माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट: उपयोग और परिणाम – Micro Albumin Urine Test: Upyog Aur Parinam

माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन – Micro Albumin Urine

आमतौर पर माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन की स्थिति के लिए किसी व्यक्ति का माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट किया जाता है। इसे अनुभव करने वाले बहुत से लोग इसके लक्षणों के बारे में नहीं जानते हैं। अगर आप अपने माइक्रो एल्ब्यूमिन स्तरों के बारे में परेशान हैं और खुद परीक्षण नहीं करना चाहते हैं, तो यह पता लगाने के लिए कई विकल्प हैं कि क्या यह आपके लिए कोई समस्या है। इस लेख के माध्यम से आपको माइक्रो एल्ब्यूमिन से संबंधित सभी ज़रूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की गई है। साथ ही आप जानेंगे कि माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन पॉज़िटिव होने का क्या मतलब है।

एल्ब्यूमिन – Albumin

एल्ब्यूमिन

एल्ब्यूमिन रक्त में एक प्रोटीन है, जो आपकी रक्त वाहिकाओं से तरल पदार्थ को बाहर निकलने में मदद करता है। जब किसी व्यक्ति को माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया होता है, तो ऐसी स्थिति में किडनी उसके पेशाब में थोड़ी मात्रा में एल्ब्यूमिन छोड़ रही होती हैं, जिसे शरीर द्वारा दोबारा अवशोषित कर लिया जाता है।

व्यक्ति की किडनी रक्त को साफ करते हैं और एल्ब्यूमिन जैसे अच्छे घटकों को बनाए रखती हैं। हालांकि, इस दौरान प्रोटीन किडनी से बाहर निकल सकते हैं और किडनी में खराबी होने के बाद शरीर के अंदर एल्ब्यूमिन पेशाब में छोड़ सकते हैं। एल्ब्यूमिन यानी अल-बायो-मिन किडनी की चोट लगने पर बचने वाले पहले प्रोटीनों में से एक है। अगर आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है, तो एल्ब्यूमिन आपके पेशाब में लीक हो जाता है।

माइक्रोएल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट क्या है? Microalbumin Urine Test Kya Hai?

माइक्रोएल्ब्यूमिन मूत्र परीक्षण माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया का पता लगाने का एक आसान और सटीक तरीका है, जो किडनी में नुकसान की मौजूदगी के बारे में बता सकता है। माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया का पता आमतौर पर आपके पेशाब में माइक्रोएल्ब्यूमिन या यूरिया नाइट्रोजन नाम के माइक्रो प्रोटीन को माप कर लगाया जाता है। यह निर्धारित करता है कि क्या किडनी की बीमारी के कोई शुरुआती चरण के लक्षण हैं, जैसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम या डायबिटिक न्यूरोपैथी। माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया इस बात का संकेत है कि किडनी आपके खून को ठीक से फिल्टर नहीं कर पा रही है, जो किडनी की बीमारी का प्रमुख कारण हो सकता है।

उपयोग – Upyog

किडनी में खराबी के शुरुआती संकेतों को देखने के लिए एक माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट का उपयोग किया जा सकता है। उपचार ज़्यादा गंभीर किडनी की बीमारी को रोकने या देरी करने में मदद कर सकता है। आपकी किडनी द्वारा खून को फिल्टर किया जाता है। वह आपके शरीर के ज़रूरी तत्वों को बनाए रखते हैं और आपके पेशाब के ज़रिए कचरा बाहर निकलने का काम करते हैं। माइक्रो एल्ब्यूमिन टेस्ट की आवृत्ति किसी भी गंभीर स्थितियों और किडनी में खराबी के आपके जोखिम से निर्धारित होती है, जैसे :

ब्लड टाइप वर्ल्ड के अनुसार, अगर आपको टाइप 1 डायबिटीज है, तो आपके डॉक्टर आपके निदान के पांच साल बाद साल में एक बार माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इस परीक्षण के परिणाम टाइप 2 डायबिटीज का निदान करने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं। अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है, तो आपके डॉक्टर आपके निदान के तुरंत बाद साल में एक बार माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन के लिए कहेंगे।

