डायबिटिक मरीज़ों के लिए आहार युक्तियां – Diabetics Ke Liye Diet Tips

डायबिटिक मरीज़ क्या खा सकते हैं? Diabetics Kya Kha Sakte Hain?

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें निरंतर उपचार की ज़रूरत होती है। इसके लिए आपको स्वस्थ जीवन जीने और इस पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है, जो सिर्फ रोजाना व्यायाम और स्वस्थ भोजन के ज़रिए ही किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज अक्सर सवाल करते हैं कि उन्हें क्या खाना चाहिए या उनके लिए कौन सा भोजन अच्छा है। इसके बारे में जानने के लिए पता लगाना ज़रूरी है कि यह रक्त शर्करा का स्तर कितना बढ़ाता है। आपको क्या खाना चाहिए, यह जानने से पहले आपको कुछ चीजें के बारे में जानना जरूरी है।

नेट कार्बोहाइड्रेट क्या है? Net Carbohydrates Kya Hai?

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प्रत्येक खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं, जिनमें से कुछ कार्बोहाइड्रेट पेट में जाकर चीनी में बदल जाते हैं और रक्त में अवशोषित हो जाते हैं। जबकि इनमें से कुछ फाइबर के रूप में होते हैं, जो चीनी में नहीं बदलते और यूरिन के ज़रिए शरीर से बाहर निकल जाते हैं। चीनी में बदलने वाली नेट कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट की मात्रा है।

नेट कार्ब = कुल कार्ब-फाइबर

नेट कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाते हैं, इसलिए डायबिटीज वाले मरीजों को सभी खाद्य उत्पादों में नेट कार्बोहाइड्रेट की मात्रा की जांच करनी चाहिए। डायबिटीज में हमारा ब्लड शुगर का स्तर ज़्यादा रहता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए हमें ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए, जो शुगर लेवल को नीचे रखने में हमारी मदद करते हैं। इसमें आप अपने ब्लड शुगर को स्थिर रखने के लिए कम नेट कार्ब वाला भोजन चुन सकते हैं।

कम कार्ब वाले आहार और ऊर्जा – Low Carb Diet Aur Energy

हम कम कार्ब वाले आहार से ऊर्जा कैसे प्राप्त करते हैं?

कार्बोहाइड्रेट को लेकर कई लोगों में भ्रम है, क्योंकि हमें बताया जाता है कि हमें ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट से मिलती है। ऐसे में सवाल उठता है कि कम कार्ब आहार चुनने वाले डायबिटीज के मरीजों को ऊर्जा कैसे मिलेगी? इसका उत्तर यह है कि वास्तव में कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, लेकिन फैट और प्रोटीन भी इतने ही ज़रूरी हैं और इनसे भी ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। मोटापे से ग्रस्त डायबिटीज के मरीज भी कम कार्ब आहार चुनते हैं, ताकि ऊर्जा के लिए उनका शरीर मांसपेशियों से फैट और प्रोटीन का इस्तेमाल करता है और इससे वजन कम करने में मदद मिलती है। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल स्थिर रखने के लिए कम कार्ब्स का सेवन करना चाहिए।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स या जीआई – Glycemic Index or GI

Glycemic index

ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह मापने का एक तरीका है कि खाद्य पदार्थ कितनी जल्दी रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थों को 0 से 100 के पैमाने पर रेट करता है।

इसके मुताबिक भोजन में 0 जीआई होने का मतलब है कि यह शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाता है और यह संख्या जितनी बढ़ेगी, उतनी ही तेजी से उस भोजन में शर्करा का स्तर बढ़ेगा।

डायबिटिक मरीजों के लिए किसी खाद्य पदार्थ के ग्लाइसेमिक इंडेक्स की जांच एक सुरक्षित तरीका है, जिसके ज़रिए यह जानने में मदद मिलती है कि वह क्या खा सकते हैं और क्या नहीं, ताकि उनका ब्लड शुगर बढ़ने से रोका जा सके।

जीआई रेंज 0 से 55 के बीच वाले खाद्य पदार्थों को लो जीआई माना जाता है, जिनमें एवोकाडो, चेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, नाशपाती आदि शामिल हैं और डायबिटिक मरीज इन्हें रोजाना खा सकते हैं।

जिन खाद्य पदार्थों का जीआई 56 से 69 के बीच होता है, उन्हें मीडियम जीआई वाले खाद्य पदार्थ माना जाता है, जैसे- पपीता, केला और कीवी आदि। डायबिटीज वाले मरीज इन्हें पनीर या नट्स जैसे कुछ अन्य प्रोटीन युक्त भोजन के साथ कम मात्रा में खा सकते हैं।

