Contents
- 1 सामान्य रक्त शर्करा (नॉर्मल ब्लड शुगर) क्या है? Normal Blood Sugar Kya Hai?
- 2 निम्न या उच्च रक्त शर्करा के लक्षण – Low Ya High Blood Sugar Ke Lakshan
- 3 अपने रक्त शर्करा स्तर की जांच – Apne Blood Sugar Level Ki Janch
- 4 रक्त शर्करा स्तर नियंत्रित करने के उपाय – Blood Sugar Level Control Karne Ke Upay
- 5 रक्त शर्करा स्तर की जांच कब करें? Blood Sugar Level Ki Janch Kab Karein?
- 6 रक्त शर्करा स्तर का निदान – Blood Sugar Level Ka Nidan
- 7 शर्करा और शरीर – Sugar Aur Body
- 8 उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लाइसीमिया) स्तर – High Blood Sugar (Hyperglycemia) Level
- 9 निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया) स्तर – Low Blood Sugar (Hypoglycemia) Level
- 10 मंत्रा केयर – Mantra Care
सामान्य रक्त शर्करा (नॉर्मल ब्लड शुगर) क्या है? Normal Blood Sugar Kya Hai?
सामान्य रक्त शर्करा स्तर या रक्त शर्करा का स्तर 80 और 130 मिलीग्राम/डीएल. के बीच होता है, जो डायबिटिक लोगों के लिए सामान्य औसत संख्या है। आमतौर पर रक्त शर्करा के बहुत ज़्यादा स्तर को हाइपरग्लाइसीमिया (हाई ब्लड शुगर) के नाम से जाना जाता है। उच्च रक्त शर्करा यानी हाइपरग्लाइसीमिया वाले किसी व्यक्ति को ज़्यादा प्यास लगना, पेशाब आना, धुंधली दृष्टि, कंपकंपी, पसीना या चक्कर आना और भ्रम की स्थिति जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति में रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से कम है, तो उसे निम्न रक्त शर्करा (लो ब्लड शुगर) कहते हैं। इसे हाइपोग्लाइसीमिया के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें पसीना या चक्कर आना और भ्रम की स्थिति महसूस होने जैसे लक्षण शामिल हैं। डायबिटीज वाले लोगों के लिए सामान्य रक्त शर्करा स्तर की सीमा 80 से 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच है। हालांकि, एक व्यक्ति का व्यक्तिगत स्तर कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें उम्र, जातीयता, वजन, ऊंचाई और व्यक्ति द्वारा हाल ही में की गई गतिविधि शामिल है।
रक्त शर्करा स्तर की सामान्य सीमा
डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए रक्त शर्करा स्तर की सामान्य सीमा 80 से 130 मिलीग्राम/डीएल. के बीच होती है। जब किसी व्यक्ति का रक्त शर्करा स्तर बहुत कम होता है, तो उस व्यक्ति को हाइपोग्लाइसीमिया का अनुभव हो सकता है, जिसके लक्षणों में कंपकंपी, पसीना, चक्कर आना या भ्रम की स्थिति शामिल हैं। जब रक्त शर्करा का स्तर बहुत ज़्यादा होता है, तो उसे हाइपरग्लाइसीमिया के नाम से जाना जाता है, जिसके लक्षणों में ज़्यादा प्यास, पेशाब और धुंधली दृष्टि शामिल हैं। आपको रक्त की एक बूंद लेने और ग्लूकोज मीटर पर डालने के लिए अपनी उंगली को लैंसेट के साथ चुभोना होता है, जिससे आप आसानी से रक्त शर्करा के स्तर की जांच कर सकते हैं।
निम्न या उच्च रक्त शर्करा के लक्षण – Low Ya High Blood Sugar Ke Lakshan