इसके अलावा उच्च रक्तचाप जैसी एक अन्य स्थिति के लिए डॉक्टर द्वारा आपको ज़्यादा बार माइक्रो एल्ब्यूमिन टेस्ट करवाने के लिए कहा जा सकता है। इस बारे मेंअपने डॉक्टर से चर्चा करें और पूछें कि इस परीक्षण को कितनी बार दोहराना है। अगर आपके पास हाई माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन स्तर है, तो डॉक्टर आपके लिए चिकित्सा लिख ​​सकते हैं, जिसके लिए ज़्यादा बार परीक्षण करवाने की ज़रूरत होती है।

जोखिम – Jokhim

अगर आप नीचे दिए गए किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं, तो आपको अपने परीक्षण के परिणाम की ज़रूरत हो सकती है:

  • दिल या किडनी की बीमारी के जोखिम कारकों में 65 या उससे ज़्यादा उम्र होना शामिल है।
  • अफ्रीकी अमेरिकियों, एशियाई, हिस्पैनिक्स और अमेरिकी भारतीयों सहित, जाति या जातीयता की वजह से किडनी की बीमारी को लेकर ज़्यादा संवेदनशीलता होना।
  • अगर परिवार के किसी सदस्य को किडनी की बीमारी है।

अगर आप सुनिश्चित नहीं हैं कि परीक्षण कब शुरू करना है या आपको कितनी बार इसकी ज़रूरत होगी, तो इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

डायबिटीज और किडनी की बीमारी

diabetes and kidney disease

संयुक्त राज्य अमेरिका में डायबिटीज, किडनी में खराबी और माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन का प्रमुख कारण है। डायबिटीज से पीड़ित किसी व्यक्ति के शरीर में रक्त शर्करा या ग्लूकोज का स्तर बहुत ज़्यादा होता है। फायतू ग्लूकोज़ समय के साथ आपके किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुचाता है। इससे किडनी के लिए आपके खून को साफ करना बहुत मुश्किल हो जाता है। डायबिटीज, के कारण आपकी नसों को भी नुकसान पहुंच सकता है, जिससे आपकी किडनी खराब हो सकती है।

टेस्ट की तैयारी – Test Preparation

माइक्रो एल्ब्यूमिन टेस्ट एक पेशाब की जांच यानी यूरिन टेस्ट है, जिसमें किसी तैयारी की ज़रूरत नहीं होती है। इसका मतलब है कि टेस्ट से पहले आपको कुछ खाने या पीने से परहेज करने की कोई ज़रूरत नहीं है। आपके डॉक्टर की ज़रूरतों के आधार पर जांच किये जाने वाले पेशाब की मात्रा एक रैंडम सैंपल से लेकर 24 घंटे तक हो सकती है।

प्रक्रिया और समय की जानकारी के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें कि वह आपके टेस्ट से पहले यूरिन सैंपल कब लेंगे। कुछ डॉक्टर एल्ब्यूमिन-टू-क्रिएटिनिन रेशो टेस्टिंग के लिए स्पॉट यूरिन टेस्ट के लिए सुबह जल्दी सैंपल लेना चाहते हैं। अगर आप दोबारा परीक्षण कर रहे हैं, तो वह इसे आपके पिछले टेस्ट की तरह लगभग उसी समय के लिए शेड्यूल करने की कोशिश कर सकते हैं।

ज़्यादा व्यायाम के कारण अस्थायी रूप से एल्ब्यूमिन बढ़ सकता है, इसलिए इस बारे में अपने डॉक्टर से जानें कि आपको टेस्ट से एक दिन पहले कठिन व्यायाम को सीमित करना चाहिए या नहीं।  अपना अध्ययन शुरू करने से पहले खास यूरिन टेस्ट प्रोसेसिंग कंटेनर लें। सुनिश्चित करें कि आप टेस्ट के निर्देशों को अच्छी तरह से समझते हैं और अपने डॉक्टर या नर्स को अपनी किसी परेशानी के बारे में बताते हैं, ताकि आप अपने सैंपल की तैयारी में आश्वस्त हों।

