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डायबिटीज के घाव क्या हैं? Diabetic Sores Kya Hain?
पैरों में डायबिटीज के घाव डायबिटीज से संबंधित त्वचा की एक सामान्य स्थिति है। आमतौर पर यह घाव पैरों, पिंडलियों या घुटनों पर भी हो सकते हैं। आपके लिए सबसे पहले यह जानना बेहद ज़रूरी है कि डायबिटीज के घाव क्या हैं। साथ ही अल्सर से होने वाली किसी भी जटिलता से बचने के लिए उनका इलाज कैसे किया जा सकता है। लेख से आप इन सभी ज़रूरी जानकारी के अलावा यह भी जानेंगे कि डायबिटीज के घावों को होने से रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं। डायबिटीज के घाव इससे होने वाले खुले घाव हैं, जो अक्सर डायबिटीज से पीड़ित लोगों के पैरों पर देखने को मिलते हैं। यह तब होते हैं, जब डायबिटीज वाले व्यक्ति के पास घाव की जगह को ठीक करने के लिए पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं होता है। यह स्थिति डायबिटीज के मरीजों में नसों के नुकसान की वजह से हो सकती है।
आमतौर पर डायबिटीज से होने वाले पैरों में अल्सर को पैरों में डायबिटीज के घाव (डायबिटिक सोर्स) के नाम से भी जाना जाता है, जो डायबिटीज की सबसे आम जटिलताओं में से एक है। पैरों में डायबिटीज के घावों का तुरंत इलाज करने की ज़रूरत होती है, क्योंकि यह इंफेक्शन की वजह बन सकते हैं। इससे गैंग्रीन हो सकता है और अनुपचारित छोड़ दिए जाने, देर से या उचित उपचार नहीं करने से यह अंगों में खराबी का कारण बनता है। कई बार इससे अंगों को अलग भी करना पड़ सकता है। डायबिटीज के घावों को देखते ही आपको साबुन और पानी से साफ करना चाहिए। इसका इलाज एंटीबायोटिक मरहम और पट्टी से किया जाना ज़रूरी है। अगर डायबिटीज के घावों की ठीक से देखभाल नहीं की जाए, तो गंभीर मामलों में इंफेक्शन के कारण अंगों की हानि या किसी व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
पैरों पर डायबिटीज के घाव होना
डायबिटाज के घाव या छाले 6 इंच व्यास के जितने बड़े हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर यह छोटे होते हैं। यह अक्सर जले हुए फफोले की तरह होते हैं और चोट नहीं पहुंचाते हैं। डायबिटीज के घाव द्विपक्षीय (बाइलेटरल) होते हैं या कई सारे घाव एक-साथ यानी समूहों में होते हैं। डायबिटीज के घावों में आसपास की त्वचा पर लालपन नहीं होता है और न ही इसके आसपास सूजन आती है। डायबिटीज के फफोले या छाले एक ट्रांसपेरेंट और स्टेराइल तरल से भरे होते हैं, जिनके होने पर किसी व्यक्ति को बार-बार खुजली होती रहती है।
कारण – Karan
डायबिटीज के घाव इसलिए होते हैं, क्योंकि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति अक्सर कट और खरोंच या डायबिटीज से होने वाले नसों में खराबी के लिए खुद की जांच नहीं करते हैं। उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लाइसीमिया) के स्तर से भी डायबिटीज के मरीजों को पैरों में डायबिटिक अल्सर हो सकता है, जो उनके पैरों में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। डायबिटीज के मरीजों में इंफेक्शन का खतरा भी ज़्यादा होता है, क्योंकि उन्हें डायबिटीज के घावों में कम सनसनी होती है। यही कारण है कि कुछ लोग अपने पैरों में डायबिटीज के घाव को नोटिस या महसूस नहीं कर सकते हैं।
अगर आपका रक्त शर्करा का स्तर ठीक नहीं है, लेकिन नियंत्रण में है, तो आपको डायबिटीज के घाव होने की ज़्यादा संभावना होती है। जिन लोगों को दर्द की संवेदनशीलता कम करने वाली नसों की बीमारी यानी डायबिटिक न्यूरोपैथी है, तो उनमें भी यह बीमारी विकसित होने का ज्यादा खतरा होता है। परिधीय धमनी की बीमारी यानी पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीडीए) इस बीमारी का एक अन्य कारण है।
डॉक्टर से कब मिलें? Doctor Se Kab Milein?
