Contents
- 1 डायबिटीज क्या है? Diabetes Kya Hai?
- 2 डायबिटीज और कॉफी – Diabetes Aur Coffee
- 3 कॉफी से डायबिटीज की रोकथाम – Coffee Se Diabetes Ki Roktham
- 4 डायबिटीज में कॉफी के फायदे – Diabetes Mein Coffee Ke Fayde
- 5 डायबिटीज में कॉफी के नुकसान – Diabetes Mein Coffee Ke Nuksan
- 6 निष्कर्ष – Nishkarsh
- 7 मंत्रा केयर – Mantra Care
डायबिटीज क्या है? Diabetes Kya Hai?
डायबिटीज में कॉफी को बहुत फायदेमंद विकल्प माना जाता है, जो किसी व्यक्ति में टाइप 2 डायबिटीज के विकास का जोखिम कम कर सकती है। जबकि, कुछ अध्ययन बताते हैं कि लोग प्रतिदिन जितनी ज़्यादा कॉफी पीते हैं, उन्हें डायबिटीज होने की संभावना उतनी ही कम होती है। इसलिए, अगर आप भी कॉफी के शौकीन हैं और टाइप 2 डायबिटीज की संभावना कम करते हुए अपना पसंदीदा पेय पीना चाहते हैं, तो यह लेख आपके बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। डायबिटीज में कॉफी के सेवन से संबंधित कुछ ऐसे ही फायदे और नुकसान की जानकारी इस आपको लेख में दी गई है।
जब हम शर्करायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो हमारा पाचन तंत्र इसे तोड़कर ग्लूकोज में बदल देता है। ग्लूकोज शरीर की जीवित कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, जिससे रक्त शर्करा स्तर (ग्लूकोज लेवल) के नियंत्रण में मदद मिलती है। अगर आपको डायबिटीज है, तो कुछ कारणों से आपका शरीर इस ग्लूकोज का ठीक से इस्तेमाल नहीं करता है। इनमें शामिल हैं:
- आपका अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है।
- कोशिकाएं आपके द्वारा उत्पादित इंसुलिन या दोनों पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देती हैं।
आमतौर पर इन्हें टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज कहा जाता है, लेकिन इनके अलावा भी डायबिटीज के कुछ अन्य प्रकार हैं। नीचे दिए बिंदुओं में मुख्य रूप से टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज की चर्चा की गई हैः
- टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को अपना ग्लूकोज स्तर नियंत्रित करने के लिए दैनिक इंसुलिन इंजेक्शन लेने चाहिए।
- टाइप 2 डायबिटीज में अग्नाशय कुछ इंसुलिन बना सकता है। हालांकि, कोशिकाएं अग्नाश्य द्वारा उत्पादित इंसुलिन का जवाब देने में असमर्थ होती हैं। फिर भले ही पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कुछ इंसुलिन हो, लेकिन यह काम नहीं करता है और खाने के बाद उनके रक्त में शर्करा स्तर उच्च रहता है।
डायबिटीज और कॉफी – Diabetes Aur Coffee
टाइप 2 आज ज़्यादातर वयस्कों को प्रभावित करने वाला डायबिटीज का सबसे आम रूप है। यह किसी व्यक्ति के शरीर में अग्न्याशय द्वारा इंसुलिन का अपर्याप्त उत्पादन करने पर होता है। इसके अलावा यह तब होता है, जब किसी व्यक्ति का शरीर द्वारा ठीक से इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त रूप से पहचान नहीं पाता है। ऐसे में आपको डॉक्टरों द्वारा खासतौर से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रखने की सलाह दी जाती है। कॉफी पीना और रोजाना सेवन किए जाने वाले कपों की संख्या की निगरानी रक्त में शर्करा स्तर पर नियंत्रण का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। सीमित मात्रा में कॉफी के नियमित सेवन से शरीर को स्वस्थ और इंसुलिन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वह हर दिन कितनी मात्रा में कैफीन का सेवन करते हैं। बहुत ज़्यादा या बहुत कम सेवन से आपको रक्त में शर्करा के स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए आपको कॉफी पीने से संबंधित सही तरीकों की जानकारी हासिल करनी चाहिए। टाइप 2 डायबिटीज में लोगों को कैफीन सेवन की बारीकी से निगरानी करते हुए एक दिन में पांच कप कॉफी पीने का सुझाव दिया जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ज़रूरत से ज़्यादा कॉफी का सेवन आपके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
कॉफी से डायबिटीज की रोकथाम – Coffee Se Diabetes Ki Roktham
