औसत रक्तचाप (एवरेज ब्लड प्रेशर) को प्रभावित करने वाले कारक – Average Blood Pressure Ko Prabhavit Karne Wale Karak

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रक्तचाप – Blood Pressure

अपने रक्तचाप की निगरानी करना हम सभी के लिए ज़रूरी है, क्योंकि यह औसत रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसके ज़रिए उच्च रक्तचाप से होने वाली दिल और गुर्दे की बीमारी या स्ट्रोक जैसी कई समस्याओं के लक्षणों का पता लगाना बेहद आसान है। उदाहरण के लिए- निर्जलीकरण या अन्य स्थितियां होने पर निम्न रक्तचाप की समस्या हो सकती है, जिसके कारण आपको बेहोशी या चक्कर आ सकते हैं।

रक्तचाप

रक्तचाप आपकी धमनियों की दीवारों के खिलाफ रक्त को धकेलने वाला दबाव है। आमतौर पर यह दबाव इस बात पर निर्भर करता है कि आपका दिल कितना ज़ोर से पंप करता है। साथ ही आपकी रक्त वाहिकाएं कितनी चौड़ी या सिकुड़ी हुई हैं, क्योंकि आपके द्वारा किये जाने कामों के आधार पर यह प्रक्रिया हर दिन बदलती रहती है। बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए इसे एक सामान्य सीमा के अंदर बनाए रखा जाना चाहिए। यह एक कारक है, जो कई अन्य शारीरिक कार्यों को प्रभावित करता है। आपके स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता को यह निर्धारित करने के लिए नियमित रूप से जांच करनी चाहिए कि आपके सर्कुलेशन, दिल या गुर्दे में किसी प्रकार की समस्या तो नहीं है।

औसत रक्तचाप – Average Blood Pressure

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अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) रिकमेंड करता है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए रक्तचाप की संख्या 130/80 मिमी एचजी से कम होनी चाहिए। एक अनुमान के तौर पर देखें, तो औसत रक्तचाप 120/80 मिमी एचजी है, जो पारे (मर्करी) पर मिलीमीटर के हिसाब से होता है। आमतौर पर इसे मापने के लिए दो संख्याओं का इस्तेमाल किया जाता है: सिस्टोलिक और डायस्टोलिक।

सिस्टोलिक

सिस्टोलिक संख्या दोनों में से ज़्यादा है, जो दिल के सिकुड़ने पर आपके रक्तचाप की ऊंचाई को मापती है। इसका मतलब यह है कि यह चरम तनाव की एक माप है, जो फिर वापस नीचे चली जाती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दिल की मांसपेशी सिकुड़ने के बाद आराम करती है, ताकि वह फेफड़ों से ताजा ऑक्सीजन वाला रक्त अगली धड़कन के लिए भर सके।

डायस्टोलिक

डायस्टोलिक संख्या दोनों में से सबसे नीचे है। यह माप बताती है कि जब आपका दिल धड़कनों के बीच आराम करता है, तो आपका रक्तचाप कितना ऊंचा हो जाता है। इसका मतलब है कि डायस्टोलिक रक्तचाप गंभीर तनाव का एक माप है, जो एक बार फिर आराम करने से पहले फिर से चरम स्तर तक बढ़ जाता है। इस संख्या के लिए रक्तचाप की बेहतर सीमा 60 से 80 मिमी एचजी है।

औसत रक्तचाप के वेरिएबल – Average Blood Pressure Ke Variables

वयस्कों के लिए औसत रक्तचाप लगभग 120/80 मिमी एचजी यानी पारे पर मिलीमीटर के अनुसार है। हालांकि, यह हर एक व्यक्ति में अलग हो सकता है और समय के साथ बदल सकता है। यह अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:

  • आपका वजन
  • व्यायाम की आदतें
  • दिन के निश्चित समय पर आपके द्वारा कुछ भी खाना

औसत रक्तचाप कैसे मापें? Average Blood Pressure Kaise Measure Karein?

औसत रक्तचाप को कई तरीकों से मापा जा सकता है, जैसेः

रक्तदाबमापी (स्फिग्मोमैनोमीटर) का प्रयोग

sphygmomanometer

सिस्टोलिक और डायस्टोलिक संख्याओं को मापने का सबसे आम तरीका स्फिग्मोमैनोमीटर है। इस उपकरण में एक इन्फ्लेटेबल कफ होता है, जो हाथ के ऊपरी हिस्से पर चारों तरफ लपेटा जाता है। इसे तब तक फुलाया जा सकता है, जब तक कि यह दोनों धमनियों को हाथों में संकुचित नहीं कर देता।