अगर आपको यह घाव हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना सुनिश्चित करें। ज़्यादातर घाव अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन ऐसे में दूसरा इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप निम्न में से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं:
- छाले के आसपास लालपन
- सूजन
- घाव से निकलने वाली गर्मी
- दर्द
- बुखार, जो ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ होता है
निदान – Nidan
अगर आपको डायबिटीज के घाव हैं, तो डॉक्टर आपके साफ तरल पदार्थ का एक सैंपल लेंगे। इसके बाद डॉक्टर यह सुनिश्चित करने के लिए माइक्रोस्कोप के नीचे देखेंगे कि यह डायबिटीज के घाव हैं या नहीं। अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको डायबिटीज के घाव हैं, तो वह डायबिटीज का पता लगाने के लिए आपके रक्त शर्करा के स्तर (ब्लड ग्लूकोज लेवल) की जांच करेंगे।
खून की जांच
पैरों पर डायबिटीज के घावों का निदान करते समय डॉक्टर अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। खून की जांच इनमें सबसे आम परीक्षण है, जो शर्करा वाले खाद्य पदार्थ खाने या पेय पदार्थ पीने के छह से आठ घंटे के बीच ग्लूकोज मीटर के साथ रक्त में शर्करा स्तर को मापता है। अन्य तरीकों में त्वचा की बायोप्सी, आपके पैर और टखने का एक्स-रे और इंडोक के रूप में जाने वाले इन्फ्रारेड कैमरे के साथ आपकी त्वचा की तस्वीरें लेना शामिल है।
प्लेन रेडियोग्राफी
प्लेन या सादा रेडियोग्राफी शरीर के एक हिस्से की जांच के लिए एक्स-रे का इस्तेमाल है। हालांकि, चिकित्सा में कई नैदानिक तकनीकें हैं, लेकिन सादा रेडियोग्राफी सबसे आम है। सस्ती कीमत वाली यह तकनीक 80 प्रतिशत से ज़्यादा मामलों में अच्छे नतीजे दे सकती है।
कंप्यूटेड टोमोग्राफी और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग
कंप्यूटेड टोमोग्राफी और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग दोनों कंप्यूटेड इमेजिंग तकनीकें हैं, जिनका इस्तेमाल पैरों पर डायबिटीज के घावों का निदान करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक सीटी एक्स-रे का इस्तेमाल शरीर के अंदर की त्रि-आयामी छवि बनाने के लिए करती है। जबकि, एमआरआई दिमाग की त्रि-आयामी छवि बनाने के लिए चुंबकीय हिस्से और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करता है।
हड्डी का स्कैन
आमतौर पर डायबिटीज से होने वाले पैरों पर घावों की पहचान करना मुश्किल होता है। यही कारण है कि डॉक्टरों को उनका निदान करने के लिए एक बोन स्कैन करने की ज़रूरत होती है। एक बार उनकी पहचान करने के बाद डॉक्टर घाव को पूरी तरह से ठीक यानी उनके इलाज के लिए दवाओं या सर्जरी का इस्तेमाल करते हैं।
एंकल-ब्रेकियल इंडेक्स
डायबिटीज के घाव डायबिटीज के कारण होने वाली एक गंभीर जटिलता है। यह शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर यह हाथों और पैरों पर पाए जाते हैं। यह घाव आमतौर पर छोटे और सतही होते हैं, लेकिन समय रहते उपचार नहीं किये जाने से यह बड़े या गहरे भी हो सकते हैं। जब डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में अन्य संवहनी स्वास्थ्य जटिलताएं होती हैं, तो डायबिटीज के घाव विकसि होने का जोखिम काफी ज़्यादा बढ़ जाता है।
पल्स-वॉल्यूम रिकॉर्डिंग
पल्स-वॉल्यूम रिकॉर्डिंग यानी पीवीआर एक गैर-इनवेसिव तकनीक है, जिसे डॉक्टरों द्वारा किसी व्यक्ति में छोटी धमनियों में रक्त प्रवाह को मापने और डायबिटीज परिधीय संवहनी रोग (डायबिटिक पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज) यानी डीपीवीडी के निदान में मदद के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
अल्ट्रासोनोग्राफी