टेस्ट प्रक्रिया – Test Prakriya 

माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट के लिए एक ताजा यूरिन सैंपल लें, जिसे कई तरह से किया जा सकता है:

  • आपके डॉक्टर 24 घंटे के यूरिन सैंपल के लिये कहेंगे। 24 घंटों में डॉक्टर आपको पेशाब को एक खास कंटेनर में इकट्ठा करने के लिए कहते हैं, जिसके बाद आपको यह सैंपल विश्लेषण के लिए जमा करना होता है।
  • एक समय पर एक यूरिन सैंपल की ज़रूरत होती है, इसलिए डॉक्टर आपको सुबह या बिना पेशाब किए चार घंटे बाद यूरिन सैंपल के लिए कहेंगे।
  • रैंडम यूरिन टेस्ट किसी भी समय कर सकते हैं। हालांकि, नतीजों की सटीकता बढ़ाने के लिए यह अक्सर क्रिएटिनिन यूरिन टेस्ट के साथ प्रयोग होता है। इस अपशिष्ट उत्पाद को ज्यादातर किडनी फिल्टर करती हैं।

सैंपल को विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में ले जाते हैं। एक बार सैंपल देने के बाद आप सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं। यूरिन डिपस्टिक टेस्ट के नतीजे कुछ ही मिनटों में मिलते हैं, लेकिन इससे सटीक एल्ब्यूमिन स्तर का पता नहीं चलता है। इसके लिए डॉक्टर आपके साथ निष्कर्षों पर चर्चा कर सकते हैं।

एल्ब्यूमिन-टू-क्रिएटिनिन रेशो आमतौर पर प्रयोगशाला द्वारा निर्धारित किया जाता है। एक स्पॉट यूरिन टेस्ट के नतीजे कुछ दिनों में आते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में डॉक्टर के कार्यालय में एक गैजेट हो सकता है, जो कुछ स्थितियों में आपका सैंपल प्रयोगशाला में भेजे बिना एल्ब्यूमिन स्तर का पता लगाता ने में मदद करता है।

कुल मिलाकर एल्ब्यूमिन का स्तर तब पता चलेगा, जब लैब द्वारा 24 घंटे के अंदर आपका यूरिन सैंपल लेकर कुछ दिनों के अंदर नतीजे उपलब्ध करवाए जाएंगे। एल्ब्यूमिन का स्तर उच्च होने पर आप मेल द्वारा या इंटरनेट स्वास्थ्य पोर्टल के ज़रिए एल्बुमिन यूरिन टेस्ट के लिए लैब रिपोर्ट की कॉपी ले सकते हैं। डॉक्टर जांच के नतीजों के बारे में चर्चा करने के लिए आपको ईमेल या संपर्क भी कर सकते हैं।

परीक्षा परिणाम की व्याख्या – Test Result Explanation

आपके परिणामों की व्याख्या आपके द्वारा लिए जाने वाले एल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट के प्रकार सहित आपकी समग्र स्वास्थ्य स्थिति और परीक्षण के नुस्खे पर निर्भर कर सकती है। अगर आप एक यूरिन डिपस्टिक टेस्ट करवाते हैं, तो आपके पेशाब के संपर्क में आने के कुछ मिनटों बाद ही परीक्षण पट्टी का रंग बदल जाएगा। इस तरह डॉक्टर या नर्स यह जांच कर सकते हैं कि परीक्षण में घोल की छाया के आधार पर एल्ब्यूमिन के उच्च स्तर की जांच की गई है या नहीं।

एल्ब्यूमिन-टू-क्रिएटिनिन रेशो टेस्ट के लिए आपका रिज़ल्ट आमतौर पर क्रिएटिनिन (मिलीग्राम/ग्राम) के प्रति ग्राम एल्ब्यूमिन के मिलीग्राम में होगा। पूरे दिन के सैंपल में एल्ब्यूमिन का कुल ग्राम 24 घंटे के यूरिन सैंपल (ग्राम/दिन या ग्राम/24 घंटे) के लिए दिखाया जाएगा।

