होनी चाहिए।
  • विटामिन सी की दैनिक खुराक लेना सुनिश्चित करें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों को मजबूत करता है।
  • कब्ज का जोखिम कम करने के लिए उच्च फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
  • जितना हो सके मीठा, तला हुआ, जंक फूड से परहेज करें। इसके अलावा तंबाकू, नमक, शराब, प्रसंस्कृत और परिष्कृत भोजन का सीमित सेवन करना सुनिश्चित करें।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए रोजाना पैदल चलना, तैरना और साइकिल चलाने जैसे व्यायाम करें।
  • जब आपको बढ़ी हुई नसों का निदान किया जाता है, तो तंग कपड़े पहनने से परहेज करें।
  • रक्त के प्रवाह को सुचारू बनाने के लिए लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें।
  • भारी वजन नहीं उठाएं और न ही पैरों पर ज्यादा दबाव डालें।
Happy-Clients

30000+
खुश रोगी

Surgeries

10000+
सर्जरी

Doctor

100+
डॉक्टरों

Clinics

70+
क्लिनिक

Location

20+
शहर

Hospitals

200+
अस्पताल

हमारे नैदानिक ​​पदचिह्न

हम मंत्रा देखभाल प्रौद्योगिकी से आसान भंडारण और जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं। यहां, मरीज एक ही स्थान से वर्चुअल डॉक्टर परामर्श, उपचार योजना, नुस्खे आदि से आसानी से नोट्स प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी डिजिटल डिवाइस से 24/7 चिकित्सा जानकारी प्राप्त करें।

मंत्रा केयर का उद्देश्य मरीजों को उनके किफायती और गुणवत्ता आधारित चिकित्सा उपचार के माध्यम से अधिक कुशल अनुभव प्रदान करना है।
हम अपनी कंपनी को रोगियों के लिए सबसे अच्छा विकल्प बनाते हुए लगभग हर स्वास्थ्य समस्या के लिए अपेक्षाकृत कम लागत वाले उपचार प्रदान करते हैं। मंत्रा केयर तकनीक सदस्यों और डॉक्टरों के लिए सभी मैनुअल कार्यों को स्वचालित करती है, जिससे यह कम लागत वाले उपचार प्राप्त करने के लिए एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है।