पैर की उंगली में जलन (बर्निंग टोज़): लक्षण, कारण और निदान – Burning Toes: Lakshan, Karan Aur Nidan

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पैर की उंगली में जलन (बर्निंग टोज़) क्या है? Burning Toes Kya Hai?

Burning sensation in Toes

पैर की उंगली में जलन (बर्निंग टोज़) को आमतौर पर नसों में नुकसान का संकेत माना जाता है, जिसे न्यूरोपैथी भी कहते हैं। नसें हमारे पूरे शरीर में फैली हुई हैं, लेकिन किसी भी चोट या बीमारी के कारण पैरों की नसें ही सबसे पहले डैमेज होती हैं। पैर की उंगलियों में जलन का मुख्य लक्षण पैरों में झनझनाहट या सुन्नता का अहसास है, लेकिन इसके अलग-अलग लक्षण और कारण हो सकते हैं।

कई बार मामले की गंभीरता के आधार पर आपको डॉक्टर से मदद की ज़रूरत भी हो सकती है। हालांकि, लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने पर पैर के अंगूठे में जलन होना काफी आम है। अगर इसके बाद भी समस्या लगातार बनी रहती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पैर की उंगली में जलन के लक्षण – Burning Toes Ke Lakshan

अन्य गंभीर लक्षणों के साथ पैर के अंगूठे में जलन महसूस होना आम बात है। हालांकि, लक्षणों की पहचान करके समय पर किये गये इलाज से बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है। ऐसे में ज़रूरी है कि आपको संभावित लक्षणों के बारे में पूरी जानकारी हो। उदाहरण के लिए- पैर की उंगली में जलन।

यहां आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताया गया है, जो पैर की उंगलियों में जलन के साथ हो सकते हैं:

symptoms of burning toes

  1. आपके पैरों के तलवे से खून बह सकता है।
  2. पैरों का सुन्न होना और झुनझुनी, इसके दो स्पष्ट लक्षण हैं।
  3. भोजन से होने वाली सूजन और लालपन
  4. कुछ मामलों में आप पैरों में छाले भी देख सकते हैं।
  5. संवेदनाओं के साथ ही उन हिस्सों में अंतर हो सकता है, जहां इसे महसूस किया जा रहा है।
  6. पीड़ित व्यक्ति को चलने में कठिनाई हो सकती है।
  7. पैर के प्रभावित हिस्से को छूने पर दर्द महसूस होना।
  8. अगर आपको लंबे समय से यह बीमारी है, तो यह अल्सर और जोड़ों के दर्द जैसी पैरों की गंभीर समस्या का कारण बन सकती है।
  9. पैर में सनसनी आपकी मांसपेशियों में कमजोरी और नसों में दर्द की समस्या पैदा कर सकती है।
  10. पीड़ित को अपने आसपास के तापमान में बदलाव को महसूस करने में परेशानी होती है।

बताए गए लक्षण पैर की उंगलियों में जलन वाले व्यक्ति द्वारा शुरूआती अवस्था में महसूस किया जा सकते हैं।

पैर की उंगली में जलन के कारण – Burning Toes Ke Karan

अगर आप इस समस्या के विकास को रोकना या इससे बचना चाहते हैं, तो आपको पैर की उंगलियों में जलन के कारणों का पता होना बहुत ज़रूरी है। यह बीमारी अलग-अलग स्थितियों की वजह से हो सकती है, इसीलिए इसके कारणों की लिस्ट काफी लंबी है। हालांकि, जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप कुछ कारणों का इलाज कर सकते हैं, जबकि अन्य के लिए डॉक्टर से इलाज की ज़रूरत होती है।

कीमोथेरेपी

Side Effects of Chemotherapyआपको पता होना चाहिए कि कैंसर के मरीज को नियमित अंतराल पर कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ता है। पैर की उंगलियों में जलन कीमोथेरेपी या अन्य चिकित्सीय रसायनों की लंबी अवधि के दुष्प्रभाव के तौर पर हो सकती है। डॉक्टरों द्वारा इन्हें अन्य उपचारों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

जहरीले वातावरण से संपर्क

toxic environment

रासायनिक उद्योगों में काम करने वाले लोगों को लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहना पड़ता है, जो उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इन कारणों से लोग समय के साथ पैरों और उंगलियों में जलन की समस्या विकसित करते हैं। इससे उन्हें कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है, जैसे:

  • मौत
  • मतली
  • दमा
  • चक्कर आना

टार्सल टनल सिंड्रोम

Tarsal tunnel syndromeयह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सूजन या चोट के कारण टखने से पैर तक चलने वाली नसें सिकुड़ जाती हैं। यह आखिर में पैर की उंगलियों में दर्द और जलन पैदा करता है। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो मरीज के पैरों में यह दर्द ज़्यादा बढ़ सकता है।