इस दौरान किसी के दिल की धड़कन की आवाज़ को सुनने के लिए एक स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही एक गेज को भी देखा जाता है, जो दबाव को मापता है। यह धमनियों में नसों से जुड़ी आवाज़ को सुनता है, जो रक्त प्रवाहित होने पर बनती हैं।

ध्यान दें:

  1. निचली संख्या डायस्टोलिक के बारे में बताती है और श्वास के इस चरण में सबसे ज़्यादा सुनाई देगी।
  2. ऊपरी संख्या सिस्टोल के दौरान होती है, जो सांस लेने के चरण के दौरान सबसे तेज तब सुनाई देगी, जब सांस लेते हुए किसी की छाती फूलती है।

घर पर रीडिंग लेना

घर पर अपने रक्तचाप की माप को मॉनिटर करते समय सुनिश्चित करें कि आप दाहिने हाथ से रक्तचाप को मापते हैं। आपको आपके बाइसेप्स के चारों तरफ आराम से फिट होने वाले एक कफ का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें कफ के नीचे एक जगह हो, जहां आप दो अंगुलियों को एक दूसरे के ऊपर रख सकें, क्योंकि इससे माप में स्थिरता सुनिश्चित होती है।

नए उपकरणों की मदद

BP machine

यह माप एक ऑटोमेटेड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करके ली जा सकती है, जिसमें उंगली से आखिर में लगाए गए सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे घर पर चिकित्सा सुविधाओं की मदद से आसानी से मापा जा सकता है। यह डेटा को स्टोर करने वाले कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों को रेडियो सिग्नल के ज़रिए वायरलेस तरीके से ब्लड प्रेशर रीडिंग के बारे में जानकारी भेजने का काम करता है।

रक्तचाप की माप कब लें?

घर पर रक्तचाप की माप लेने वाले लोगों को इस प्रक्रिया का इस्तेमाल सुबह के समय पांच मिनट बैठने के बाद करना चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जागने पर किसी का रक्तचाप सबसे कम हो जाता है।

सिस्टोलिक संख्या 120 से ज़्यादा

अगर आपका सिस्टोलिक नंबर 120 या डायस्टोलिक 80 से ज़्यादा है, तो इसे उच्च रक्तचाप माना जाता है। जब किसी की सिस्टोलिक रीडिंग 140 से ज़्यादा और औसत डायस्टोलिक रीडिंग 90 से ज़्यादा हो, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीज है।

सिस्टोलिक संख्या 120 से कम

अगर आपका सिस्टोलिक रक्तचाप 100 से नीचे है, तो इसे बहुत कम यानी निम्न रक्तचाप कहा जाता है। जब आप हल्कापन या बेहोशी जैसे लक्षण महसूस कर रहे हों, तो इसे तत्काल चिकित्सा सुवाधाओं की ज़रूरत होती है। अगर इन लक्षणों के लिए कोई अन्य कारण निर्धारित नहीं किया जा सकता है तो यह संकेत दे सकता है कि आपको दिल की बीमारी या आपके दिल के सिस्टम के साथ अन्य समस्याओं के विकास का खतरा है। ऐसे किसी भी मामले में आपको डॉक्टर से जांच करवाने की सलाह दी जाती है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण – High Blood Pressure Ke Lakshan

उच्च रक्तचाप का एक मुख्य लक्षण सिरदर्द है, जो रक्त प्रवाह के बढ़ने और दिमाग के आसपास सूजन की वजह से हो सकता है। इसके अन्य संकेतों में शामिल हैं:

  • चक्कर आना
  • थकान महसूस होना
  • लगातार प्यास लगना
  • भ्रम की स्थिति

कुछ मरीजों को रक्त की मात्रा बढ़ने से दृष्टि समस्या जैसे धुंधली दृष्टि या नाक से खून आने की समस्या होने की संभावना भी होती है।

निम्न रक्तचाप के लक्षण – Low Blood Pressure Ke Lakshan

निम्न रक्तचाप को हाइपोटेंशन के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मुख्य लक्षण चक्कर आना या हल्कापन महसूस होना है। ऐसा खासतौर से तब होता है, जब आप बैठने के बाद अचानक से खड़े हो रहे हों। निम्न रक्तचाप के अन्य संकेतों में शामिल लक्षण हैं:

  • बेहोश होना
  • कमज़ोरी
  • मतली

ज़्यादा निम्न रक्तचाप वाले मरीजों को सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है। आमतौर पर यह दिमाग को पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं मिलने की वजह से हो सकता है। निम्न रक्तचाप से लोगों को थकान महसूस हो सकती है, जिसमें उन्हें लगातार ऊर्जा की कमी लगती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दिल को शरीर के चारों तरफ पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त पंप करने के लिए काम नहीं करना पड़ता है। इससे उनमें सहनशक्ति और शक्ति के सामान्य स्तर की कमी हो जाती है।

