Contents
- 1 मोतियाबिंद परीक्षण (कैटरैक्ट टेस्ट) क्या है – What Is Cataract Test In Hindi
- 2 मोतियाबिंद परीक्षण के लिए सही समय – Right Time For Cataract Test In Hindi
- 3 मोतियाबिंद परीक्षण के दौरान क्या होता है – What Happens During A Cataract Test In Hindi
- 4 मोतियाबिंद परीक्षण की जरूरत – Need Of Cataract Test In Hindi
- 5 मोतियाबिंद परीक्षण के प्रकार – Types Of Cataract Test In Hindi
- 6 मोतियाबिंद परीक्षण के फायदे – Benefits Of Cataract Test In Hindi
- 7 मोतियाबिंद परीक्षण की प्रक्रिया – Procedure Of Cataract Test In Hindi
- 8 मोतियाबिंद परीक्षण के जोखिम – Risks Of Cataract Test In Hindi
- 9 निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
मोतियाबिंद परीक्षण (कैटरैक्ट टेस्ट) क्या है – What Is Cataract Test In Hindi
मोतियाबिंद परीक्षण एक आसान प्रक्रिया है, जिसका उपयोग मोतियाबिंद की उपस्थिति की जांच और निदान के लिए किया जाता है। मोतियाबिंद आंख के लेंस का धुंधलापन या अपारदर्शिता है, जिसके कारण दृष्टि हानि या अंधापन भी हो सकता है। प्राथमिक और माध्यमिक सहित मोतियाबिंद के दो मुख्य प्रकार हैं। प्राथमिक मोतियाबिंद सबसे आम प्रकार हैं, जो उम्र, चोट या बीमारी के कारण लेंस में आए धुंधलेपन के कारण किसी भी उम्र विकसित हो सकता है। जबकि, माध्यमिक मोतियाबिंद डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान और यूवी जोखिम जैसे अन्य कारकों के कारण होता है।
आमतौर पर मोतियाबिंद परीक्षण में रोशनी और अंधेरे के बीच विपरीत प्रभाव पैदा करने के लिए आंखों में आईड्रॉप डालना शामिल है। फिर, डॉक्टर यह मापने के लिए एक उपकरण का उपयोग करते हैं कि समय पर प्रत्येक बिंदु पर आपकी आंखों में कितनी रोशनी डाल रहा है। इससे वह निर्धारित करते हैं कि क्या आपके लेंस के अंदर धुंधलेपन से कोई नुकसान हुआ है। अगर कोई नुकसान होता है, तो आपके लिए यह जरूरी हो सकता है कि धुंधले लेंस को निकालने के लिए सर्जरी की जाए और इसे आर्टिफिशियल लेंस से बदला जाए।
आंखों की सबसे आम स्थितियों में से एक मोतियाबिंद लेंस पर धुंलले पैच जमाना है, जो आपके रेटिना में रोशनी के गुजरने को रोकता है। मोतियाबिंद के कई प्रकार हैं, जिनमें सबसे आम लक्षण लेंस का धुंधलापन है। मोतियाबिंद परीक्षण की प्रक्रिया को जानकर आपको प्रक्रिया और संभावित जटिलताएं समझने में मदद मिल सकती है। मोतियाबिंद का सबसे आम कारण उम्र है। लेंस घिसने से प्रोटीन और अन्य मलबे का निर्माण हो सकता है, जिससे मोतियाबिंद बनता है। मोतियाबिंद में योगदान देने वाले अन्य कारकों में यूवी रेडिएशन और धूम्रपान शामिल हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम मोतियाबिंद परीक्षण के प्रकार, फायदे और जोखिम सहित कई जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे।
मोतियाबिंद परीक्षण के लिए सही समय – Right Time For Cataract Test In Hindi
मोतियाबिंद का विकास उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के दौरान सबसे आम होता है, लेकिन यह हर किसी के लिए नहीं है। इसके अलावा मोतियाबिंद के पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान करने वाले और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भी मोतियाबिंद हो सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह सभी कारक आपको मोतियाबिंद के उच्च जोखिम में डालते हैं। निम्नलिखित लक्षणों से आप मोतियाबिंद की पहचान कर सकते हैं:
