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एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी क्या है – What Is MICS Cataract Surgery In Hindi
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी को माइक्रो-इंसीजन कैटरैक्ट सर्जरी भी कहते हैं। इस सर्जिकल प्रक्रिया में बहुत छोटे चीरे का उपयोग शामिल है, जो आमतौर पर 1.8 एमएम से कम होते हैं। यह प्रक्रिया कम आक्रामक है और इसे सिर्फ 10 मिनट या उससे कम समय में पूरा किया जा सकता है। इस सर्जरी को अक्सर बहुत छोटे या घने मोतियाबिंद वाले मरीजों के इलाज में प्रयोग किया जाता है।
मोतियाबिंद सर्जरी की जरूरत वाले बहुत से लोग एमआईसीएस के साथ पारंपरिक ओपन-इंसीजन सर्जरी से बचने में सक्षम होते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस प्रक्रिया के लिए उपयोग किए जाने वाले छोटे चीरे से कम चोट और निशान लगते हैं। इससे पारंपरिक मोतियाबिंद हटाने की तुलना में तेजी से रिकवर होने में समय लग सकता है। ऐसे में मोतियाबिंद सर्जरी पर विचार कर रहे लोगों को अपने डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है। इससे आपको यह जानने में मदद मिलती है कि एमआईसीएस सर्जरी आपके लिए अच्छा विकल्प है या नहीं।
अगर आप दृष्टि से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो मोतियाबिंद सर्जरी पर विचार करना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे आपको दृष्टि सुधार में मदद मिलती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया, फायदे और नुकसान सहित सभी विषयों को कवर करेंगे। इससे आपको सर्जरी के दौरान या बाद में किसी भी प्रकार की जटिलता से बचने और बेहतर नतीजे प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया – Procedure Of MICS Cataract Surgery In Hindi
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान कॉर्निया में 1.8 या 1.2 एमएम से छोटा चीरा लगाया जाता है। इस चीरे का उपयोग सर्जन एक प्रॉब डालने के लिए करते हैं, जो मौजूद किसी भी दृष्टिवैषम्य को मापता है और उसे ठीक करता है। फिर, सर्जन एक खास उपकरण का उपयोग मरीज की आंख में और समायोजन के लिए करते हैं। इस उपकरण को ऑप्थाल्मिक माइक्रोसर्जिकल सिस्टम यानी ओएमएस कहा जाता है।
इस प्रक्रिया से आंख का लेंस छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है, जिसे सर्जन छोटे चीरे के जरिए निकालते हैं। फिर, सर्जन इसकी जगह पर एक आर्टिफिशियल इंट्राओकुलर लेंस यानी आईओएल डाला जाता है। आईओएल को मरीज की दृष्टि में मौजूद निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता और दृष्टिवैषम्य या किसी अन्य अपवर्तक त्रुटि को ठीक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी कम समय में होने वाली और कम आक्रामक प्रक्रिया है। आमतौर पर इसे करने में सिर्फ 10 मिनट से कम समय लगता है। यह एक प्रकार का उपचार है, जिसमें प्रक्रिया के बाद मरीज को अस्पताल में रहने या कोई दवा लेने की जरूरत नहीं होती है। यही खासियत इसे कई मरीजों के लिए सबसे आकर्षक विकल्प बनाती है, जो ज्यादा पारंपरिक सर्जरी के जोखिमों और असुविधाओं से निपटे बिना दृष्टि सुधार का तरीका ढूंढ रहे हैं।
क्या एमआईसीएस सर्जरी दर्दनाक है?
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी एक बहुत कम आक्रामक प्रक्रिया है। इसमें सर्जन को टांके लगाने की कोई जरूरत नहीं होती है। साथ ही एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी को इंजेक्शन के बजाय एनेस्थेटिक ड्रॉप्स का उपयोग करके किया जा सकता है। इस प्रकार की सर्जरी में मोतियाबिंद तक पहुंचने के लिए आंख में बहुत छोटे चीरे लगाना शामिल है। इसे बाद में खास सर्जिकल उपकरणों की मदद से हटा दिया जाता है।
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी आमतौर पर अपेक्षाकृत दर्द रहित प्रक्रिया है, जैसा कि किसी भी ऑपरेशन के साथ होता है। हालांकि, सर्जरी के बाद आपको कुछ असुविधा का अहसास हो सकता है। ऐसे में सर्जन प्रक्रिया से जुड़े किसी भी मामूली दर्द और अन्य जोखिम को दूर करने के लिए दवा लिख सकते हैं।
फेको और एमआईसीएस में अंतर
इस बात को लेकर हमेशा बहस होती रहती है कि फेको या एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी में कौन सी प्रक्रिया सबसे ज्यादा बेहतर है। हालांकि, दोनों ही प्रक्रियाओं के अपने फायदे और नुकसान हैं। ऐसे में कोई भी फैसला मरीज की स्थिति और सर्जरी करने वाले सर्जन की वरीयता पर निर्भर करता है।