निम्न या उच्च रक्तचाप के जोखिम – Low ya High Blood Pressure Ke Jokhim

जब आप लंबे समय तक सोते या बैठे रहते हैं, तो निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लड प्रेशर के साथ ही उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके लिए इन कारकों को जिम्मेदार माना जा सकता है-

  • मोटापा
  • शारीरिक निष्क्रियता (व्यायाम की कमी)
  • तनाव
  • धूम्रपान
  • ज़्यादा शराब का सेवन

इसके अलावा कई अन्य कारक आपके उच्च रक्तचाप के विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

उच्च या निम्न रक्तचाप संबंधी बीमारी – High ya Low Blood Pressure Sambandhi Bimari

उच्च रक्तचाप संबंधी बीमारी

उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति में कई अलग-अलग तरह की बीमारियां होने की संभावना होती है, जिनमें दिल का दौरा और स्ट्रोक सबसे आम हैं ।

अगर आपको निम्न रक्तचाप की समस्या है, तो ऐसे में आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इस स्थिति के कुछ लक्षणों में चक्कर आना या जल्दी खड़े होने पर बेहोशी शामिल हैं।

ध्यान रखें कि अगर आपको अपना रक्तचाप सामान्य से ज़्यादा लगता है, तो लक्षणों को अनदेखा न करें। इससे बाद में अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें शुरुआती उपायों की मदद से रोका जा सकता है।

असामान्य रक्तचाप का उपचार – Abnormal Blood Pressure Ka Upchar

blood pressure treatment

अगर आपको लगता है कि आपके रक्तचाप का स्तर असामान्य यानी उच्च या निम्न है, तो कुछ तरीकों की मदद से आप इसे नीचे लाने की कोशिश कर सकते हैं, जैसे:

दवाएं

  • दिल की धड़कन को कम करने के लिए बीटा-ब्लॉकर्स जैसी दवाओं का इस्तेमाल करना।
  • वासोडिलेशन दवा, जिससे रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने को कम करने में मदद मिलती है।

सर्जरी

अन्य कम आम उपचारों में स्टेंटिंग या कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी (सीएबीजी) जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हैं, जिसमें दिल और इसे ब्लॉक करने वाली जगह के बीच एक नई धमनी रखना शामिल है।

आहार

आमतौर पर आपको अपने में नमक का सेवन कम रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ज़रूरत से ज़्यादा नमक शरीर में जाकर पानी बन जाती है, जिससे रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है।

स्वस्थ वजन

वजन घटाने के उपायों से आपको उच्च रक्तचाप का स्तर कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मोटापा काम का बोझ बढ़ने की वजह से आपके दिल पर ज़्यादा दबाव डालता है।

नियमित जांच

रक्तचाप का स्तर स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आप अपने डॉक्टर से नियमित जांच कराएं, ताकि वह इसकी निगरानी कर सकें। अपने स्वास्थ्य के बारे में यह जानकारी होने से लोगों के किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ करने की संभावना कम होती है। इससे वह अपना रक्तचाप स्तर कम करने के लिए तुरंत उचित उपाय कर सकते हैं।

प्राकृतिक तरीके

रक्तचाप के लिए योगा

तनाव के स्तर को स्वाभाविक रूप से कम करने के लिए कई तरीके हैं, जिसमें  शामिल है:

  • ध्यान या योग का अभ्यास करना।
  • कम प्रसंस्कृत भोजन और पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों के साथ बेहतर भोजन करना।
  • हर रात पर्याप्त नींद लेना यानी आदर्श रूप तौर पर कम से कम से 8 घंटे।
  • दिन भर में खूब पानी पीना, लेकिन खासतौर से भोजन से पहले।
  • शराब का सेवन कम करना या इसे सीमित करना।

निष्कर्ष – Nishkarsh

एक सामान्य रक्तचाप का स्तर 120/80 मिली एचजी से कम होता है। आपका रक्तचाप आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक मार्कर है। यह तनाव और चिंता से आप पर पड़ सकने वाले प्रभाव के बारे में भी बताता है, जो बदले में आपके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अगर आप बिना दवा के अपने उच्च रक्तचाप को प्राकृतिक तरीके से कम करना चाहते हैं, तो मंत्रा केयर में हमारे अनुभवी डॉक्टरों से संपर्क करें। ऐसा करके आप जान सकते हैं कि किसी भी गंभीर परिस्थिति में आपको किन सावधानियों का पालन करना चाहिए और आपके लिए सबसे बेहतर क्या है।

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