जब व्यक्ति के शरीर में रक्त शर्करा का स्तर कम होता है, तो उसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं, जिसके लक्षणों में शामिल हैं-
- पसीना आना
- चक्कर आना
- भ्रम की स्थिति
- नींद की कमी
- तालमेल की कमी
- चिड़चिड़ापन
- भूख
रक्त में शर्करा के बहुत ज़्यादा स्तर को हाइपरग्लाइसीमिया के नाम से जाना जाता है, जिसमें किसी व्यक्ति को निम्नलिखित अहसास हो सकता है-
- ज़्यादा प्यास लगना
- लगातार पेशाब आना
- धुंधली दृष्टि
- कमज़ोरी
- सूखा मुंह
- सिरदर्द
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को निम्न या उच्च रक्त शर्करा के लक्षणों का अनुभव हो सकता है। आपको उंगली पिन के साथ चुभोकर रक्त की एक बूंद ग्लूकोज मीटर पर डालनी होती है, जिससे आप रक्त में शर्करा का स्तर जान सकते हैं।
अपने रक्त शर्करा स्तर की जांच – Apne Blood Sugar Level Ki Janch
अगर आप अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करना चाहते हैं, तो अपनी उंगली को एक पिन के साथ चुभोकर रक्त को एक टेस्ट स्ट्रिप पर रखें और इसके बाद स्ट्रिप को ग्लूकोज मॉनिटर में डालें। एक ग्लूकोज मीटर से आप यह जान सकते हैं कि लगभग 5 सेकंड में आपका शर्करा स्तर क्या है। एक अन्य विकल्प ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट यानी ओजीटीटी लेना है। हालांकि, इसमें ज़्यादा समय लगता है, लेकिन यह उतने ही ज़्यादा सटीक नतीजे भी दे सकता है। एक व्यक्ति का व्यक्तिगत स्तर कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे वह कितने साल का है, उसकी जातीयता, वजन और ऊंचाई या उनके द्वारा हाल ही में की गई गतिविधि। इन तरीकों की मदद से आप रक्त शर्करा के स्तर की आसानी से जांच कर सकते हैं।
रक्त शर्करा स्तर नियंत्रित करने के उपाय – Blood Sugar Level Control Karne Ke Upay
जिन तरीकों की मदद से डायबिटीज वाले व्यक्ति अपना रक्त शर्करा स्तर संतुलित कर सकते हैं, उनमें अपना वजन नियंत्रित रखना, नियमित रूप से व्यायाम करना, दवा के साथ ही अपनी आहार योजनाओं का पालन करना और नियमित रूप से अपने रक्त शर्करा स्तर की जांच करना शामिल है। कुछ व्यक्तियों को अपना ग्लूकोज लेवल नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन शॉट लेने की ज़रूरत भी हो सकती है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए एक शेड्यूल को फॉलो करना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, क्योंकि इससे उन्हें अपने रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, सिर्फ स्वस्थ भोजन और नियमित रूप से किया गया व्यायाम काफी हद तक आपकी मदद कर सकता है। उच्च फाइबर वाला भोजन, हरी सब्जियां और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले फल डायबिटीज वाले लोगों के लिए भोजन के अच्छे विकल्प हैं। इसके अलावा आप जुंबा, योग या हर दिन सिर्फ 30 मिनट के लिए चलने जैसे व्यायाम कर सकते हैं, जो रक्त शर्करा का स्तर सामान्य करने के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
रक्त शर्करा स्तर की जांच कब करें? Blood Sugar Level Ki Janch Kab Karein?