परिधीय धमनी की बीमारी

pheripheral arteries- burning toesकिसी मरीज को यह बीमारी तब होती है, जब पैरों और पंजों तक खून पहुंचाने वाली धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इस स्थिति में चलने पर मरीज को दर्द महसूस हो सकता है।

गुर्दे की बीमारी

kidney diseaseअगर आपको गुर्दे की बीमारी है, तो आपको सूजन और खुजली की समस्या से भी गुज़रना पड़ सकता है। साथ ही मरीज को सांस की तकलीफ, थकान, कोमा और पैर की उंगलियों में जलन जैसे अन्य लक्षण भी महसूस होते हैं।

एथलीट फुट

Athlete’s diabetic Footयह एक फंगल इंफेक्शन है, जो किसी पीड़ित से दूसरे लोगों को हो सकता है। एथलीट फुट को टिनिया पेडिस के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी का पहला टारगेट पैर के नाखून और हाथ होते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को पैर की उंगलियों के नीचे, कच्ची और मरी हुई त्वचा में दरार और छिलने का अनुभव हो सकता है।

इंफेक्शन से होने वाली बीमारी

infectious diseasesकई बार मरीज को लाइम रोग, एचआईवी, सिफलिस और दाद जैसे इंफेक्शन के कारण यह बीमारी होने की संभावना होती है। इसकी गंभीरता के बारे में जानने के लिए आपको डॉक्टर से बीमारी की जांच करवानी चाहिए।

हाइपरथायरायडिज्म

हाइपरथायरायडिज्म शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारणों में से एक है। इससे नसों में ज़्यादा दबाव पड़ता है और पैरों में सूजन आ जाती है। पीड़ित व्यक्ति पैरों की उंगलियों में जलन और थकान, वजन बढ़ना या सूखी त्वचा जैसी कई अन्य बीमारियां विकसित कर सकता है।

पोषक तत्वों की कमी

पोषक तत्वों की कमी

कुपोषण से पीड़ित किसी व्यक्ति को कई अज्ञात बीमारियां हो सकती हैं। पैरों या पैरों की उंगलियों में जलन भी इन्हीं बीमारियों में एक है। पैरों में जलन के कारण प्रमुख पोषक तत्व विटामिन बी12, विटामिन बी6 और विटामिन बी9 (फोलेट) में पाए जाते हैं।

हाथों या पैरों में सूजन (एरिथ्रोमेललगिया)

Erythromelalgiaयह एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जिसमें मरीज को बिना किसी वजह पैरों में तेज दर्द होता है। दर्द की तीव्रता और गंभीरता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग हो सकती है। अगर व्यक्ति गर्मी के संपर्क में व्यायाम, चलना या खड़ा होना जारी रखता है, तो दर्द ज़्यादा खराब हो सकता है, जिससे व्यक्ति को बड़ी जटिलताओं से गुज़रना पड़ता है।

शराब का ज़्यादा सेवन 

controlled alcohol intake अगर आप शराब का ज़्यादा सेवन करते हैं, तो समय के साथ आपके पैरों की उंगलियों में जलन हो सकती है। ज़्यादा मात्रा में शराब पीने से कई अन्य बीमारियां विकसित हो सकती हैं, जैसे मांसपेशियों की कमजोरी, बोलने में परेशानी और बार-बार पेशाब लगना।

डायबिटिक न्यूरोपैथी

Diabetic neuropathy

अगर आप डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीज हैं, तो पैरों की उंगलियों में जलन ज़्यादा तेज़ और गंभीर हो सकती है। यह समय के साथ आपकी रक्त वाहिकाओं और नसों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे पूरे शरीर में संकेतों की कमी हो सकती है। इसके अलावा यह शरीर में चीजों को समझने की क्षमता को भी नुकसान पहुंचाती है। अगर आप मोटापे, उच्च रक्तचाप और सिगरेट पीने और शराब पीने की आदतों से पीड़ित हैं, तो इनसे स्थिति ज़्यादा खराब हो सकती है ।

पैर की उंगली में जलन का निदान – Burning Toes Ka Nidan

पैर में उंगली में जलन होने पर व्यक्ति को इसका तुरंत निदान करवाना चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पैरों में सनसनी तेजी से खराब हो सकती है। कभी-कभी इसके कारणों का पता लगाना किसी भी व्यक्ति या विशेषज्ञ के लिए बेहद मुश्किल होता है। यहां उन सभी नैदानिक ​​परीक्षणों के बारे में बताया गया है, जिनकी सलाह आपको डॉक्टरों द्वारा दी जा सकती हैं:

