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पेट की चर्बी (बेली फैट) क्या है – What Is Belly Fat In Hindi?
पेट की चर्बी या वसा (बेली फैट) पेट के अंगों के आसपास वसा का जमा होना है। आमतौर पर पेट की चर्बी के कई प्रकार हैं। किसी व्यक्ति के लिए पेट की चर्बी को बहुत ज्यादा खतरनाक माना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह लेप्टिन और एडिपोनेक्टिन जैसे हार्मोन रिलीज करती है। इससे उन्हें टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, पेट की चर्बी के कुछ अन्य प्रकार हैं, जो दूसरों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं।
क्या आप भी पेट की चर्बी के कारण अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं? अगर हां, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। ज्यादा पेट की चर्बी अक्सर कुछ बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम पेट की चर्बी के अलग-अलग प्रकारों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनकी जानकारी होना आपके लिए बहुत है।
पेट की चर्बी के प्रकार – Types Of Belly Fat In Hindi
आज ज्यादातर लोगों की तरह पेट की चर्बी यानी अपनी कमर के चारों तरफ बेली फैट की उस फालतू परत के बारे में सोचते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट की चर्बी कई तरह की होती है।
बेली फैट के अलग-अलग प्रकार में निम्नलिखित नाम शामिल हैं:
उपचर्म वसा (सब्क्यूटेनस फैट)
सबक्यूटेनस फैट यानी त्वचा के नीचे की चर्बी एक ऐसा प्रकार है, जिसे उपचर्म वसा भी कहा जाता है। आपकी त्वचा के ठीक नीचे जमा वसा की परत को आप पिंच करके देख सकते हैं। सबक्यूटेनस फैट आमतौर पर एक बड़ी स्वास्थ्य संबंधी चिंता नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि व्यायाम और स्वस्थ आहार की मदद से इसे कम किया जा सकता है। त्वचा के नीचे की चर्बी से छुटकारा पाने के लिए आपको दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए कुछ प्रकार के कार्डियोवस्कुलर व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इनमें दौड़ना, बाइक चलाना या स्विमिंग आदि शामिल हैं।
सबक्यूटेनस फैट के कुछ अन्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
लोअर बेली फैट
लोअर बेली फैट एक प्रकार का सबक्यूटेनियस फैट है, जो आपके पेट के निचले हिस्से में मौजूद होता है। इस प्रकार का बेली फैट आनुवंशिक कारकों या जीवनशैली में हुए बदलावों का नतीजा हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि दूसरे प्रकार की वसा के मुकाबले पेट की चर्बी कम करना ज्यादा कठिन होता है।
लव हैंडल्स
लव हैंडल एक प्रकार की उपचर्म वसा है, जो आपकी कमर के किनारों पर मौजूद होती है। वह अक्सर पहली जगहों में से एक होते हैं, जब लोग वजन बढ़ाना शुरू करते हैं। ज्यादा कैलोरी का सेवन, आनुवंशिकी या एक गतिहीन जीवनशैली जैसे कारकों को लव हैंडल की मुख्य वजह माना जाता है।
मफिन टॉप
यह उपचर्म वसा का अन्य प्रकार है, जो आपकी कमर के ऊपर मौजूद होता है। यह अक्सर तंग कपड़े पहनने या पेट के बीच में ज्यादा वजन होने की वजह से होता है। पेट की चर्बी का यह प्रकार आमतौर पर आहार और व्यायाम के लिए सबसे ज्यादा प्रतिरोधी होता है।
पूच बेली
उपचर्म वसा का यह प्रकार आपकी कमर के ऊपर लटकता है। पूच बेली फैट का मुख्य कारण पेट के बीच में ज्यादा वजन या आनुवंशिकी हो सकता है। डॉक्टरों की मानें, तो किसी व्यक्ति के लिए पूच बेली फैट को कम करना बहुत मुश्किल होता है। इसे हटाने के लिए आपको सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
बेली बल्ज
बेली बल्ज यानी पेट का उभार एक प्रकार की उपचर्म वसा है, जिससे छुटकारा पाना आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। यह आनुवंशिकी, जीवन शैली में बदलाव और पेट के बीच में ज्यादा वजन होने जैसे कई कारकों के संयोजन से होता है।
पेट की चर्बी (एब्डोमिनल फैट)
यह बेली फैट का एक अन्य प्रकार है, जो आपके पेट के अंदर जमा होता है। उपचर्म वसा की तुलना में पेट की चर्बी को कम करना ज्यादा कठिन होता है, जो स्वास्थ्य संबंधी परेशानी एक प्रमुख कारण है। बहुत ज्यादा पेट की चर्बी आपके शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध, टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारी और स्ट्रोक जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। बेली फैट से छुटकारा पाने के लिए आपको कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के कॉम्बिनेशन की सलाह दी जाती है। इसके नतीजे देखने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है, लेकिन यह बहुत फायदेमंद मानी जाती है।
आंत की चर्बी (विसरल फैट)
बेली फैट का यह प्रकार आपके ऑर्गन को घेरे रहता है। इसे आमतौर पर विसरल बेली फैट के तौर पर भी जाना जाता है। आंतों पर जमा वसा किसी व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इसके कारण आपको दिल की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज और स्तन कैंसर सहित कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। बेली फैट के इस प्रकार से छुटकारा पाने के लिए आपको स्वस्थ आहार के सेवन और नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।
विसरल बेली फैट के कुछ अन्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
स्पेयर टायर
विसरल टायर के अन्य प्रकारों में शामिल स्पेयर टायर आपके अंगों को घेर लेता है। इसे दिल की बीमारी, डायबिटीज और कोलन जैसे कुछ अन्य प्रकार के कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है।