जो लोग डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं, उनके लिए नियमित रूप से अपने ग्लूकोज़ लेवल को मॉनिटर करना बहुत ज़रूरी है। डायबिटीज वाले लोगों को रोजाना कम से कम एक बार रक्त शर्करा के स्तर की जांच और नतीजों को चार्ट में लिखने की सलाह दी जाती है, ताकि यह पता चल सके कि उनके लिए क्या सामान्य है। अगर किसी व्यक्ति को जांच के दौरान रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव दिखाई देता है, तो आपको डायबिटीज का निदान करने के लिए डॉक्टर से बात करनी चाहिए। साथ ही माता-पिता के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना ज़रूरी है कि उनके बच्चों को उच्च या निम्न रक्त शर्करा के सभी लक्षणों की पूरी जानकारी हो।
रक्त शर्करा स्तर का निदान – Blood Sugar Level Ka Nidan
अपनी उंगली को एक साफ सुई से चुभोने और एक विशेष तरल में डूबी हुई पट्टी पर खून की बूंद डालने से ग्लूकोज मीटर के बिना अपने ग्लूकोज लेवल की जांच की जा सकती है। यह पट्टी आपके रक्त शर्करा के स्तर को मिलीग्राम/डीएल और एमएमओएल/एल दोनों में दिखाएगी। खाली पेट रक्त शर्करा का स्तर (फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल) किसी व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा है यानी जब उसने लगभग 8 घंटे तक कुछ नहीं खाया है। आमतौर पर रक्त शर्करा का स्तर लगभग 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होता है, जिसे ग्लूकोज मीटर का इस्तेमाल करके नापा जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, 80 से 99 मिलीग्राम/डाएल (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर) रक्त में मौजूद शर्करा की सही मात्रा है।
शर्करा और शरीर – Sugar Aur Body
चीनी एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है, जो मुख्य रूप से कई खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में मौजूद रहती है। यह एक घटक है, जो हमारा दैनिक कोटा को भरती है और अन्य पोषक तत्वों को प्रतिस्थापित करती है। सामान्य रक्त शर्करा की सीमा 80 से 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर यानी 3.9 से 6.7 एमएमओएल के बीच होती है। आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर जितना ज़्यादा होगा, आपका शरीर इसे कम करने की कोशिश के लिए उतना ही ज़्यादा इंसुलिन का उत्पादन करेगा। अगर आपको डायबिटीज है, तो आपके रक्त में शर्करा का स्तर बहुत ज़्यादा हो सकता है, जो इंसुलिन उत्पादन की मदद से अपने आप नीचे नहीं आता है।
डायबिटीज एक हमेशा रहने वाली स्थिति है, जो अग्न्याशय (पैनक्रियाज़) द्वारा इंसुलिन नहीं बनाए जाने या शरीर द्वारा इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल नहीं किये जाने की वजह से होती है। इससे आपके रक्त में ग्लूकोज बनता है, लेकिन यह आपकी कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है, जिसकी वजह से दिल की बीमारी और नसों में नुकसान हो सकता है। नियमित व्यायाम और स्वस्थ भोजन के सेवन से आप डायबिटीज को नियंत्रित करके माध्यमिक रोगों की रोकथाम कर सकते हैं।
अप चीनी के बजाय चीनी के विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो चीनी की तरह ही मिठास देते हैं, लेकिन प्राकृतिक शर्करा के मुकाबले यह कम कैलोरी वाले होते हैं। इनमें सैकरीन, एस्पार्टेम, सुक्रालोज़, नियोटेम, साइक्लामेट्स (जापान में उपलब्ध नहीं हैं), स्टीविया (सिर्फ जापान) और एलिटेम (अभी तक दुनिया भर में इस्तेमाल के लिए स्वीकृत नहीं हैं) शामिल हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि डायबिटीज वाले लोगों को चीनी के बजाय ग्लूकोज के विकल्प का इस्तेमाल करना चाहिए।
उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लाइसीमिया) स्तर – High Blood Sugar (Hyperglycemia) Level
अगर आपका रक्त शर्करा स्तर बहुत ज़्यादा है, तो आपको डायबिटीज होने का खतरा है। इसके अलावा आप दिल की बीमारी और नसों में नुकसान की समस्या भी विकसित कर सकते हैं। डायबिटीज से पीड़ित किसी व्यक्ति के रक्त में मौजूद ग्लूकोज कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है, जिससे कई अन्य जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। व्यायाम को शामिल करने और स्वस्थ खाने से आपको डायबिटीज को नियंत्रित करने और माध्यमिक बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
अगर आप डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं, तो आप भविष्य में दिल की बीमारी और नसों में नुकसान जैसी बीमारियां विकसित कर सकते हैं। ज़्यादातर उच्च रक्त शर्करा वाले लोग डायबिटीज की बीमारी विकसित कर सकते हैं और इसके साथ ही उनमें दिल की बीमारी और तंत्रिका क्षति विकसित करने का जोखिम होता है। ऐसे में अपने डायबिटीज के नियंत्रण और माध्यमिक बीमारियों को रोकने के लिए व्यायाम और स्वस्थ भोजन करना सबसे बेहतर विकल्प है।
डायबिटीज में क्या करें?
