इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण: फायदे और विकल्प – Intracapsular Cataract Extraction: Benefits And Alternatives In Hindi

Intracapsular Cataract Extraction: Everything You Need to Know

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण क्या है – What Is Intracapsular Cataract Extraction In Hindi

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण को आधुनिक मोतियाबिंद सर्जरी का मुख्य आधार माना जाता है। यह सर्जिकल दृष्टिकोण ज्यादा तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इसमें ज्यादा फायदे और इसमें कम जटिलताएं शामिल हैं। ऐसी ही मुख्य जटिलता पोस्टीरियर कैप्सूल ओपेसीफिकेशन का विकास है। सर्जन इस सर्जिकल प्रक्रिया का उपयोग आंख से प्राकृतिक लेंस हटाने के लिए करते हैं, जो मोतियाबिंद के कारण धुंधला दिखाई देता है।

यह प्रक्रिया मोतियाबिंद सर्जरी का सबसे आम प्रकार है, जिसमें लेंस के आसपास का कैप्सूल और पूरा लेंस निकालना शामिल है। इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण विधि औद्योगिक देशों में पसंद की प्रक्रिया थी, क्योंकि रेटिना डिटैचमेंट और सिस्टॉयड मैकुलर एडीमा जैसी कम जटिलताएं थीं। हालांकि, समय के साथ ज्यादा एडवांस एक्स्ट्राकैप्सुलर तकनीक विकसित हुई। इससे यह मोतियाबिंद और ग्लूकोमा हटाने वाली सबसे लोकप्रिय प्रक्रिया बन गई है।

मोतियाबिंद आंखों की आम स्थिति है, जो धुंधली दृष्टि और कम रोशनी में देखने पर कठिनाई का कारण बनती है। मोतियाबिंद से जुड़े लक्षण अनुभव कर रहे लोगों को आंख से धुंधला लेंस हटाने के लिए मोतियाबिंद सर्जरी की जरूरत हो सकती है। गंभीर मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों के लिए यह प्रक्रिया बहुत ज्यादा फायदेमंद है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इससे उन्हें दूसरे ऑपरेशन की जरूरत के बिना बेहतर देखने में मदद मिलती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण की प्रक्रिया, फायदे, जोखिम और उपचार विकल्पों पर चर्चा करेंगे। साथ ही हम आपको इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाब भी देंगे।

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण की प्रक्रिया

इस मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया में निम्नलिखित शामिल है:

  • इस सर्जिकल प्रक्रिया में नेत्र रोग विशेषज्ञ आंख को सुन्न करने के लिए मरीजों को लोकल एनेस्थीसिया देते हैं।
  • फिर, सर्जन द्वारा कॉर्निया के साइड में एक छोटा चीरा लगाना शामिल है।
  • इसके बाद सर्जन मोतियाबिंद तोड़ने और आंख से निकालने के लिए छोटे उपकरण का उपयोग करते हैं।
  • आखिर में टांके लगाकर चीरे को बंद कर दिया जाता है।

आमतौर पर इस सर्जरी को आउट पेशेंट प्रक्रिया के तौर पर किया जाता है। इसका मतलब है कि आपको रात भर अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं है। इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण की प्रक्रिया को पूरा होने में एक घंटे से भी कम समय लगता है। साथ ही सर्जरी के बाद रिकवरी तेज और आसान होती है। इन्हीं कारणों से ज्यादातर लोग सर्जरी के बाद कुछ ही दिनों में अपनी सामान्य गतिविधियां दोबारा शुरु करने में सक्षम होते हैं। जबकि, कुछ मामलों में आंख को पूरी तरह से ठीक होने में एक या दो हफ्ते लग सकते हैं। ऐसे में अगर आप या आपके कोई परिचित मोतियाबिंद के लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो आपको जल्द ही किसी अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। इससे आपको अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार सही फैसला और साफ दृष्टि प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

इंट्राकैप्सुलर और एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण में अंतर

आमतौर पर इंट्राकैप्सुलर और एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के बीच अंतर इस प्रकार हैं:

  • इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण एक प्रकार की सर्जरी है, जिसमें आसपास के कैप्सूल यानी साफ झिल्ली के साथ पूरे आंख के लेंस को निकालना शामिल है। यह विधि ज्यादा आक्रामक है और एक्स्ट्राकैप्सुलर निष्कर्षण के मुकाबले इसमें जटिलताओं का ज्यादा जोखिम रहता है।
  • एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण में कैप्सूल के पीछे छोड़कर सिर्फ लेंस को हटाना शामिल है। यह विधि कम आक्रामक है और इसमें इंट्राकैप्सुलर निष्कर्षण के मुकाबले जटिलताओं का कम जोखिम होता है।