अगर आप डायबिटीज की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा तरीके ढूंढ़ रहे हैं, तो कॉफी आपके लिए एक बेहतरीन और फायदेमंद विकल्प हो सकता है। हालांकि, इस बात को लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि कॉफी पीने से टाइप 2 डायबिटीज को रोकने या देरी करने में मदद मिलती है। इससे संबंधित कुछ शोधों ने ग्रीन टी और कॉफी जैसे सामान्य पेय पदार्थों में पाए जाने वाले कैफीन और एंटीऑक्सिडेंट दोनों के साथ बेहतर नतीजे दिखाए हैं।
इंसुलिन और ग्लूकोज पर कॉफी का प्रभाव
आमतौर पर कॉफी और डायबिटीज के संबंध में बहुत से शोध किये गए हैं। कई अध्ययनों में कॉफी का डायबिटीज के खिलाफ सकारात्मक प्रभाव दिखाया गया है। जबकि, कुछ के अनुसार कॉफी के सेवन से डायबिटीज को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। हालांकि, कुछ अध्ययनों ने संकेत दिया है कि आपकी साधारण ब्लैक कॉफी उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है, जो पहले ही टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं। नियमित रूप से कैफीन वाली कॉफी पीने से ग्लूकोज और इंसुलिन संवेदनशीलता के प्रभाव में बदलाव आता है।
कॉफी से समय के साथ सहिष्णुता विकसित हो सकती है और यह एक सुरक्षात्मक प्रभाव पैदा कर सकती है। अनुसंधान से पता चलता है कि हम कैफीन को कैसे चयापचय करते हैं, इसके लिए कॉफी एक आनुवंशिक घटक हो सकता है। हालांकि, रक्त शर्करा स्तर भी नियंत्रित या संतुलित रखना बहुत ज़रूरी है। शोध के अनुसार, जो लोग कैफीन को ज़्यादा धीरे-धीरे संसाधित करते हैं, उनमें रक्त शर्करा का स्तर उन लोगों की तुलना में ज़्यादा होता है, जो इसे तेजी से संसाधित करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह पूरी तरह से आपके मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है।
डायबिटीज में कॉफी पीने की आदत
बिना डायबिटीज और डायबिटीज वाले लोग कॉफी पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, इसमें बड़े अंतर हैं। एक अध्ययन में, टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित नियमित कॉफी पीने वाले लोगों ने रोजमर्रा की गतिविधियां करते हुए अपने रक्त शर्करा पर नज़र रखी। इसमें उन्होंने पाया कि जिस दिन वह कॉफी पीते थे, उन दिनों उनके रक्त शर्करा का स्तर बढ़ा हुआ था।
डायबिटीज में कॉफी के फायदे – Diabetes Mein Coffee Ke Fayde
इसके अलावा भी कॉफी पीने के अतिरिक्त स्वास्थ्य संबंधी फायदे हैं, जो डायबिटीज की रोकथाम से पूरी तरह अलग हैं। नियंत्रित जोखिम कारकों के साथ हाल के शोध ने कॉफी के अलग-अलग फायदे दिखाये हैं। इनमें निम्नलिखित फायदे शामिल हैं:
- अगर आप कॉफी का सेवन नियमित तौर पर, लेकिन सीमित मात्रा में करते हैं, तो इससे आपको दिल की बीमारी का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।
- एक अध्ययन से पता चला है कि बिना कॉफी पीने वालों की तुलना में कॉफी पीने वालों में दिल की बीमारी से मरने की संभावना कम थी। हालांकि, जो लोग हर रोज़ चार या पांच कप कॉफी पीते हैं, उनमें दिल की बीमारी से मरने का जोखिम थोड़ा कम होता है।
कॉफी और पार्किंसंस की बीमारी
पार्किंसंस की बीमारी एक न्यूरो-आधारित विकार है, जिसमें एक व्यक्ति को कंपकंपी और अन्य कई संबंधित लक्षण हो सकते हैं। अलग-अलग अध्ययनों के अनुसार, कॉफी में मौजूद कैफीन से पार्किंसंस की बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है। वहीं कुछ अध्ययन बताते हैं कि यह इस विकार से पीड़ित व्यक्ति की गति में भी मदद करता है।
कॉफी और लीवर कैंसर
इटली के कुछ शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर कोई व्यक्ति कॉफी का सेवन करता है, तो इससे उसमें लीवर कैंसर होने का खतरा 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है। जबकि, जो लोग एक दिन में लगभग तीन कप का सेवन करते हैं, उनको इस बीमारी से पीड़ित होने का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
कॉफी और लीवर से संबंधित अन्य बीमारी
2017 में कॉफी को लेकर एक विश्लेषण किया गया था कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की कॉफी का सेवन करता है, तो इससे पित्त पथरी रोग, सिरोसिस और बिना शराब का सेवन किये लीवर की बीमारी का जोखिम कम होता था।
अल्जाइमर की बीमारी का कम जोखिम
