Contents
- 1 टाइप 2 डायबिटीज क्या है? Type 2 Diabetes Kya Hai?
- 2 टाइप 2 डायबिटीज के कारण – Type 2 Diabetes Ke Karan
- 3 टाइप 2 डायबिटीज की जटिलताएं – Type 2 Diabetes Ki Jatiltayein
- 4 टाइप 2 डायबिटीज की डाइट का प्रबंधन- Type 2 Diabetes Diet Ka Prabandhan
- 5 उच्च जीआई वाले आहार – High GI Wale Foods
- 6 टाइप 2 डायबिटीज की योजना – Type 2 Diabetes Ki Yojna
- 7 निष्कर्ष – Nishkarsh
- 8 मंत्रा केयर – Mantra Care
टाइप 2 डायबिटीज क्या है? Type 2 Diabetes Kya Hai?
टाइप 2 डायबिटीज को गैर-इंसुलिन-निर्भर डायबिटीज मेलिटस भी कहते हैं, जो मरीजों में पाचन की मूल प्रक्रिया पोषक तत्वों के टूटने का कारण बनती है। इन पोषक तत्वों में कार्बोहाइड्रेट भी शामिल है। यह आगे चलकर शर्करा यानी ग्लूकोज को रिलीज करता है। हमारे शरीर के अंदर कोशिकाओं के बेहतर काम-काज के लिए ग्लूकोज ऊर्जा का एक ज़रूरी स्रोत है। लेख में ऐसे ही कुछ टाइप 2 डायबिटीज की डाइट के बारे में जानकारी दी गई है, जिनका आपके द्वारा पालन किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, मांसपेशियों, वसा और लीवर में शरीर की कोशिकाएं प्रतिक्रिया करना बंद कर देती हैं। साथ ही यह अग्नाशय में बनने वाले इंसुलिन के लिए प्रतिरोध विकसित कर लेती हैं। ऐसी स्थिति में शरीर की कोशिका तक पहुंचने के बजाय इंसुलिन रक्तप्रवाह में बड़े पैमाने पर इकट्ठा हो जाता है। कोशिकाओं में पहुंचने वाले ग्लूकोज के इस प्रतिरोध से मरीजों में पुरानी बीमारी की शुरुआत होती है। इसी शुरुआत को टाइप 2 डायबिटीज या वयस्कता में शुरु होने वाले डायबिटीज (एडल्ट-ऑनसेट डायबिटीज) के नाम से भी जाना जाता है।
टाइप 2 डायबिटीज के कारण – Type 2 Diabetes Ke Karan
- ज़्यादा वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त लोगों में इसका उच्च जोखिम होता है।
- पेट और कमर के हिस्सों में ज़्यादा वसा का होना या वसा की उच्च सांद्रता
- निष्क्रियता की स्थिति (जीरो फिज़िकल एक्टिविटी)
- उच्च रक्त शर्करा के स्तर का पारिवारिक इतिहास
- अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में कमी होना
- 45 साल ज़्यादा उम्र के वयस्क
- गर्भावस्था से प्रभावित रक्त शर्करा का स्तर
- अनियमित मासिक धर्म (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम/पीसीओएस)
- विटामिन डी की कमी
टाइप 2 डायबिटीज की जटिलताएं – Type 2 Diabetes Ki Jatiltayein
डाइबिटीज के इस प्रकार से पीड़ित मरीजों में अक्सर समय के साथ पुरानी स्वास्थ्य स्थितियां विकसित होने का ज़्यादा खतरा होता है। बीमारी के कारण दूसरे शारीरिक अंगों के प्रभावित होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा यानी हाइपरग्लाइसीमिया स्तर को ट्रिगर करने वाले कारक अक्सर शरीर के दूसरे अंगों के स्वास्थ्य को भी खराब कर देते हैं।
इन कारकों में निम्नलिखित बीमारियां शामिल हैं-
- घावों का बिगड़ा हुआ उपचार
- डायबिटीज से होने वाला नसों में नुकसान (डायबिटिक न्यूरोपैथी)
- पुरानी गुर्दे की बीमारी
- मोतियाबिंद, काला मोतियाबिंद (ग्लूकोमा) और अंधापन
- त्वचा को प्रभावित करने वाले फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन
- याददाश्त में कमी होना (डिमेंशिया)
- गंभीर स्लीप एपनिया
- खराब दिल की स्थिति
टाइप 2 डायबिटीज की डाइट का प्रबंधन- Type 2 Diabetes Diet Ka Prabandhan