- तेज रोशनी में धुंधली या अस्पष्ट दृष्टि और लंबे समय तक दोहरी दृष्टि का बने रहना।
- रंगों का पहले की तुलना में धुंधला दिखना।
- पिछलें कुछ वर्षों के मुकाबले प्रिस्क्रिप्शन में बार-बार बदलाव होना।
अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो आपको मोतियाबिंद हो सकता है। ऐसे में सटीक निदान और प्रभावी उपचार के लिए आपको जल्द से जल्द किसी अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
मोतियाबिंद परीक्षण के दौरान क्या होता है – What Happens During A Cataract Test In Hindi
कई बार मोतियाबिंद का निदान करना बहुत मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ आंखों की व्यापक जांच के दौरान तीन परीक्षण करते हैं। इनके उपयोग से नेत्र रोग विशेषज्ञ को समस्या का पता लगाने और सटीक उपचार प्रदान करने में मदद मिल सकती है। परीक्षणों की इस विस्तृत श्रृंखला में विजुअल एक्विटी टेस्ट, रेटिनल एक्जाम और स्लिटलैंप एक्जामिनेशन शामिल हैं।
विजुअल एक्विटी टेस्ट
अगर आपको कभी भी विजुअल एक्विटी टेस्ट करवाने के लिए कहा जाता है, तो डॉक्टर आपको एक बार में एक आंख के चार्ट से अलग-अलग आकार के अक्षर पढ़ने के लिए कहते हैं। इन्हें पढ़कर आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपको कोई दृष्टि समस्या है या नहीं।
रेटिनल एक्जाम
रेटिनल एक्जाम में यह देखने के लिए आपकी आंख के पीछे की जांच शामिल होती है कि आपका लेंस मोतियाबिंद से प्रभावित हो रहा है या नहीं। डॉक्टर द्वारा रेटिना की जांच के लिए आपको अलग प्रिस्क्रिप्शन वाली आईड्रॉप दी जाती है, जिससे उन्हें आपकी पुतलियों को फैलाने में मदद मिलती है। एक बार जब आपकी पुतलियां पूरी तरह फैल जाती हैं, तो डॉक्टर आपके रेटिना को स्लिट लैंप या ऑप्थाल्मोस्कोप से देखते हैं।
स्लिटलैंप एक्जामिनेशन
स्लिटलैंप एक्जामिनेशन से डॉक्टर को आपकी आंखों के अंदर मोतियाबिंद जैसी असामान्यताओं का पता लगाने में मदद मिलती है। इस एक्जामिनेशन में आंख के अंदर आईरिस और कॉर्निया सहित आपकी पलकें साफ करने और बेहतर दृष्टि देने के लिए प्रकाश की एक मजबूत किरण का उपयोग शामिल है।
मोतियाबिंद परीक्षण की जरूरत – Need Of Cataract Test In Hindi
सभी मोतियाबिंद एक जैसे नहीं होते हैं और सबसे अच्छे नतीजे प्राप्त करने के लिए उन्हें अक्सर कई उपचारों की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप या आपके कोई परिचित धुंधली दृष्टि या रोशनी के चारों तरफ चकाचौंध दिखने जैसे मोतियाबिंद के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो कोई भी फैसला लेने से पहले अपनी सभी दृष्टि समस्याओं के बारे में नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात करना जरूरी है। दृष्टि संबंधी समस्याएं जटिल होती हैं और कभी-कभी यह पता लगाना मुश्किल हो सकता है कि आपको किस चीज की जरूरत हो सकती है। ऐसे में किसी अनुभवी डॉक्टर से जांच करवाने से पहले एक संपूर्ण मूल्यांकन प्राप्त करना जरूरी है।
मोतियाबिंद परीक्षण के प्रकार – Types Of Cataract Test In Hindi
मोतियाबिंद आंखों की आम स्थिति है, जिसमें आंख का सामान्य लेंस धुंधला हो जाता है। इससे दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसके लिए मोतियाबिंद सर्जरी की जरूरत हो सकती है। मोतियाबिंद के कई प्रकार हैं, लेकिन सभी में कुछ सामान्य लक्षण होते हैं। मोतियाबिंद आपकी आंखों के लेंस में प्रोटीन और अन्य सामग्रियों का निर्माण होता है। समय के साथ यह लेंस को धुंधला बनाता है और आपके रेटिना पर रोशनी को फोकस करने में कम प्रभावी हो सकता है। मोतियाबिंद किसी भी उम्र को लोगों में विकसित हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों में यह सबसे ज्यादा आम है।