इलेक्ट्रोमायोग्राफी (ईएमजी)

इस परीक्षण में डॉक्टर आपकी मांसपेशियों के काम की निगरानी करते हैं। इसके लिए उन्हें मांसपेशियों के अंदर विद्युत गतिविधि का निरीक्षण करने की ज़रूरत होती है। इस परीक्षण के लिए डॉक्टर आपकी त्वचा पर एक जांच कर सकते हैं या आपकी मांसपेशियों में एक सुई डाल सकते हैं।

नर्व बायोप्सी

आमौतर पर डॉक्टरों द्वारा यह जांच पैरों में जलन और सनसनी की तेजी के आधार पर की जाती है। आपकी नर्व बायोप्सी के लिए एक डॉक्टर तंत्रिका ऊतक के एक टुकड़े को काटते हैं। इसके बाद माइक्रोस्कोप की मदद से इसकी जांच की जाती है और निष्कर्ष के आधार पर रिपोर्ट बनाई जाती है।

प्रयोगशाला परीक्षण

पैर की नसों में दबाव और संवेदनाओं के मुख्य कारण को जानने के लिए खून, पेशाब, रीढ़ की हड्डी में तरल पदार्थ और अन्य चीजों की जांच ज़रूरी हो सकती है। इसके अलावा पैरों में जलन का सही कारण जानने के लिए डॉक्टर आपके विटामिन स्तर की जांच भी कर सकते हैं।

परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपसे कुछ ऐसे सवाल पूछ सकते हैं, जिनके बारे में आपको पता होना ज़रूरी है। ऐसे ही कुछ सवालों की लिस्ट नीचे दी गई है, जो आपके चिकित्सा इतिहास पर आधारित हैं। यह सवाल आपके और डॉक्टर दोनों के लिए परीक्षण को आसान बनाने में मदद करते हैं।

परीक्षा के समय डॉक्टर आपसे निम्नलिखित सवाल पूछ सकते हैं:

  • क्या आपको डायबिटीज है?
  • आप अपने पैर की उंगलियों में यह जलन कब से महसूस कर रहे हैं?
  • आप जलन कहां महसूस हो रही है, पैर की उंगलियों में या अपने पैर के पूरे तलवे में?
  • क्या आपने कोई अन्य लक्षण महसूस किये हैं?
  • क्या आप कोई दवा ले रहे हैं?

पैर की उंगली में जलन के घरेलू उपचार – Burning Toes Ke Gharelu Upchar

अगर आप सोचते हैं कि पैरों या उंगलियों में जलन आम समस्या है, तो ऐसा नहीं है। यह समस्या कई गंभीर बीमारियां पैदा करती है। हालांकि, कुछ घरेलू उपचारों को अपनाकर इससे राहत पाई जा सकती है।

पैर की उंगलियों या पैरों में जलन के इलाज के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार इस प्रकार हैं:

Home Remedies to treat Burning Toes

    1. आप पैरों को धोकर उन्हें बर्फ के ठंडे पानी में भिगो सकते हैं।
    2. थोड़ा पानी लें और उसमें थोड़ा सा एप्पल साइडर का घोल मिलाएं। इसके अलावा, घोल में थोड़ा एप्सम सॉल्ट मिलाएं और इस घोल में अपने पैरों डुबोएं। अगर आपको अन्य डायबिटीज की जटिलताएं हैं, तो आपको यह घरेलू उपाय आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
    3. हल्दी के सप्लीमेंट को संक्रमित जगह पर लगाने से भी आपको नसों के दर्द से राहत मिल सकती है। हल्दी या करक्यूमिन सप्लीमेंट्स में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो आपको दर्द से तुरंत राहत देते हैं।
    4. कभी-कभी सर्जिकल तरीके से संवेदना का इलाज नहीं हो पाता है। ऐसे में कुछ न्यूरोलॉजिकल डॉक्टर भी अपने मरीजों के लिए उसी मेथड का इस्तेमाल करते हैं।
    5. तलवों पर तेज़ मालिश से आपको अपने पैरों पर थोड़ा आराम मिल सकता है।
    6. आप एक टॉपिकल क्रीम भी लगा सकते हैं, जिसमें लिडोकेन या कैप्साइसिन हो। यह दर्द से तुरंत राहत देकर आपको कुछ समय के लिए चलने में सक्षम बनाता है।