इसके अवाला 70 या उससे ज़्यादा जीआई वाले खाद्य पदार्थों को उच्च जीआई खाद्य पदार्थ माना जाता है। डायबिटीज के मरीजों को इनसे बचने यानी इनका सेवन नहीं करने का सुझाव दिया जाता है, जिनमें तरबूज और पके अनानास जैसे फल शामिल हैं।

एक डायबिटीज के मरीज को हाई जीआई की तुलना में कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ चुनने चाहिए, क्योंकि कम जीआई वाले खाद्य पदार्थों के कारण ब्लड शुगर के स्तर में बढ़ोतरी नहीं होती है।

ग्लाइसेमिक लोड या जीएल – Glycemic Load or GL

Glycemic load

ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) भोजन के ग्लाइसेमिक इंडेक्स और एक सर्विंग में कार्बोहाइड्रेट की संख्या को ध्यान में रखता है। जीएल यह आकलन करने का ज़्यादा सटीक तरीका हो सकता है कि भोजन समय के साथ ब्लड शुगर मैनेजमेंट को कैसे प्रभावित करता है। निम्न-जीआई और निम्न-जीएल खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जो सुरक्षित और उपयुक्त खाद्य पदार्थ हैं। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि कई खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। लोग स्टार्च वाली सब्जियों को आसानी और अधिक तेजी के साथ पचा लेते हैं, क्योंकि आलू और अनाज का जीआई इंडेक्स ज़्यादा होता है।

ग्लाइसेमिक लोड= ग्लाइसेमिक इंडेक्स X कुल कार्ब्स/100

गेहूं के आटे का जीएल= 70×70/100= 49

सेब का जीएल= 35×12/100= 4.2

बादाम= 5×20/100= 1

इससे साबित होता है कि भोजन में कार्ब्स जितने कम होंगे, उसका ग्लाइसेमिक लोड उतना ही कम होगा। 10 जीएल के तहत आने वाले खाद्य पदार्थ कम जीएल भोजन हैं। डायबिटीज के मरीजों को पूरे दिन में 50 के ग्लाइसेमिक लोड से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। कम शब्दों में कहें, तो कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कम ग्लाइसेमिक लोड वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित नहीं करते और डायबिटिक मरीजों के लिए उपयुक्त हैं।

डायबिटीज मरीजों के लिए सब्जियां – Diabetics Ke Liye Vegetables 

vegetables for diabetics

पालक

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने पालक को डायिबिटीज के लिए सुपरफूड बताया है। फाइबर से भरपूर इस आहार में बहुत कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है। इसके मुताबिक एक कटोरी पालक का ग्लाइसेमिक लोड लगभग शून्य होता है, जिससे ब्लड प्रेशर को कम करने और स्थिर ब्लड प्रेशर के लेवल को बनाए रखने में बहुत मदद मिलती है। पालक में कैलोरी बहुत कम होती है, लेकिन कैरोटीनॉयड, विटामिन सी, विटामिन के, फोलिक एसिड और कैल्शियम ज़्यादा मात्रा में मौजूद होता है।

शतावरी (एस्परैगस)

शतावरी यानी एस्परैगस में लगभग आधे कार्बोहाइड्रेट फाइबर होते हैं, जो डायबिटीज वाले मरीजों के लिए इस हरी सब्जी को बेहतर और स्वस्थ विकल्प बनाते हैं। एक कप कटे हुए कच्चे शतावरी का ग्लाइसेमिक लोड सिर्फ एक है, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए काफी कम और उत्तम है। एक कप कटे हुए कच्चे शतावरी में कार्बोहाइड्रेट की अपेक्षाकृत कम मात्रा 3.2 ग्राम होती है, जिससे डायबिटिक मरीजों में ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी नहीं होती है।

मोरिंगा (ड्रमस्टिक)

सहजन या मोरिंगा में कई ज़रूरी विटामिन और मिनरल्स होते हैं। सहजन की पत्तियों में संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी और केले से करीब 15 गुना ज्यादा पोटैशियम होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट पदार्थ कोशिकाओं को नुकसान से बचाकर आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं। कुछ अध्ययनों के मुताबिक इनमें से कुछ एंटीऑक्सिडेंट कम ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) को भी कम कर सकते हैं, जिससे रक्त और शरीर में फैट को कम किया जा सकता है।