डायबिटीज एक बहुत ही तनावपूर्ण और खतरनाक स्थिति है। अगर यह बीमारी पुरानी हो, तो किसी व्यक्ति के जीवन पर इसका गंभीर प्रभाव हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि डायबिटीज को ठीक होने वाली बीमारी नहीं है। हालांकि, जीवनशैली में कुछ प्रभावी बदलावों के ज़रिए इसे नियंत्रित करने में मदद मिलती है। डॉक्टरों का कहना है कि फाइबर वाले खाद्य पदार्थ का सेवन और उच्च कैलोरी वाले आहार से परहेज़ टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इनमें फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज जैसे ओट्स सहित पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हैं। इन विकल्पों को आपकी स्वस्थ जीवन शैली और बेहतर जीवन जीने में मदद के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
कार्ब्स की गिनती
अगर आप कार्ब सेवन और इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रण में रखते हैं, तो इससे शरीर में इनका उचित संतुलन बनाये रखा जा सकता है। इससे आपको उच्च रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित और संतुलित बनाने में मदद मिलती है।
कार्ब्स की गिनती के तरीके
कार्ब्स की गणना आमतौर पर ग्राम में की जाती है। अपने कुल कार्ब सेवन की जांच करने के लिए आपको खाद्य पदार्थों में मौजूद अलग-अलग कार्ब्स की मात्रा का पता होना चाहिए, जिनका आपके द्वारा सेवन किया जाता है। इससे आपको उसका कुल योग यानी कुल कार्बोहाइड्रेट के सेवन का पता लगाने में मदद मिलती है। आपको बता दें कि हर भोजन में 45 से 60 ग्राम कार्ब्स होने चाहिए। कम कार्ब्स वाले स्नैक्स के लिए इसकी बताई गई मात्रा 15 से 20 ग्राम है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई)
जीआई यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स उस तेजी के बारे में बताता है, जिसके साथ एक निश्चित खाद्य पदार्थ का सेवन करने के बाद शर्करा का स्तर बढ़ता है। अगर आप टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो इसे नियंत्रित करने के लिए आप टाइप 2 डायबिटीज की आहार योजना का पालन कर सकते हैं। इस आहार योजना में प्रोटीन, वसा और उच्च फाइबर वाले विकल्पों सहित कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
उच्च जीआई वाले आहार – High GI Wale Foods
इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों को अक्सर रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आपको हर कीमत पर नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों के विकल्प से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
- सफेद ब्रेड, पास्ता और चावल जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट के स्रोत
- मीठे पेय या मीठा सोडा
- जंक फूड (प्रोसेस्ड फूड)
- तरबूज
- अनानास
- खजूर
- किशमिश
- करौंदा
- अनाज और अनाज से बनी उत्पाद
- स्वादयुक्त दही
- आलू
- वसा की उच्च मात्रा वाले मांस (गहरे रंग का मांस)
टाइप 2 डायबिटीज की योजना – Type 2 Diabetes Ki Yojna
डायबिटीज और ग्लाइसेमिक इंडेक्स के हिसाब से टाइप 2 डायबिटीज की डाइट के लिए भारतीय नाश्ते के कई विकल्प हैं। इन्हें किसी भी व्यक्ति द्वारा अपनी दैनिक जीवनशैली में शामिल किया जा सकता है।
- चावल के बजाय पालक और छोले वाली दाल से बनी इडली
- उपमा की जगह सूजी वाले आहार का सेवन करें।
- पीले अंडे आपके लिए स्वस्थ विकल्प हैं, क्योंकि इससे आपकी समस्या बढ़ती नहीं है।