यह सभी घरेलू उपचार पैरों और उंगलियों में जलन से राहत दे सकते हैं और नहीं भी। अगर सभी घरेलू उपचारों का पालन करने के बाद भी आपका दर्द कम पर नहीं होता है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, ताकि डॉक्टर आपका बेहतर और प्रभावी उपचार कर सकें।

सर्जरी से पैर की उंगली में जलन का उपचार – Surgery Se Burning Toes Ka Upchar

मरीज को किस प्रकार का सर्जिकल उपचार दिया जाना है, यह पूरी तरह से पैर की उंगलियों में जलन की तेजी पर निर्भर करता है। हालांकि, चार संभावित तरीकों से आप इस स्थिति के लिए सर्जिकल उपचार ले सकते हैं:

  • इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिम्युलेशन
  • मैग्नेटिक थेरेपी
  • लेजर थेरेपी
  • लाइट थेरेपी

डॉक्टर अभी भी अन्य तरीकों पर शोध कर रहे हैं, जिन्हें पैर की उंगलियों में जलन के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्यूपंक्चर एक अन्य चिकित्सा है, जिसे कुछ लोग पैर की उंगलियों में गंभीर जलन के मामलों में अपनाते हैं। यह एक प्रभावी चिकित्सा है, जो पैर की उंगलियों में जलन के साथ ही अन्य गंभीर स्थितियों का उपचार भी करती है।

डॉक्टर पैर की उंगलियों में जलन की स्थिति के लिए कुछ अन्य दवाएं लिख सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. ऐमिट्रिप्टिलाइन
  2. कार्बमेज़पाइन
  3. डुलोक्सेटीन
  4. डेसिप्रामाइन
  5. वेनलाफैक्सिन
  6. टोपिरामेट
  7. प्रेगाबलीन
  8. गाबापेंटीन

इस समस्या के इलाज में यह दवाएं ज़्यादा असरदार साबित हुई हैं। जबकि, अन्य उपचार विधियों में फिजियोथेरेपी और शारीरिक व्यायाम शामिल हैं। इसके अलावा आहार में कुछ बदलाव भी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। पीड़ित व्यक्ति फुटपैड और जूते के इंसर्ट जैसे कुछ ऑर्थोटिक उपकरणों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

पैर की उंगली में जलन से बचाव – Burning Toes Se Bachav

पैर की उंगलियों में जलन से कोई भी आपको पूरी सुरक्षा नहीं दे सकता, लेकिन कुछ दिशानिर्देशों का पालन करके आप स्थिति को गंभीर होने से रोक सकते हैं।

  1. आपके पास फुट केयर विशेषज्ञ के साथ नियमित परीक्षा सत्र होना चाहिए। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो ऐसे में यह ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है। ऐसी गंभीर जटिलताओं को रोकने के लिए विशेषज्ञ आपको कुछ खास तरह के जूते या फुटवियर की सलाह दे सकते हैं।
  2. आपको अपने जूतों को सोच-समझकर चुनना चाहिए। महिलाओं को चौड़े टो बॉक्स वाली लो हील्स पसंद करनी चाहिए, ताकि पैरों को पर्याप्त हवा और उचित सहारा मिल सके।
  3. अगर पैरों की देखभाल की बात करें, तो पैरों को साफ रखना सबसे ज़रूरी है। इसके लिए हमेशा साफ, सूखे और मुलायम मोजे पहनें। अगर आपने किसी ऐसी खेल गतिविधि में हिस्सा लिया है, जिससे पैरों में पसीना आ सकता है, तो इन्हें बदलते रहें।
  4. फफोले जैसी बड़ी या छोटी चोटों की निगरानी के लिए हर दिन अपने पैरों की जांच करें। त्वचा की दरारें,अल्सर, घाव और कट जैसी समस्या के लिए डॉक्टर से मिलें और शुरुआती उपचार ज़रूर लें।
  5. अपने रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रखें और नियमित रूप से इसकी निगरानी करते रहें। अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर नजर रखें और शरीर पर इसके प्रभाव को लगातार मॉनिटर करें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डायबिटीज पैर की उंगलियों में जलन के प्रमुख कारणों में से एक हो सकता है।

अगर आप पैर की उंगलियों में जलन से बचना चाहते हैं, तो इन सभी निवारक उपायों का आपके द्वारा पालन किया जाना ज़रूरी है। ।

मंत्रा केयर – Mantra Care

पैर की उंगलियों में जलन आम स्थिति लग सकती है, जो एक या दो दिनों में ठीक हो जाती है। इसके लिए आपको जितनी जानकारी है, उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी है और जटिलताएं भी उम्मीद से कहीं ज़्यादा हैं। पैर की उंगलियों में जलन के लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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