फेकोइमल्सीफिकेशन या फेको एक पारंपरिक प्रकार की मोतियाबिंद सर्जरी है, जिसका उपयोग 1967 से किया जा रहा है। इसमें लेंस को तोड़ने के लिए अल्ट्रासाउंड ऊर्जा का उपयोग और फिर टुकड़ों को सक्शन करना शामिल है। यह एमआईसीएस की तुलना में तेज प्रक्रिया है। हालांकि, इसके लिए सर्जन को मरीज की आंख में बड़े चीरे लगाने की जरूरत होती है।
माइक्रोइंसीजनल मोतियाबिंद सर्जरी एक नई तकनीक है, जिसे 2001 में स्पेन में विकसित किया गया था। इस प्रक्रिया में बहुत छोटे चीरे का उपयोग शामिल है, जो सिर्फ 1.8 से 2 एमएम लंबा और 0.9 से 1.3 एमएम चौड़ा होता है। यह चीरे एमआईसीएस सर्जरी को फेको सर्जरी की तुलना में बहुत कम आक्रामक बनाते हैं।
इस प्रकार फेको की तुलना में एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी के कई फायदे हैं। इस कम आक्रामक सर्जिकल प्रक्रिया में छोटे चीरों की जरूरत होती है। साथ ही सर्जरी में रिकवरी समय भी बहुत कम है। इसके अलावा मरीज फेको सर्जरी के मुकाबले बहुत जल्द अपनी सामान्य गतिविधियों को दोबारा शुरू करने में सक्षम हो जाते हैं।
सर्जरी के फायदे और नुकसान – Pros And Cons Of Surgery In Hindi
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी से पहले आपके लिए इस प्रक्रिया से जुड़े फायदों और संभावित जोखिमों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। ऐसे ही कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
फायदे
- दृष्टि की तेजी में बढ़ोतरी: एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी को बेहतरीन दृष्टि संबंधी नतीजे और उच्च स्तर संतुष्टि प्रदान करने के लिए प्रभावी दिखाया गया है। यह सर्जिकल प्रक्रिया आपकी दृष्टि की तेजी में सुधार कर सकती है, जिससे आप पहले से ज्यादा साफ देख सकते हैं।
- तेज रिकवरी: एमआईसीएस के सबसे बड़े फायदों में से एक है कि यह पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी की तुलना में बहुत कम रिकवरी समय प्रदान करती है। असल में, कई मरीज प्रक्रिया पूरी होने के लगभग तुरंत बाद दृष्टि रिकवर होने की रिपोर्ट करते हैं।
- कम आक्रामक: इसमें पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी की तुलना में बहुत छोटे चीरे की जरूरत होती है। इसका मतलब है कि आपकी आंख में चोट और इंफेक्शन या अन्य जटिलताओं का कम जोखिम शामिल है।
नुकसान
- जटिलताओं की संभावना: किसी भी सर्जरी की तरह एमआईसीएस सर्जरी में जटिलताओं की संभावना हमेशा बनी रहती है। इनमें इंफेक्शन, इंट्राओकुलर दबाव में बढ़ोतरी, रेटिनल डिटैचमेंट और कॉर्नियल एडीमा शामिल हो सकते हैं। हालांकि, यह जोखिम एक कुशल सर्जन द्वारा प्रदर्शन किए जाने पर बहुत कम हो जाते हैं। साथ ही सभी पोस्ट-ऑपरेटिव निर्देशों का सावधानी से पालन किया जाना भी जरूरी है।
- ज्यादा कीमत: यह सर्जरी पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी की तुलना में ज्यादा महंगी हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस सर्जिकल प्रक्रिया के लिए खास उपकरण और कुशल सर्जन की जरूरत होती है। हालांकि, आपके क्षेत्र और बीमा कवरेज के आधार पर यह कीतम अलग हो सकती है।
- मोतियाबिंदों के कुछ प्रकार के लिए उपयुक्त: यह कुछ प्रकार के मोतियाबिंद वाले लोगों के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। हालांकि, इसे सभी लोगों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। ऐसे में अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ ही आपको सलाह दे सकते हैं कि यह प्रक्रिया आपकी अलग स्थिति के लिए सबसे अच्छा विकल्प है या नहीं।
कुल मिलाकर किसी भी प्रक्रिया से हमेशा संभावित जोखिम और फायदे जुड़े होते हैं। ऐसे में अपने डॉक्टर से बात करें कि क्या एमआईसीएस सर्जरी आपके लिए सही है। इस प्रकार परामर्श के साथ आप फायदे और नुकसान की तुलना कर सकते हैं। साथ ही आपको निर्धारित करने में मदद मिलती है कि यह सर्जरी आपकी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए सही विकल्प है या नहीं।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
एमआईसीएस मोतियाबिंद सर्जरी उन लोगों के लिए एक उपयुक्त विकल्प है, जो पारंपरिक सर्जरी के लिए सुरक्षित, तेज और ज्यादा आरामदायक विकल्प तलाश रहे हैं। इसमें आमतौर पर छोटे चीरों का उपयोग, कम एनेस्थीसिया, और कम रिकवरी समय शामिल है। इससे सर्जन को कम या कोई टांके नहीं लगाने की जरूरत होती है।
ऐसे में कौन सी मोतियाबिंद सर्जरी आपके लिए सबसे अच्छी है, इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। इस प्रकार अपने बेहतरीन फायदों के कारण यह सर्जरी उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकती है, जो जल्द और सुरक्षित रूप से अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस आना चाहते हैं।
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