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के फायदे

What Are The Benefits Of Intracapsular Cataract Extraction?इस सर्जरी का मुख्य फायदा है कि यह प्रक्रिया आंख के प्राकृतिक आकार और संरचना को बनाए रखती है। यह जटिलताओं के जोखिम को कम करने और समग्र नतीजों को सुधारने में फायदेमंद है। साथ ही सर्जरी के बाद दृष्टि को ज्यादा स्थिर बना सकता है। जबकि, अन्य फायदों में जल्द रिकवरी और इंफेक्शन का कम जोखिम शामिल है। इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के फायदे निम्नलिखित हैं:

  • सूजन और इंफेक्शन का कम जोखिम: कम चीरे और कैप्सूल को हटाने की कम जरूरक के कारण इसमें सूजन और इंफेक्शन का कम जोखिम रहता है।
  • कम जटिलताएं: मैक्यूलर एडिमा या सिस्टॉयड मैक्यूलर एडिमा (सीएमई) जैसी जटिलताओं की संभावना कम होती है।
  • कठोर मोतियाबिंद: यह कठोर मोतियाबिंद के इलाज का एक प्रभावी तरीका है, जिसे एक्स्ट्राकैप्सुलर निष्कर्षण से हटाया संभव नहीं है।
  • बेहतर दृष्टि:  यह सर्जिकल प्रक्रिया पूरे लेंस को हटाकर साफ और बेहतर दृष्टि प्रदान करती है।
  • अन्य तकनीकें: इनका उपयोग उन मामलों में किया जा सकता है, जहां अन्य तकनीके फायदेमंद नहीं होती हैं। इनमें एडवांस मोतियाबिंद या आंखों में दर्दनाक चोट शामिल है।

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के जोखिम

इस मोतियाबिंद सर्जरी के जोखिमों में शामिल हैं:

  • आंखों का इंफेक्शन: किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया की तरह इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के बाद आंखों का इंफेक्शन हो सकता है। इसीलिए, जोखिम में कमी के लिए मरीजों को ऑपरेशन के बाद डॉक्टर से मिले निर्देशों का सावधानी से पालन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही उन्हें निर्धारित एंटीबायोटिक आईड्रॉप का उपयोग भी सुनिश्चित करना चाहिए।
  • इंट्राओकुलर दबाव बढ़ना: इंट्राओकुलर दबाव कई कारणों से बढ़ सकता है। साथ ही प्रबंधित नहीं किए जाने पर इससे ग्लूकोमा या आंखों की अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
  • रेटिनल डिटैचमेंट: एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के मुकाबले इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी के बाद रेटिनल डिटैचमेंट का जोखिम ज्यादा होता है।
  • खराब दृष्टि: अगर मरीज निर्देशों के अनुसार सुधारात्मक चश्मा नहीं पहनते हैं या सर्जरी के बाद उनकी आंख ठीक से रिकवर नहीं हुई है, तो वह उस आंख में खराब दृष्टि का अनुभव कर सकते हैं।
  • मोतियाबिंद का दोबारा होना: यह दुर्लभ है, लेकिन इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के बाद मोतियाबिंद का उसी आंख में दोबारा होना संभव है।

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण का उद्देश्य

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण का उद्देश्य आंख से धुंधले लेंस को हटाना है। यह मोतियाबिंद को दूर करने का पुराना तरीका है, लेकिन अभी भी कुछ मामलों में इसका उपयोग किया जाता है। इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण में पूरे लेंस को उसके कैप्सूल के साथ हटा दिया जाता है। इस प्रकार सर्जन आंख के प्राकृतिक आकार और संरचना को संरक्षित करते हैं।

इसका सर्जिकल प्रक्रिया का उद्देश्य अल्फा काइमोट्रिप्सिन के साथ सस्पेंसरी लिगामेंट को पचाकर लेंस को पूरी तरह से हटाना है। यह अल्फा काइमोट्रिप्सिन को पोस्टीरियर चैम्बर में इंजेक्ट करके और फिर चिमटी या क्रायोप्रोब के साथ लेंस को हटाकर किया जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया का उपयोग मोतियाबिंद के इलाज करने के लिए किया जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंख का लेंस धुंधला हो जाता है। प्रक्रिया में आंख से उसके कैप्सूल या झिल्ली सहित पूरे लेंस को हटाना शामिल है।