न्यूक्लियर और नॉन-न्यूक्लियर सहित मोतियाबिंद के दो मुख्य प्रकार हैं। न्यूक्लियर मोतियाबिंद व्यक्तिगत कोशिकाओं से बना होता है, जो एक साथ ठीक से फ्यूज करने की क्षमता खो चुके होते हैं। इस प्रकार का मोतियाबिंद आमतौर पर ज्यादा गंभीर होता है। नॉन-न्यूक्लियर मोतियाबिंद की तुलना में इस प्रकार का मोतियाबिंद ज्यादा दृष्टि समस्याएं पैदा करता है। जबकि, नॉन-न्यूक्लियर मोतियाबिंद लेंस की सतह बनाने वाले प्रोटीन से जमा होते हैं। यह आमतौर पर किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनता है।
हालांकि, लेकिन समय के साथ न्यूक्लियर मोतियाबिंद में भी प्रोग्रेस कर सकता है। ज्यादातर मामलों में मोतियाबिंद लेंस की सतह पर छोटी-छोटी बढ़ोतरी के साथ शुरू होते हैं, जिन्हें एस्कोमाटा कहा जाता है। इसके अलावा यह विकास बढ़ने पर लेंस (रिक्तिका) में कोशिकाओं के बीच खाली जगह बनाते हैं। यह खाली जगह समय के साथ मलबे और प्रोटीन से भर जाती हैं। इससे लेंस धुंधला हो जाता है और आपके रेटिना पर रोशनी को फोकस करने में कम प्रभावी होता है।
मोतियाबिंद परीक्षण के फायदे – Benefits Of Cataract Test In Hindi
मोतियाबिंद आंख के लेंस का एक धुंधलापन है, जो धुंधली दृष्टि, दृष्टि हानि या अंधेपन का कारण बन सकता है। सेनाइल मोतियाबिंद सबसे आम प्रकार का मोतियाबिंद है, जो उम्र से संबंधित होता है और 60 साल से ज्यादा उम्र के प्रत्येक आठ लोगों में से लगभग एक को प्रभावित करता है। यह तब होता है, जब लेंस बनाने वाले प्रोटीन टूटने लगते हैं और गुच्छे बन जाते हैं। मोतियाबिंद परीक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग सेनाइल मोतियाबिंद या अन्य प्रकार के मोतियाबिंद की उपस्थिति निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
इस परीक्षण में आपकी आंख की छवियां बनाने के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करना शामिल है। इन छवियों की एक डॉक्टर द्वारा जांच की जाती है, ताकि सेनाइल मोतियाबिंद के लक्षणों को देखा जा सके। अगर आप इस प्रकार के मोतियाबिंद से पीड़ित हैं, तो नेत्र रोग विशेषज्ञ आपको इंट्राओकुलर लेंस इम्प्लांट सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं। इसके अलावा वह मोतियाबिंद की प्रोग्रेस पर नजर रखने और जरूरत पड़ने पर मोतियाबिंद हटाने के लिए चेकअप या रेगुलर अपॉइंटमेंट का सुझाव दे सकते हैं।
इसके अलावा भी मोतियाबिंद परीक्षण के कई संभावित फायदे फायदे हैं। अगर आपके पास सेनाइल मोतियाबिंद है, तो डॉक्टर आपको उन्हें प्रबंधित करने के लिए सबसे अच्छे तरीके की सलाह दे सकते हैं। यह परीक्षण निर्धारित करने में फायदेमंद हो सकता है कि क्या आपको अन्य प्रकार के मोतियाबिंद होने का जोखिम है। अगर आपके पास सेनाइल मोतियाबिंद है, तो परीक्षण सर्जरी के लिए सबसे अच्छा समय पहचानने में मदद कर सकता है। साथ ही इससे आपकी दृष्टि को किसी भी संभावित नुकसान से बचाने में भी मदद मिल सकती है।
मोतियाबिंद परीक्षण की प्रक्रिया – Procedure Of Cataract Test In Hindi