- थोड़े से जैतून का इस्तेमाल करके बनाए गए छोले आपके पेट और शरीर दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
- अनाज से बना डोसा आपके आहार का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसमें 55 जीआई और सभी ज़रूरी अमीनो एसिड होते हैं।
- मूंग दाल चीला और ढोकला आपके लिए एक फायदेमंद विकल्प है।
- बाजरे की रोटी का सेवन करने से आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं।
कीटोजेनिक आहार
टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों को भोजन में कम कार्ब वाले विकल्प शामिल करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कम कार्ब वाली टाइप 2 डायबिटीज की डाइट से लोगों को रक्त शर्करा स्तर का उचित संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। यह उनके ट्राइग्लिसराइड स्तर को बनाए रखने और रक्त शर्करा स्तर में उतार-चढ़ाव के साथ अच्छे कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ाने में भी फायदेमंद है। यह शर्करा के बजाय वसा को ऊर्जा की खुराक में बदलता है और इस तरह यह टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों को संतुलित करता है।
अगर आप कीटोजेनिक या कीटो आहार का पालन करते हैं, तो आपके नीचे दिए कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिएः
- ब्राउन राइस
- होल व्हीट ब्रेड और होल व्हीट पास्ता
- फलों और पेय पदार्थों सहित किसी भी तरह की ज़्यादा वाली चीनी सामग्री
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
- शराब
- मीठे आलू
- चुकंदर
- मटर
- स्वीट कॉर्न
- उच्च स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ
कीटो आहार के लिए भारतीय रेसिपी
- अपनी नियमित ब्रेड को बादाम के आटे की ब्रेड से बदलें।
- स्वादिष्ट पोहा रेसिपी के लिए चावल के बजाय आप फूलगोभी वाले चावल का विकल्प चुन सकते हैं।
- नारियल वाले चावल के लिए नियमित चावल की जगह फूलगोभी का इस्तेमाल सेवन करें।
- अपने नियमित मक्खन को कीटो मक्खन से बदलें। मलाईदार मक्खन और पनीर का आनंद लें।
- आप पत्ता गोभी वाले मोमोज का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप मैदे की बाहरी परत को पत्ता गोभी से बदल सकते हैं।
- गर्मी के दिनों में नॉनफैट ग्रीक सादे दही से बना रायता सबसे अच्छा पेय है।
- फूलगोभी और बादाम के आटे का इस्तेमाल करके बनाए गए कम कार्ब वाले गर्म समोसे का नाश्ता करें।
- थोड़े से जैतून के तेल के साथ ग्रिल्ड बैगन या बैंगन के पकोड़ों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
भूमध्य आहार
जीवनशैली पर आधारित आहार योजना में टाइप 2 डायबिटीज आहार के लिए रेड मीट का सेवन सीमित करना चाहिए। खासतौर से यह योजना पौधों से मिलने वाले उत्पादों पर केंद्रित है। भूमध्यसागरीय खाने की दिनचर्या हमारे दैनिक सेवन से बिल्कुल अलग है। इसमें यह मायने नहीं रखता है कि हम कैसे खाते हैं। तनाव के बिना खाया गया भोजन शरीर द्वारा बेहतर पाचन और पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में मदद करता है। इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज में रक्त शर्करा की निगरानी वजन में कमी एक ज़रूरी भूमिका निभाती है। यही कारण है कि आपको हर हफ्ते 1 से 2 पाउंड वजन घटाने के लिए इस व्यवस्था को रोज़ाना 1,200 कैलोरी पर सेट करते हैं।
भूमध्य आहार में शामिल करने के लिए खाद्य पदार्थ
