Contents
- 1 पीपीसी मोतियाबिंद क्या है – What Is PPC Cataract In Hindi
- 2 पीपीसी मोतियाबिंद के प्रकार – Types Of PPC Cataracts In Hindi
- 3 पीपीसी मोतियाबिंद के लक्षण – Symptoms Of PPC Cataracts In Hindi
- 4 पीपीसी मोतियाबिंद के कारण – Causes Of PPC Cataracts In Hindi
- 5 पीपीसी मोतियाबिंद का निदान – Diagnosis Of PPC Cataracts In Hindi
- 6 पीपीसी मोतियाबिंद का उपचार – Treatment Of PPC Cataract In Hindi
- 7 निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
पीपीसी मोतियाबिंद क्या है – What Is PPC Cataract In Hindi
पोस्टीरियर पोलर या पीपीसी मोतियाबिंद एक अन्य प्रकार का मोतियाबिंद है। यह लेंस के पोस्टीरियर पोलर हिस्से को प्रभावित करता है और इसके सबसे परिधीय भाग में स्थित होता है। पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद जन्मजात मोतियाबिंद का सबसे आम प्रकार है, जो 8 प्रतिशत नवजात शिशुओं में मौजूद होता है।
इस मोतियाबिंद से लेंस कैप्सूल प्रभावित होता है, जिससे इसके केंद्र में लेंस सामग्री सघन और सामान्य से ज्यादा अपारदर्शी हो जाती है। यह मोतियाबिंद आमतौर पर अंडाकार आकार का धुंधलापन है, जो लेंस के पूरे पोस्टीरियर पोलर यानी पीछे के हिस्से को कवर करता है और कम दृष्टि का कारण बन सकता है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि पीपीसी मोतियाबिंद एक इंफेक्शन नहीं है। यह एक विकास संबंधी विकार है, जिसका जल्द निदान और उचित इलाज किया जाना जरूरी है।
कुल मिलाकर मोतियाबिंद आंखों की एक आम स्थिति है, जिससे वयस्क और बच्चे दोनों प्रभावित हो सकते है। ऐसे में अगर आपको या आपके किसी परिचित को मोतियाबिंद का निदान किया गया है, तो आपके लिए यह ब्लॉग पोस्ट बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद के प्रकार, लक्षण, कारण, निदान और उपचार सहित सभी जरूरी विषयों को कवर करेंगे। यह जानकारी आंखों से संबंधित किसी भी गंभीर जटिलता से बचने में आपकी मदद कर सकती है।
पीपीसी मोतियाबिंद के प्रकार – Types Of PPC Cataracts In Hindi
आमतौर पर पीपीसी मोतियाबिंद को मोतियाबिंद के आकार के अनुसार तीन प्रकारों में बांटा जा सकता है, जैसे:
- कोनीकल
- मोथ-ईटेन
- एक्टेटिक
इस प्रकार पीपीसी मोतियाबिंद की तीन श्रेणियां हैं, लेकिन कोनीकल सबसे आम प्रकार है। कोनीकल पीपीसी मोतियाबिंद की खासियत लेंस के साफ हिस्से से घिरी एक तेज केंद्रीय अस्पष्टता है। इनमें अन्य दो प्रकार यानी मोथ-ईटेन और एक्टेटिक कम आम हैं। जबकि, कोनीकल पीपीसी मोतियाबिंद की तुलना में उनके साथ ज्यादा गंभीर लक्षण जुड़े हो सकते हैं।
मोथ-ईटेन पीपीसी मोतियाबिंद को लेंस के एक क्षेत्र से घिरे एक केंद्रीय अपारदर्शिता द्वारा चित्रित किया जाता है। वहीं, एक्टेटिक पीपीसी मोतियाबिंद अनियमित आकार और लेंस के बड़े हिस्सों में अपारदर्शिता है। ऐसे में अगर आपके पास पीपीसी मोतियाबिंद है, तो उचित उपचार के लिए सटीक निदान बहुत जरूरी है।
पीपीसी मोतियाबिंद के लक्षण – Symptoms Of PPC Cataracts In Hindi
पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद के लक्षणों को पहचानना मुश्किल है, क्योंकि आमतौर पर आंखों को दिखाई नहीं देते हैं। ऐसे में सिर्फ व्यापक आंखों की जांच के दौरान ही मोतियाबिंद के इस प्रकार का पता लगाया जा सकता है। कुछ लक्षण पीपीसी मोतियाबिंद होने की जानकारी दे सकते हैं, जिनमे शामिल हैं:
- धुंधली दृष्टि: पीपीसी के साथ धुंधलापन या धुंधली दृष्टि का अनुभव होना आम बात है।