माइक्रोएल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट रिज़ल्ट – Microalbumin Urine Test Result

Results of Microalbumin Urine Test

माइक्रो एल्ब्यूमिन टेस्ट 24 घंटे में मिलीग्राम (एमजी) में पेशाब में लीक होने वाले प्रोटीन की मात्रा को मापता है।

  • 30 मिलीग्राम से कम सामान्य है।
  • तीस से 300 मिलीग्राम शुरुआती किडनी की बीमारी यानी माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया का संकेत हो सकता है।
  • 300 मिलीग्राम से ज़्यादा एल्ब्यूमिन ज़्यादा एडवांस किडनी की बीमारी यानी मैक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया के बारे में बताता है।

अपने डॉक्टर के साथ अपने विश्लेषण के बारे में चर्चा करें। इस दौरान डॉक्टर से पूछें कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए क्या मायने रखता है। अगर आपका माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन लेवल सामान्य से ज़्यादा है, तो डॉक्टर आपको दोबारा जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं।

माइक्रो एल्ब्यूमिन यूरिन लेवल कई कारणों से उम्मीद से ज़्यादा हो सकता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आपके पेशाब में रक्त (हेमाट्यूरिया)
  • कुछ दवाएं
  • बुखार
  • तेज व्यायाम
  • पेशाब के रास्ते में इंफेक्शन
  • किडनी की अन्य बीमारी

फॉलो अप टेस्ट – Follow Up Tests

अगर एक एल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट का नतीजा असामान्य पाया जाता है, तो डॉक्टर को आपकी अन्य जांच करने की ज़रूरत पड़ सकती है। हालांकि, आगे के परीक्षण करवाना सामान्य है। आपके डॉक्टर आपके पेशाब में एल्ब्यूमिन के स्तर की फिर से जांच करने के लिए दोबारा जांच की सलाह दे सकते हैं। अगर पहला यूरिन डिपस्टिक टेस्ट किया गया था, तो डॉक्टर माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया का पता लगाने के लिए एल्ब्यूमिन-टू-क्रिएटिनिन रेशो टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।

यह परीक्षण आप अगले तीन से छह महीनों में कई बार दोहरा सकते हैं। अगर तीन में से दो टेस्ट पॉज़िटिव हैं, तो आपको शुरुआती किडनी की बीमारी होने की ज़्यादा संभावना है। कई बार सामान्य से ज़्यादा रीडिंग ज़्यादा गंभीर समस्याओं का संकेत दे सकती हैं। इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य आपके दिल से संबंधित किसी संकेत को निर्धारित करना है। निष्कर्षों के महत्व को निर्धारित करने और आप क्या उपाय कर सकते हैं, यह निर्धारित करने में डॉक्टर आपकी मदद करेंगे।

निष्कर्ष – Nishkarsh

एक व्यक्ति के पेशाब में एल्ब्यूमिन की उपस्थिति का पता लगाने के लिए माइक्रोएल्ब्यूमिन यूरिन टेस्ट का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर यह किडनी की बीमारी या किडनी को प्रभावित करने वाली अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में संकेत दे सकता है। एल्ब्यूमिन रक्त प्लाज्मा में पाए जाने वाले प्रमुख प्रोटीनों में से एक है, जो कोशिकाओं के अंदर द्रव स्तर को नियंत्रित करने के साथ-साथ एक स्वस्थ मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने में मदद करता है। जब किसी के शरीर में इस प्रोटीन की ज़्यादा मात्रा होती है, तो उन्हें ज़्यादा प्यास, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना, एनीमिया यानीॉ लाल रक्त कोशिका की कम गिनती, मतली या उल्टी, ज़्यादा पानी की कमी से डिहाइड्रेशन के कारण जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों में ऐंठन जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।

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