- प्रोटीन से भरपूर भोजन, जैसे दालें और बीन्स
- कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
- दही
- योगर्ट
- सैल्मन
- टूना
- छोटी समुद्री मछली
- अंडे
- कैनोला, मूंगफली या सूरजमुखी का तेल
- ज़्यादा मात्रा में पानी पीना
- कम मात्रा में रेड वाइन या काले अंगूर का रस
- जड़ी-बूटियां और मसाले
भूमध्य आहार के लिए खाने की रेसिपी
- एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून के तेल में बनी दाल की सर्विंग और किसी भी पसंदीदा सब्जी के साथ आप रोटी का सेवन कर सकते हैं।
- शतावरी और भाप में पकाई हुई सैल्मन आपको तुरंत संतुष्ट कर देगी।
- सब्जियों के साथ भुना हुआ चिकन रात के खाने का एक अन्य बेहतर विकल्प है।
- टमाटर के साथ पास्ता और कुछ काली मिर्च और जड़ी बूटियों के साथ आपको फेटा हुआ चीज़ खाना चाहिए।
- अंडे की भुर्जी और तले हुए अंडे ताज़े रस में परोसने के फायदेमंद और संतोषजनक भी हो सकते हैं।
- शाम के नाश्ते में आपको बिना चीनी वाली कॉफी और सूखे मेवों को शामिल करना चाहिए।
वीगन आहार
साल 2014 में छह अध्ययनों के स्रोत पर एक विश्वसनीय समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि शाकाहारी भोजन करने वाले लोग टाइप 2 डायबिटीज आहार उपवास रक्त शर्करा के निम्न स्तर और दीर्घकालिक रक्त शर्करा प्रबंधन से जुड़े थे। जबकि, 2018 की समीक्षा के अनुसार विश्वसनीय स्रोत बताते हैं कि अगर आप पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों को ज़्यादा और पशुओं से मिलने वाले उत्पाद यानी शाकाहारी भोजन (वीगन डाइट) खाते हैं, तो इससे इंसुलिन प्रतिरोध, प्रीडायबिटीज और डायबिटीज का जोखिम कम किया जा सकता है।
शाकाहारी लोगों के लिए टाइप 2 डायबिटीज आहार में शामिल खाद्य पदार्थों में शामिल हैं-
- मेवे और इनसे बना मक्खन (काजू, बादाम और ताहिनी आदि)
- बटरबीन, चना
- मसूर की दाल
- बादाम, सोया दूध
- टोफू
- सोया पनीर
- सोया दूध
- वीटामिन 12 से भरपूर खाद्य पदार्थ (पौधों से मिलने वाला दूध और दही, खमीर का अर्क)
- संतरे
- गोभी
- साबुत अनाज से बनी रोटी
- अखरोट
शाकाहारी लोगों के लिए टाइप 2 डायबिटीज आहार में परहेज के लिए खाद्य पदार्थ इस प्रकार हैं-
- मांस
- मुर्गी
- मछली और समुद्री भोजन
- दूध से बने उत्पाद (लैक्टोज)
- शहद और इससे बने अन्य उत्पाद
- जिलेटिन
- एडेड फ्लेवरिंग
- ओमेगा -3 फैटी एसिड
- मछली का तेल
शाकाहारी लोगों के लिए टाइप 2 डायबिटीज आहार में शामिल भारतीय रेसिपी
- भुने हुए नारियल और सोया दूध से बना नारियल का हलवा नाश्ते के लिए एक अच्छा विकल्प है।
- बहुत सारे सब्जियों के मसालों और जड़ी-बूटियों के साथ काले चने की एक क्लासिक रेसिपी भी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।
- मांस के कबाब की जगह एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून के तेल में बना टोफू कबाब शाकाहारी लोगों के लिए अन्य बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
- शाम के नाश्ते के लिए आपको एक गिलास बादाम दूध वाली कॉफी के साथ म्यूसली बार का सेवन करना चाहिए।
- इसके अलावा आप उच्च पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों की सलाद का सेवन कर सकते हैं, जिससे आपको एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकती है।
वॉल्यूमेट्रिक आहार