अगर अन्य कम आक्रामक उपचार प्रभावी नहीं हैं, तो इस उपचार विकल्प की सिफारिश की जा सकती है। प्रक्रिया के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ आंख में छोटा चीरा लगाते हैं और लेंस हटा देते हैं। इस सर्जरी में पूरे लेंस को उसके कैप्सूल से अलग करना शामिल है, इसलिए यह अन्य सर्जिकल उपचारों के मुकाबले ज्यादा सफल होती है। इसके अलावा कुछ अन्य प्रक्रियाओं के मुकाबले यह सर्जरी बेहतर दृष्टि बेहतर बनाए रखने में मदद करती है।

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के विकल्प

इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसका उपयोग आंख के अंदर से लेंस को हटाने के लिए किया जाता है। यह एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण जैसे मोतियाबिंद हटाने वाले अन्य तरीकों से अलग है, जो आंख के बाहर लेंस को हटा देती है। इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण को अक्सर अन्य तरीकों से चुना जाता है, क्योंकि इससे आसपास के ऊतकों को अलावा नुकसान होने की संभावना कम होती है। इसके अलावा यह सर्जरी आउट पेशेंट प्रक्रिया के आधार पर की जाती है, जो इसे मरीजों के लिए ज्यादा सुविधाजनक बना सकती है। इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण के कुछ अन्य विकल्पों में शामिल हैं:

लेजर मोतियाबिंद सर्जरी

लेजर मोतियाबिंद सर्जरी अन्य सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें आंख से लेंस हटाने के लिए लेजर का उपयोग करना शामिल है। यह प्रक्रिया पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी की तुलना में कम आक्रामक है और कुछ मरीजों के लिए ज्यादा उपयुक्त हो सकती है।

इंट्राओकुलर लेंस इम्प्लांटेशन

आंख के अंदर से लेंस को हटाने के लिए इंट्राओकुलर लेंस इम्प्लांटेशन एक और विकल्प है। इस प्रक्रिया में आंख में सर्जरी द्वारा एक आर्टिफिशियल लेंस डाला जाता है। मरीज की जरूरतों के आधार पर इम्प्लांटेशन हटाने वाला या स्थिर हो सकता है।

क्रायोथेरेपी

क्रायोथेरेपी को क्रायोसर्जरी भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का चिकित्सा उपचार है, जिसमें ऊतक को हटाने या खत्म करने के लिए ठंडे तापमान का उपयोग शामिल करना है। इस प्रक्रिया का उपयोग अक्सर मोतियाबिंद को हटाने या खत्म करने के लिए किया जाता है।

सर्जरी से लेंस हटाना

आंख के लेंस को हटाने का एक अन्य विकल्प लेंस को सर्जरी से हटाना है। इस प्रक्रिया में लेंस और आंख के अंदर से किसी भी अन्य मलबे को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।

ऑप्थल्मिक सर्जरी

इस प्रकार की सर्जरी में कई अलग-अलग प्रकार की प्रक्रियाएं शामिल हैं, जिनका उपयोग आंखों की समस्याओं के इलाज में किया जाता है। उदाहरण के लिए, मोतियाबिंद सर्जरी।

इंट्राओकुलर लेंस ट्रांसप्लांट

इंट्राओकुलर लेंस ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें डोनर लेंस को किसी मरीज की आंख में इम्प्लांट किया जाता है, जिसे मोतियाबिंद वाले लेंस को हटाने की जरूरत होती है। यह उन मरीजों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जिनका लेंस मोतियाबिंद या अन्य स्थितियों के कारण खराब हो गया है।

निष्कर्ष – Conclusion In Hindi

मोतियाबिंद हटाने के लिए इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण एक सुरक्षित, प्रभावी और आसान प्रक्रिया है। आमतौर पर जटिलताओं के बहुत कम जोखिम वाले मरीजों के लिए यह सर्जिकल प्रक्रिया बहुत फायदेमंद मानी जाती है। सर्जरी के बाद कुछ मरीजों को थोड़े समय के लिए हल्की असुविधा और दृष्टि हानि का अनुभव हो सकता है। जबकि, ज्यादातर मरीज लंबी अवधि में अपने साफ दृष्टि मिलने की रिपोर्ट करते हैं।

कोई भी प्रक्रिया चुनने से पहले आपको संभावित जोखिमों और फायदों के बारे में अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं। इस प्रकार सही तैयारी और देखभाल के साथ यह प्रक्रिया दृष्टि सुधार में फायदेमंद हो सकती है।

मोतियाबिंद सर्जरी एक सुरक्षित और दर्द रहित प्रक्रिया है। मंत्राकेयर में हमारे पास अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञों की एक टीम है, जो मोतियाबिंद सर्जरी से संबंधित आपके किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्षम हैं। इससे संबंधित ज्यादा जानने के लिए हमें +91-9711116605 पर कॉल करें।