- चमकते घेरे: मरीजों को रोशनी के चारों तरफ चमकते घेरे भी दिखाई दे सकते हैं। ऐसा खासतौर से कम रोशनी की स्थिति में देखने को मिलता है।
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता: इस प्रकार के मोतियाबिंद से निपटने के दौरान लोग तेज रोशनी या धूप के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं।
- चकाचौंध की समस्या: कुछ मरीजों को तेज रोशनी में ज्यादा चकाचौंध दिखाई देने की संभावना रहती है।
- पास की वस्तुओं पर फोकस करने में परेशानी: कई बार मोतियाबिंद के इस प्रकार से पीड़ित लोगों के लिए पास की वस्तुओं पर फोकस करना मुश्किल हो सकता है।
अगर आपके पास इनमें से कोई भी लक्षण हैं, तो आपके लिए तुरंत एक योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच करवाना जरूरी है। वह एक विस्तृत आंखों की जांच से यह पुष्टि करके हैं कि आप पीपीसी मोतियाबिंद से पीड़ित हैं या नहीं।
पीपीसी मोतियाबिंद के कारण – Causes Of PPC Cataracts In Hindi
जब पीपीसी मोतियाबिंद की बात आती है, तो इसका कोई एक कारण नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह अलग-अलग कारकों से हो सकता है। इनमें से कुछ कारक नीचे दिए गए हैं:
- आंखों के लेंस में उम्र से संबंधित बदलाव
- डायबिटीज
- कुछ दवाएं
- रेडिएशन एक्सपोजर
- ट्रॉमा
इसके अलावा मोतियाबिंद का पारिवारिक इतिहास भी आपके जोखिम को बढ़ा सकता है, जिससे मोतियाबिंद विकसित होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। ऐसे में अक्सर यह सिफारिश की जाती है कि पीपीसी मोतियाबिंद के बढ़ते जोखिम वाले लोग नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं। यह जांच आंखों के लेंस में किसी भी विकासशील बदलाव का पता लगाने में मदद कर सकती हैं। इससे नेत्र रोग विशेषज्ञ को शुरुआती निदान और उपचार कने में मदद मिलती है।
पीपीसी मोतियाबिंद का निदान – Diagnosis Of PPC Cataracts In Hindi
आमतौर पर आंखों की समस्या वाले लोगों को जल्द से जल्द पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद की उपस्थिति के निदान की सलाह दी जाती है। यह एक व्यापक आंखों की जांच के माध्यम से किया जा सकता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:
- विजुअल एक्विटी टेस्ट: इसमें एक चार्ट का उपयोग यह मापने के लिए किया जाता है कि आप अलग-अलग दूरी पर कितनी अच्छी तरह देख सकते हैं।
- रिफ्रेक्शन टेस्ट: यह आपकी दृष्टि को तेज करने के लिए चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस में जरूरी रिफ्रेक्टिव पावर की मात्रा को मापता है।
- प्यूपिल डाइलेशन: इसमें आपकी आंखों के अंदर डाइलेटिंग ड्रॉप्स डाले जाते हैं, ताकि डॉक्टर किसी भी समस्या का निदान करने के लिए आंख के पिछले हिस्से को देख सकें।
अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद है, तो वह बी-स्कैन अल्ट्रासाउंड या ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी स्कैन यानी ओसीटी जैसे इमेजिंग टेस्ट करते हैं। इससे उन्हें निदान की पुष्टि करने और आपके लिए जरूरी उपचार योजना बनाने में मदद मिलती है। इस प्रकार एक सटीक निदान के साथ डॉक्टर आपकी दृष्टि हानि को कम करने और समग्र स्पष्टता में सुधार के लिए उपचार का सबसे अच्छा विकल्प निर्धारित कर सकते हैं।
पीपीसी मोतियाबिंद का उपचार – Treatment Of PPC Cataract In Hindi
पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद के उपचार में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
सर्जरी