मोतियाबिंद परीक्षण एक आसान प्रक्रिया है, जो प्रोग्रेसिव मोतियाबिंद का पता लगाने में मदद करती है। मोतियाबिंद परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपकी आंखों में तेज रोशनी डालते हैं। प्रोग्रेसिव मोतियाबिंद होने पर यह रोशनी आंख में लेंस को धुंधला करती है और बाहर गिरती है। मोतियाबिंद परीक्षण अक्सर मोतियाबिंद के निदान और प्रबंधन में पहले चरण के तौर पर प्रयोग किया जाता है। ओपन-एंगल और क्लोज्ड-एंगल सहित मोतियाबिंद के दो मुख्य प्रकार हैं। ओपन-एंगल मोतियाबिंद में लेंस लेंस उम्र, धूम्रपान या किसी अन्य कारक के कारण अंदर से बाहर धुंधला हो जाता है। क्लोज्ड-एंगल मोतियाबिंद तब होता है, जब यूवी रेडिएशन या कुछ रसायनों के संपर्क में आने से लेंस बाहर से धुंधला होता है।
एक प्रगतिशील मोतियाबिंद विकसित करने की प्रक्रिया आम तौर पर छोटे बदलावों से शुरू होती है जो धीरे-धीरे लेंस के लिए ठीक से काम करना कठिन बना देती है। इन परिवर्तनों में शामिल हो सकते हैं:
- आंख के रेटिना (फोटोरिसेप्टर) में दृष्टि रिसेप्टर्स के आकार या संख्या में कमी, जो उम्र बढ़ने या चोट लगने से होता है।
- लेंस की फ्लेक्स करने या उसके आकार को बदलने की क्षमता में कमी।
- लेंस में पारदर्शिता का क्रमिक नुकसान।
- लेंस पर हेज़ल या भूरे रंग के धुंधले हिस्से बनना, जिसे मोतियाबिंद न्यूक्लियस कहते हैं।
अगर आपको इनमें से कोई भी बदलाव दिखते हैं, तो आपके लिए किसी अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श आर उपचार प्राप्त करना जरूरी है।
मोतियाबिंद परीक्षण के जोखिम – Risks Of Cataract Test In Hindi
मोतियाबिंद परीक्षण से जुड़े कई संभावित जोखिम हैं, जिसमें शामिल हैंः
- सबसे आम यह है कि मोतियाबिंद परीक्षण के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन के उपयोग की जरूरत हो सकती है। इससे आपकी आंखों में चोट लग सकती है या कोई अन्य परेशानी हो सकती है।
- अन्य जोखिमों में सेनाइल मोतियाबिंद से दृष्टि हानि की संभावना और सर्जरी के दौरान या बाद में अन्य स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने का जोखिम शामिल है।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
मोतियाबिंद आंखों की बीमारी का अन्य प्रकार है, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती है। अगर आपकी उम्र 40 वर्ष से ज्यादा है, तो मोतियाबिंद होने की संभावना आपकी युवावस्था की तुलना में काफी ज्यादा होती है। आंखों के लेंस में प्रोटीन से मोतियाबिंद बन सकता है। इससे लेंस धुंधला होता है और आपको देखने में परेशानी हो सकती है। मोतियाबिंद के तीन मुख्य प्रकारों में न्यूक्लियर, पोस्टीरियर और इंट्राओकुलर शामिल हैं। मोतियाबिंद परीक्षण की प्रक्रिया में कई प्रकाश स्तरों के साथ आंखों की तस्वीरें लेना शामिल है। इससे नेत्र रोग विशेषज्ञ यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपके पास किस प्रकार का मोतियाबिंद है।
इस प्रकार मोतियाबिंद का प्रकार निर्धारित करने बाद नेत्र रोग विशेषज्ञ आपके लिए प्रभावी उपचार योजना लिखते हैं। मोतियाबिंद के कारण आंखों की कई गंभीर समस्याएं हो सकती है। ऐसे में दृष्टि संबंधी कोई भी समस्या अनुभव होने पर जल्द निदान उपचार प्राप्त करना जरूरी है। मोतियाबिंद परीक्षण की प्रक्रिया आसान और दर्द रहित है, जिसके लिए आपको अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलने और उचित उपचार प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।
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