वॉल्यूमेट्रिक आहार की मदद से उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को खाये बिना टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति को पेट भरा हुआ महसूस होता है। वॉल्यूमेट्रिक आहार को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसका ज़्यादा ध्यान उच्च घनत्व और कम कैलोरी वाले पौष्टिक खाद्य पदार्थों पर रहता है। ज़्यादा पानी की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आपका पेट आसानी से भर जाता है और इससे आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है। वजन कम करने के आसान उपाय अपनाने से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों का रक्त शर्करा का स्तर संतुलित बना रहता है। इसके अलावा यह आहार उच्च रक्तचाप जैसी अन्य जटिलताओं के जोखिम को कम करता है और धमनियों में निर्माण को रोकता है।
वॉल्यूमेट्रिक्स आहार में शामिल करने के लिए खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं-
- ब्रोकली
- टमाटर
- मशरूम
- ब्राउन राइस
- फलीदार खाद्य पदार्थ
- कम वसा या वसा रहित डेयरी रिप्लेसमेंट
- चीज और मीट की कम मात्रा
- बहुत कम मात्रा में नट्स और क्रैकर्स
- त्वचा रहित मुर्गी
- पानी की ज़्यादा मात्रा वाले ताजे फल
वॉल्यूमेट्रिक्स आहार का पालन करने वाले लोगों को इन विकल्पों से परहेज़ करना चाहिएः
- तेल
- मक्खन
- अंडे
- भारी क्रीम
अंडे के बजाय एक स्वस्थ विकल्प के तौर पर आप अंडे के सफेद का सेवन कर सकते हैं। इसका उद्देश्य आपको उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से बचाना है। इसके लिए आपको ज़्यादा पानी वाले खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए, जिनमें आमतौर पर कैलोरी की कम मात्रा पाई जाती हैं।
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए वॉल्यूमेट्रिक्स आहार की रेसिपी
- रात के खाने में शामिल करने के लिए ग्रिल्ड चिकन और वेजिटेबल सलाद एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
- जैतून के तेल से बना होल व्हीट पीटा ब्रेड शाम या नाश्ते के बाद खाने के लिए एकदम सही है।
- ग्रील्ड मिर्च के साथ आप सलाद, टमाटर साल्सा, जड़ी बूटियों और प्याज की टॉपिंग कर सकते हैं।
- बिना फैट वाला चीज़, ताज़े कटे हुए टमाटर, खीरा और ताज़े नीबू के रस से भरे टॉर्टिला स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहतमंद भी होते हैं।
- ताजा स्ट्रॉबेरी, खरबूजा, तरबूज या ब्लूबेरी का एक बड़ा कटोरा शरीर से ज़हरीले पदार्थों को बाहर निकालने में आपकी मदद करता है। यह आपके लिए सुबह के समय अपने दिन की शुरुआत करने का सबसे सही तरीका है।
डैश आहार
डैश आहार उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार संबंधी दृष्टिकोण है, जिसकी सलाह अक्सर टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए दी जाती है। डैश आहार को डायबिटीज के मरीजों में उच्च रक्तचाप को कम करने और उनके रक्तचाप स्तर को नियंत्रित करने में मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस स्थायी आहार में ताजी सब्जियां, साबुत अनाज, वसा रहित डेयरी प्रोडक्ट, पोल्ट्री और लीन मीट वाले आहार शामिल हैं। डैश आहार में शामिल विकल्प इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या को दूर करते हैं। इसके अलावा यह ज़्यादा वजन या मोटापे जैसी कई समस्याओं को कम करने में भी आपकी मदद कर सकते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए आहार के इस विकल्प में शामिल खाद्य पदार्थ इस प्रकार हैं-