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को कई सामान्य चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है, जिनमें बहुत सारी साधारण चीनी खाना, हाल ही में की गई गतिविधि के लिए बहुत ज़्यादा भोजन करना और दवा या व्यायाम योजनाओं का पालन नहीं करना शामिल है। हालांकि, कुछ अन्य चीजें भी डायबिटीज वाले लोगों के लिए नुकसान पहुंचा सकती हैं, जैसे सिगरेट पीना, ज़्यादा शराब का सेवन और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का ज़्यादा मात्रा में सेवन करना। किसी व्यक्ति को स्वस्थ आहार बनाए रखने के साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। इसके अलावा उनके रक्त शर्करा स्तर को प्रबंधित करने के लिए डॉक्टर इंसुलिन या अन्य दवाओं का सेवन करने की सलाह भी दे सकते हैं।
निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया) स्तर – Low Blood Sugar (Hypoglycemia) Level
अगर आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत कम है, तो आप नीचे बताए गए लक्षण महसूस कर सकते हैं-
- ज़्यादा प्यास या भूख लगना
- ठंडी या चिपचिपी स्किन के साथ पीला पड़ना
- चिड़चिड़ेपन का अहसास या आंसू आना
- सिरदर्द
- स्कूल/कार्यस्थल में एकाग्रता की कमी
- अपनी छाती के बाहर फड़फड़ाहट (दिल की धड़कन) महसूस होना
- हर समय सोना या भ्रम की स्थिति
- चक्कर आना या कभी-कभी बेहोश होना
- अपने हाथों या पैरों में ज़्यादा थकावट और ऐंठन का अहसास
आमतौर पर यह स्थिति टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों को शराब का सेवन बंद करने के बाद होती है, जिसके कारण उन्हें चक्कर आना, भ्रम की स्थिति, दिल की धड़कन बढ़ना, ज़्यादा थकान और ऐंठन आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं। अगर आपके रक्त शर्करा का स्तर ज़्यादा है तो आप डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं, जिसके कारण दिल की बीमारियों और नसों में नुकसान का जोखिम बना रहता है। अगर आप अपने डायबिटीज को नियंत्रित करना और माध्यमिक बीमारियों की रोकथाम करना चाहते हैं, तो आपके लिए व्यायाम और स्वस्थ भोजन करना बेहद ज़रूरी है।
निम्न रक्त शर्करा में क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति को निम्न रक्त शर्करा यानी हाइपोग्लाइसीमिया का अहसास होता है, तो उसे ग्लूकोज वाले किसी खाद्य या पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए। ब्लड शुगर की दोबारा जांच से पहले आप संतरे का जूस या हार्ड कैंडी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर इन्हें खाने के बाद भी रक्त शर्करा का स्तर 70 मिलीग्राम/डीएल से कम है, तो ऐसी स्थिति में आपको चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए, क्योंकि ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने के लिए आपके शरीर को इंसुलिन की ज़रूरत होती है।
मंत्रा केयर – Mantra Care
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मंत्रा केयर में हमारी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और कोचों की एक कुशल और अनुभवी टीम है, जो आपके किसी भी सवाल का जवाब देने और आपकी परेशानी से जुड़ी ज़्यादा जानकारी प्रदान करने के लिए हमेशा तैयार है, ताकि आप जान सकें कि आपकी ज़रूरतों के हिसाब से सबसे अच्छा इलाज कौन सा है।