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के मानसिक काम और याददाश्त को खत्म कर देती है। इसकी वजह से व्यक्तियों को कुछ याद नहीं रहता है। विशेषज्ञों की मानें, तो इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवा से इसके लक्षणों को सुधारने में थोड़ी मदद ज़रूर मिल सकती है। साथ ही सेवन करने पर कैफीन याददाश्त में कमी से बचाने का काम करता है। एक व्यक्ति जो रोजाना लगभग तीन से चार कप कॉफी का सेवन करता है, उसमें इस बीमारी का खतरा 65 प्रतिशत तक कम हो जा सकता है। हाल के कुछ अध्ययनों में यह भी दावा किया गया है कि कॉफी पीने से आपको अवसाद को कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, बहुत ज़्यादा कॉफी का सेवन व्यक्ति के लिए गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां पैदा कर सकता है।
सिरप और लैटेस
सीरप वाली कॉफी और ज़्यादा मात्रा में शर्करा आजकल लोकप्रिय हो रही है। इस प्रकार के पेय पदार्थ डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए घातक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा करते हैं, लेकिन शुद्ध कॉफी डायबिटीज वाले लोगों के लिए सबसे बेहतर है। प्रमुख कॉफी जोड़ों और श्रृंखलाओं में ‘स्किनी’ कॉफी भी दी जाती है, जिसमें कार्ब्स और शर्करा की मात्रा कम होती है। इस प्रकार की कॉफी लोगों को सुबह उठने और खुद को फिर से सक्रिय करने में मदद करती है। डायबिटीज के मरीजों को रक्त शर्करा स्तर बढ़ने पर डिकैफिनेटेड (डिकैफ) में स्विच करना चाहिए। हालांकि, कॉफी डायबिटीज का इलाज नहीं करती है। यह सिर्फ जोखिम को कम करने में मदद करता है और डायबिटीज वाले लोगों में रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज में कॉफी के नुकसान – Diabetes Mein Coffee Ke Nuksan
कॉफी आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद विकल्प है। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिनमें निम्नलिखत शामिल हो सकते हैं-
- चिंता – ज़्यादा चिंता करने वाले लोगों को अपने कॉफी के सेवन पर नियंत्रण रखना चाहिए।
- घबराहट – अगर कोई व्यक्ति बहुत ज़्यादा कैफीन का सेवन करता है, तो यह व्यक्ति के शरीर में एक गंभीर प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है। इससे आगे चलकर घबराहट और चिंता पैदा हो सकती है।
- बेचैनी – कॉफी पीने के बाद कुछ व्यक्तियों को बेचैनी महसूस हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कॉफी से मिलने वाली ज़्यादा ऊर्जा उनमें बेचैनी का कारण बन सकती है।
- आमतौर पर रोज़ाना कॉफी पीने वाले लोगों को इसे सीमित करने की सलाह दी जाती है। किशोर और युवा वयस्कों को प्रतिदिन सिर्फ 100 ग्राम कॉफी का सेवन ही करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति इससे ज़्यादा कॉफी पीता है, तो यह व्यक्ति के लिए घातक हो सकता है।
कॉफी रक्त शर्करा का स्तर कम करके ही डायबिटीज को रोकता है। हालांकि, इससे डायबिटीज को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। अगर आप रोजाना कॉफी का सेवन करते हैं, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
निष्कर्ष – Nishkarsh
अगर आपको डायबिटीज की बीमारी है, तो आपको किसी भरोसेमंद डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा बेहतर आहार योजना और स्वस्थ जीवन शैली भी इसमें मदद कर सकती है। साथ ही व्यक्ति अपनी कॉफी में शर्करा की मात्रा कम करके स्वस्थ आहार और व्यायाम को शामिल कर सकते हैं।
मंत्रा केयर – Mantra Care
अगर आप इस विषय से जुड़ी या डायबिटीज़ उपचार, ऑनलाइन थेरेपी, हाइपटेंशन, पीसीओएस उपचार, वजन घटाने और फिजियोथेरेपी पर ज़्यादा जानकारी चाहते हैं, तो मंत्रा केयर की ऑफिशियल वेबसाइट mantracare.org पर जाएं या हमसे +91-9711118331 पर संपर्क करें। आप हमें [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं। आप हमारा फ्री एंड्रॉइड ऐप या आईओएस ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
मंत्रा केयर में हमारी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और कोचों की एक कुशल और अनुभवी टीम है। यह टीम आपके सभी सवालों का जवाब देने और परेशानी से संबंधित ज़्यादा जानकारी देने के लिए हमेशा तैयार है। इससे आपको अपनी ज़रूरतों के हिसाब से सबसे अच्छे इलाज के बारे में जानने में मदद मिलती है।