- साग, सब्जियां और फलियां
- नारंगी फलियां
- जैविक उत्पाद (खासतौर से संपूर्ण जैविक उत्पाद वाले अनाज)
- बिना वसा या कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट
- दूध और दही
- चेडर
- सोया पेय
- मछली, लीन मीट और मुर्गी, अंडे सहित प्रोटीन वाली खाद्य किस्में
- बीन्स और मटर
- मेवे
- बीज
- सोया से बने उत्पाद
- तेल
- स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ
डैश आहार का पालन करने वाले लोगों के लिए परहेज वाले खाद्य पदार्थ
- संतृप्त वसा
- ट्रांस वसा
- एडेड शुगर या आर्टिफिशियल शुगर वाले एजेंट
- सोडियम की उच्च मात्रा वाले खाद्य पदार्थ
टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए डैश डाइट की हेल्दी रेसिपी
- नाश्ते में दूध और व्हीट टोस्ट के साथ एक कटोरी ओट्स या अनाज दिन की शुरुआत का एक अच्छा तरीका है।
- भुने हुए अलसी के बीज या सूरजमुखी के बीज एक हल्के नाश्ते के लिए सबसे बेहतर हैं, जिसे आप पूरे दिन में कभी भी खा सकते हैं।
- दही के साथ आप भरवां गाजर या पालक के परांठे का सेवन कर सकते हैं, लेकिन आपको नमक और अन्य मसाले डालने से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
- गाजर या शिमला मिर्च जैसी सब्जियों के साथ अंडे के सफेद भाग से बना आमलेट पूरी गेहूं की रोटी के साथ लिया जा सकता है।
- वेज बिरयानी के लिए आपको सामान्य चावल की जगह ब्राउन राइस का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
- सांभर और रवा इडली दक्षिण भारत का सबसे लोकप्रीय व्यंजन है। इसे टमाटर की चटनी के साथ खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
- तरबूज, खुबानी और संतरे से बनी एक बड़े गिलास स्मूदी में आप अलसी के बीज और बिना चीनी वाला गाय का दूध डाल सकते हैं।
निष्कर्ष – Nishkarsh
अगर आप टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करना चाहते हैं, तो आपके लिए इस बीमारी के कारणों को समझना बहुत ज़रूरी है। साथ ही आपको यह भी जानना चाहिए कि डायबिटीज कैसे और क्यों विकसित होता है। इस तरह हम आहार और व्यायाम सहित हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों के बारे में ज़्यादा बेहतर तरीके से फासला ले सकते हैं। आपको इसके संकेतों और लक्षणों की जानकारी भी होनी चाहिए, ताकि आप किसी भी समस्या को गंभीर रूप लेने से पहले ही रोक या नियंत्रित कर सकें।
ऐसा करके आपको अपने शरीर और स्वस्थ जीवन के लिए जरूरतों को जानने में मदद मिल सकती है। लेख में बताई गई बातों के ज़रिए आप टाइप 2 डायबिटीज विकसित करने के जोखिम से बच सकते हैं। अगर पहले से ही डायबिटीज या इसके प्रकारों का निदान किया जा चुका है, तो अपनी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आपको डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करना चाहिए।
मंत्रा केयर – Mantra Care
अगर आप इस विषय से जुड़ी या डायबिटीज़ उपचार, ऑनलाइन थेरेपी, हाइपटेंशन, पीसीओएस उपचार, वजन घटाने और फिजियोथेरेपी पर ज़्यादा जानकारी चाहते हैं, तो मंत्रा केयर की ऑफिशियल वेबसाइट mantracare.org पर जाएं या हमसे +91-9711118331 पर संपर्क करें। आप हमें [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं। आप हमारा फ्री एंड्रॉइड ऐप या आईओएस ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
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