सर्जरी को पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद के इलाज का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया में धुंधले लेंस को हटाना और इसे साफ आर्टिफिशियल इंट्राओकुलर लेंस यानी आईओएल से बदलना शामिल है। यह सर्जरी आमतौर पर लोकल एनेस्थीसिया के तहत की जाती है। साथ ही सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
दवाई
सूजन को कम करने या पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद से जुड़े दर्द को नियंत्रित करने के लिए कई दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं। ऐसे में आपके डॉक्टर दर्द और सूजन को कम करने के लिए टॉपिकल स्टेरॉयड या एनएसएआईडी और आई ड्रॉप लिखते हैं।
लेजर थेरेपी
लेजर थेरेपी का उपयोग पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद के इलाज के लिए किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में दृष्टि सुधार के लिए धुंधले लेंस को फिर से आकार देना शामिल है, जिसके लिए सर्जन लेजर का उपयोग करते हैं। हालांकि, सर्जरी के नतीजे आमतौर पर अस्थायी होते हैं। ऐसे में साफ दृष्टि बनाए रखने के लिए इसे समय के साथ दोहराए जाने की जरूरत है।
पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद के लिए कोई भी उपचार शुरू करने से पहले अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना जरूरी है। वह आपकी स्थिति के अनुसार इलाज के सबसे प्रभावी तरीके की सिफारिश कर सकते हैं। साथ ही साफ दृष्टि बनाए रखने और आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए उचित निदान और शुरुआती उपचार भी जरूरी है। इसके अलावा पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद के विकास या बिगड़ने से रोकने में मदद के लिए कुछ तरीके हैं, जिनमें शामिल है:
- धूम्रपान से परहेज करें।
- यूवी-प्रोटेक्शन वाला धूप का चश्मा पहनें।
- एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर पौष्टिक आहार खाएं।
इस प्रकार उचित उपचार और रोकथाम के साथ आपकी दृष्टि में सुधार करना और आंखों को स्वस्थ बनाए रखना संभव है। अगर आपको लगता है कि आपको पोस्टीरियर पोलर मोतियाबिंद हो सकता है, तो अपने डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें। वह आपको जरूरी देखभाल और उपचार प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो पोस्टीरियक पोलर मोतियाबिंद दृष्टि हानि या अंधेपन का कारण भी बन सकता है। ऐसे में अपनी दृष्टि से संबंधित सभी जोखिमों से बचें और बेहतर दृष्टि के लिए जरूरी देखभाल प्राप्त करें।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
पीपीसी मोतियाबिंद आंख की एक गंभीर स्थिति है, जो उपचार नहीं किए जाने पर आपकी दृष्टि को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। हालांकि, सर्जरी और दवाओं सहित पीपीसी मोतियाबिंद के लिए कई प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं। साथ ही आपकी दृष्टि को किसी अन्य जटिलता से बचाने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ से जल्द निदान और उपचार प्राप्त करना जरूरी है।
इस प्रकार उचित प्रबंधन और उपचार के साथ पीपीसी मोतियाबिंद का इलाज और दृष्टि को सुरक्षित रखना संभव है। अगर आपको इस स्थिति के बारे में कोई चिंता है, तो अपने अलग मामले में सबसे अच्छे उपचार विकल्पों पर चर्चा के लिए किसी अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से से परामर्श करें।
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