कई शुरुआती अध्ययनों से पता चलता है कि मोरिंगा में इंसुलिन जैसे प्रोटीन पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। इसकी पत्तियों में पाए जाने वाले पादप रसायन (प्लांट केमिकल्स) शरीर में मौजूद चीनी को बेहतर तरीके से संसाधित करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह शरीर द्वारा छोड़े जाने वाले इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है।

फूलगोभी

डायबिटिक मरीजों के लिए फूलगोभी एक स्वस्थ सब्जी है। अन्य सामान्य क्रूसिफेरस सब्जियों के साथ फूलगोभी ग्लूकोसाइनोलेट्स के सल्फर युक्त यौगिकों का भी एक अच्छा स्रोत है। अनुसंधान के मुकाबिक ग्लूकोसाइनोलेट्स आपके शरीर में सूजन को शांत करने में अहम भूमिका निभाते हैं और उनकी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के कारण कैंसर और हृदय की बीमारियों से बचा सकते हैं। फूलगोभी में प्रति कप सिर्फ 5 ग्राम कार्ब्स और 2 ग्राम फाइबर होता है, इसलिए यह ब्लड शुगर में बढ़ोतरी का कारण नहीं बनता है।

पत्ता गोभी

बताई गई सभी सब्जियों में कार्ब्स कम मात्रा में मौजूद होते हैं, लेकिन पत्ता गोभी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो इसे डायबिटीज के लिए औषधीय गुण प्रदान करता है। पत्तागोभी में कैलोरी की कम मात्रा होती है, जिसके कारण यह दैनिक कैलोरी सेवन को प्रभावित नहीं करता है। इसके साथ ही पत्तागोभी ब्लड शुगर के स्तर को कम करती है, जिससे इसकी कम-ज़्यादा मात्रा को नियंत्रित करने और रीडिंग को सुरक्षित सीमा में रखने में भी मदद मिलती है।

डायबिटीज मरीजों के लिए फल – Diabetics Ke Liye Fruits 

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आड़ू

आड़ू में जीआई 40 और कार्बोहाइड्रेट अपेक्षाकृत कम होता है, जिसके कारण इसे कम जीआई फलों में शामिल किया जाता है। यह फल विटामिन सी और पोटेशियम से भरपूर है, जो डायबिटीज वाले मरीजों के लिए हेल्दी है। डायबिटीज के मरीजों के लिए इस फल को उनके दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है।

नाशपाती

38 जीआई वाली नाशपाती विटामिन ए, बी 1, बी 2, सी, ई और फाइबर में समृद्ध होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को कम करने, कोलेस्ट्रॉल कम करने, इम्यून सिस्टम बढ़ाने और पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए नाशपाती खासतौर से फायदेमंद होती है, क्योंकि यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करती हैं। डायबिटीज के मरीज छोटे या मध्यम आकार के नाशपाती खा सकते हैं। आप मीठे नाश्ते के रूप में नाशपाती का आनंद ले सकते हैं।

एवोकाडो

एवोकाडो का जीआई 15 जितना कम होता है और चीनी में यह स्वाभाविक रूप से कम होता है। इसका मतलब है कि प्रति फल सिर्फ 1 ग्राम चीनी के साथ डायबिटीज के मरीजों के एवोकाडो बहुत स्वस्थ होते हैं। वह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं, जो हृदय की रक्षा करते हुए ब्लड प्रेशर को स्थिर करने में मदद करता है। रोजाना एक मध्यम आकार का एवोकाडो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

कच्चा केला

कच्चे केले डायबिटीज के मरीजों के लिए एक स्वस्थ विकल्प हैं, क्योंकि उनमें मौजूद प्रतिरोधी स्टार्च कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देता है। यह ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करते हैं। साथ ही कच्चे केले कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करके हमारे शरीर को दिल की बीमारियों (हृदय रोगों) से भी बचाते हैं।

जामुन

जामुन डायबिटिक मरीजों के लिए एक स्वादिष्ट विकल्प है। इसे कच्चा और दलिया या मांस के साथ भी खाया जा सकता है। इसके साथ ही ब्लूबेरी, रास्पबेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी ऑप्शन हैं। कम जीआई वाले यह फल एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और विटामिन सी से भरपूर होते हैं। इनमें कम शुगर होती है, इसलिए आप इन्हें दलिया, दही, सलाद या स्मूदी के साथ भी खा सकते हैं।

डायबिटीज मरीजों के लिए पारंपरिक खाद्य पदार्थ – Diabetics Ke Liye Traditional Food