अल्ट्रासोनोग्राफी शरीर के अंदर की एक छवि बनाने के लिए अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल करके की जाने वाली एक नैदानिक तकनीक है। यह तकनीक विकिरण का इस्तेमाल नहीं करती है, हालांकि इसका इस्तेमाल प्रसूति और स्त्री रोग सहित दवा में किया जाता है।
ट्रांसक्यूटेनियस टिश्यू ऑक्सीजन स्टडीज।
ट्रांसक्यूटेनियस टिश्यू ऑक्सीजन स्टडीज को आमतौर पर टीटीओएस के नाम से जाना जाता है। यह एक सटीक और भरोसेमंद परीक्षण है, जिसे पैरों में डायबिटीज के घावों का निदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मिनटों में होने वाली टीसीओएस की प्रक्रिया में सेंसर जांच के तहत त्वचा के ऊतकों में ऑक्सीजन की मात्रा को मापकर काम करता है।
उपचार – Upchar
डायबिटीज वाले किसी व्यक्ति को इंफेक्शन और अल्सर होने की काफी संभावना होती है। इंफेक्शन और घाव के जोखिम से बचने के लिए आप ज़्यादा गंभीर त्वचा की बीमारियों का इलाज और जांच त्वचा विशेषज्ञ से करवा सकते हैं। नैदानिक डायबिटीज के अनुसार, उपचार के बिना डायबिटीज के घाव आमतौर पर दो से पांच हफ्ते में ठीक हो जाते हैं।
घाव या छाले में लिक्विड स्टेराइल होता है, इसलिए आपको इन्हें खुद फोड़ने से बचना चाहिए। हालांकि, अगर आपके घाव गंभीर है, तो डॉक्टर आपके इस तरल को निकाल सकते हैं। यह त्वचा को चोट के लिए एक आवरण के रूप में बनाए रखने में मदद करेगा, क्योंकि घाव फटने से अक्सर त्वचा फट जाती है, जिससे उपचार के बाद घाव को ठीक होने में ज़्यादा समय लग सकता है।
घावों को ज़्यादा नुकसान से बचाने और एंटीबायोटिक मलहम या क्रीम से उनका इलाज करने के लिए बैंडिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर खुजली गंभीर है, तो डॉक्टर आपके लिए स्टेरायडल लोशन भी लिख सकते हैं। डायबिटीज के घाव से बचने के लिए या अगर यह आपको पहले से ही हैं, तो उपचार में तेजी लाने के लिए अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखना सबसे ज़रूरी कदम है।
बचाव – Bachav
अगर किसी व्यक्ति के पैरों पर डायबिटीज के घाव हैं, तो उनके द्वारा अपनी त्वचा पर नज़र रखना बहुत ज़रूरी है। हालांकि, अगर आपको न्यूरोपैथी है, तो फफोले और घावों पर किसी का ध्यान नहीं जा सकता है। जब डायबिटीज वाले किसी व्यक्ति को घाव, छाले या घावों में इंफेक्शन हो जाता है, तो उनसे बचने के लिए वह कुछ चीजें कर सकते हैं, जैसे:
- हर दिन अपने पैरों का सावधानी के साथ निरीक्षण करें।
- जूते और मोज़े पहनने से आपको अपने पैरों में चोट लगने से बचने में मदद मिल सकती है।
- ऐसे जूते पहनें, जो बहुत ज़्यादा टाइट न हों।
- नए जूते पहनते समय इन्हें सावधानी के साथ पहनें, क्योंकि इससे डायबिटीज के घाव हो सकते हैं।
- छंटाई या बागवानी उपकरण का इस्तेमाल करते समय दस्ताने पहनें। ऐसा नहीं करने से आपके हाथों में घाव हो सकते हैं।
- कुछ व्यक्ति पराबैंगनी प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं, जिससे डायबिटीज के घाव हो सकते हैं। इससे बचाव के लिए बाहर जाते समय हमेशा सनस्क्रीन लगाएं और जितना हो सके बाहर जाने से बचने की कोशिश करें।
मंत्रा केयर – Mantra Care
डायबिटीज के घाव दिखाई देते ही उनका इलाज करना ज़रूरी है। अगर इन्हें अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो इससे समस्या बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि खुला घाव जल्दी से संक्रमित हो सकता है और कई तरह की चिकित्सा जटिलताओं का कारण बन सकता है।
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मंत्रा केयर में हमारी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और कोचों की एक कुशल और अनुभवी टीम है। यह टीम आपके सभी सवालों का जवाब देने और परेशानी से संबंधित ज़्यादा जानकारी देने के लिए हमेशा तैयार है। इससे आपको अपनी ज़रूरतों के हिसाब से सबसे अच्छे इलाज के बारे में जानने में मदद मिलती है।