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जौ

बार्ली को आमतौर पर भारत में जौ के नाम से जाना जाता है। जौ आपके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही ओट्स, ब्राउन राइस, ज्वार या रागी जैसे साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं, जो ब्लड शुगर मैनेज करने में मदद करते हैं।

करेला

बिटर गॉर्ड यानी करेले में पॉलीपेप्टाइड पी नाम के इंसुलिन जैसे यौगिक होते हैं, जो स्वाभाविक रूप से ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। जर्नल केमिस्ट्री एंड बायोलॉजी के एक अध्ययन से साबित होता है कि करेला खाने से ग्लूकोज की मात्रा कम होती है और ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार होता है।

करौंदा

करौंदा यानी आंवला हाई ब्लड शुगर (हाइपरग्लेसेमिया) को नियंत्रित करने का एक पुराना भारतीय उपाय है। आंवला में क्रोमियम होता है, जो कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। यह आपके शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता को भी बढ़ाता है, जिससे कोशिकाएं ग्लूकोज के प्रति ज़्यादा रिसेप्टिव हो जाती हैं। इसके अलावा यह ब्लड में शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

मेथी

डायबिटीज के रोगियों के लिए फेनुग्रीक या मेथी बहुत फायदेमंद होती है। शोध के अनुसार 10 ग्राम मेथी के दानों को गर्म पानी में भिगोकर खाने से टाइप 2 डायबिटीज को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर को कम करने के लिए मेथी का पानी काफी गुणकारी होता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को धीमा कर देते हैं, जिससे शुगर का अवशोषण धीमा हो जाता है। साथ ही मेथी का पानी नियंत्रित करता है कि शरीर शुगर का इस्तेमाल कैसे करता है।

फलियां

बीन्स स्वस्थ फाइबर, पोषक तत्वों और प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है। यह हमें लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं, जिससे हमारे कार्ब्स का सेवन कम हो जाता है। बीन्स का निम्न जीआई इंडेक्स डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। बीन्स में वनस्पति प्रोटीन होता है, जो डायबिटिक मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार के साथ प्रतिदिन एक कप बीन्स का सेवन करने से डाबिटीज वाले मरीजों में ब्लड शुगर के लेवल और धमनी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

डायबिटीज मरीजों के लिए आहार युक्तियां – Diabetics Ke Liye Diet Tips

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कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट खाएं

कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट फाइबर सामग्री से भरपूर होते हैं, जो धीरे-धीरे पचते हैं और इससे साधारण कार्बोहाइड्रेट के विपरीत ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ती है। खाद्य पदार्थ जैसे गेहूं, छिलके और गूदे वाले फल, सब्जियों के साथ चावल, सलाद, किसी भी प्रकार की सब्जियां, गेहूं की रोटी, गेहूं के नूडल्स, गेहूं का पास्ता आदि कॉम्प्लेक्स कार्ब्स हैं।

आहार में फलों को शामिल करें

भूख को संतुष्ट और दैनिक पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजाना कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों का सेवन करें। कम शुगर वाले फलों में स्ट्रॉबेरी, आड़ू, एवोकाडो और ब्लैकबेरी शामिल हैं।

फाइबर युक्त खाना खाएं

ब्लड शुगर के स्तर को कम करने के लिए डायबिटीज के आहार प्रबंधन में फाइबर की अहम भूमिका होती है। आहार फाइबर का सबसे अच्छा स्रोत कच्ची और पकी हुई सब्जियां, गूदे के साथ साबुत फल और साबुत अनाज और फलियां हैं।

पशुओं से मिलने वाले प्रोटीन पर विचार करें

अगर आप मांसाहारी हैं, तो आपको आहार में कुछ मात्रा में प्रोटीन जैसे लीन मांस, अंडे, चिकन, मछली आदि शामिल करने की सलाह दी जाती है। हालांकि अगर आप मांस नहीं खाते हैं, तो पौधों से मिलने वाले शाकाहार और डेयरी स्रोतों से प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें ब्रोकली, घर का बना पनीर, कम वसा वाला पनीर, अलग-अलग दालें, फलियां, सोयाबीन, मशरूम और टोफू आदि हो सकते हैं।

स्वस्थ वजन बनाए रखें

डायबिटीज में स्वस्थ वजन बनाए रखना ज़रूरी है, क्योंकि यह डायबिटीज की अन्य जटिलताओं के विकास के खतरे को कम करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। स्वस्थ वजन वाले डायबिटीज के मरीज डायबिटीज के कम लक्षणों का सामना करते हैं और ज़्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं।

मंत्रा केयर – Mantra Care 

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