बियर बेली
बियर बेली विसरल बेली का प्रकार है, जिसे पेट पर मोटापा या उभरे हुए पेट के तौर पर भी परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर यह पेट की फालतू चर्बी का नतीजा होता है। बियर बेली अक्सर बहुत ज्यादा शराब का सेवन करने से होती है। हालांकि, यह बहुत ज्यादा कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ का सेवन और व्यायाम की कमी का नतीजा भी हो सकता है। बियर बेली से छुटकारा पाने के लिए आपको शराब के सेवन में कटौती करने की सलाह दी जाती है। साथ ही आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप एक स्वस्थ आहार का सेवन और नियमित रूप से व्यायाम कर रहे हैं।
हार्मोनल वसा
इस प्रकार का बेली फैट अक्सर एस्ट्रोजन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन की वजह से होता है। महिलाओं में हार्मोनल फैट ज्यादा आम है, जिसे कम करना उनके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। हार्मोनल फैट से छुटकारा पाने के लिए आपको स्वस्थ आहार खाने, नियमित रूप से व्यायाम करने और अपने तनाव के स्तर का ध्यान रखने की जरूरत है। इस प्रकार के फैट से छुटकारा पाने के लिए आपको हार्मोनल संतुलन बनाए रखने का सुझाव दिया जाता है।
जोखिम कारक – Risk Factors In hindi
बेली फैट यानी पेट की चर्बी सिर्फ एक कॉस्मेटिक मुद्दा नहीं है। यह टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारी, अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियों के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा हुआ है।
बेली फैट के लिए कई जोखिम कारक हैं, जिनमें शामिल हैं:
अस्वस्थ आहार
अस्वस्थ आहार आपके बेली फैट बढ़ने का सबसे प्रमुख कारक हो सकता है। इनमें कैलोरी, संतृप्त (सैचुरेटेड) वसा और परिष्कृत (रिफाइंड) कार्ब्स की उच्च मात्रा शामिल है। यह उच्च मात्रा आपके वजन बढ़ने और पेट के मोटापे का मुख्य कारण बन सकती है। इसके अलावा जंक फूड खाने से भी बेली फैट में विकास होता है। हालांकि, स्वस्थ खाने की आदतें जैसे ज्यादा फल, सब्जियां और साबुत अनाज के सेवन से पेट के मोटापे का जोखिम कम किया जा सकता है।
व्यायाम की कमी
व्यायाम की कमी बेली फैट के विकास का एक अन्य प्रमुख कारक है। निष्क्रिय और गतिहीन जीवन शैली वाले लोगों में सक्रिय लोगों के मुकाबले आंत की चर्बी विकसित होने का जोखिम ज्यादा होता है। नियमित और आसान व्यायाम पेट की चर्बी को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं, जैसे टहलना और जॉगिंग करना ।
तनाव
पुराना तनाव एक अन्य कारक है, जो आपके बेली फैट के विकास की वजह बन सकता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो इस स्थिति में आपका शरीर कोर्टिसोल नाम के हार्मोन्स को रिलीज करता है। आमतौर पर कोर्टिसोल को वजन बढ़ने से जोड़ा गया है। इससे खासतौर से पेट के आसपास और आंत में वसा जमा होने लगती है। तनाव के स्तर को प्रबंधित करने से आपको बेली फैट के विकास का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।
आनुवंशिकी
पेट की चर्बी के विकास में आनुवंशिकी एक अहम भूमिका निभा सकती है। कुछ लोगों में उनके जीन के कारण दूसरों के मुकाबले आंत की वसा विकसित होने की ज्यादा संभावना होती है। अगर आपके पास बेली फैट का पारिवारिक इतिहास है, तो आपको इसे खुद विकसित करने की ज्यादा संभावना हो सकती है। बेली फैट के विकास को रोकने और जीन के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना बहुत जरूरी है।
उम्र
बढ़ती उम्र के साथ हमारे शरीर में बदलाव आता है, जिससे हम कम सक्रिय होते जाते हैं। आमतौर पर यह आंत की चर्बी में बढ़ोतरी का अन्य प्रमुख कारण हो सकता है, क्योंकि उम्र के साथ हमारी जीवनशैली में अलग-अलग बदलाव आते हैं। उदाहरण के लिए, सेवानिवृत्ति एक गतिहीन जीवनशैली और पेट की चर्बी के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है।
लिंग
लिंग भी बेली फैट के विकास में भूमिका निभाता है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में विसरल फैट विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है। यह टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन के कारण हो सकता है, जो पेट की चर्बी के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में वसा अलग तरह से जमा होती है। महिलाओं में सबक्यूटेनस फैट ज्यादा होता है, जो त्वचा के नीचे पाई जाने वाली वसा का एक प्रकार है।
गर्भावस्था
गर्भावस्था भी पेट की चर्बी के विकास का कारण बन सकती है। गर्भावस्था के दौरान बढ़ते बच्चे को ऊर्जा प्रदान करने के लिए शरीर ज्यादा मात्रा में वसा जमा करता है। इससे वजन और पेट की परिधि में बढ़ोतरी हो सकती है। गर्भावस्था के बाद फालतू वजन कम करना उनके लिए मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कई महिलाओं के पेट में फालतू चर्बी रह जाती है।
नींद की कमी
समग्र स्वास्थ्य के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी माना जाताहै। ऐसा इसलिए है, क्योंकि नींद की कमी भी पेट की चर्बी के विकास का कारण बनती है। डॉक्टरों के अनुसार, इससे आपका वजन और पेट का मोटापा बढ़ सकता है। नींद की कमी वाले लोगों में पूरी नींद लेने वाले लोगों के मुकाबले आंत में वसा विकसित होने का एक उच्च जोखिम देखा जाता है। स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने और पेट की चर्बी के विकास को रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेने की सलाह दी जाती है।
कुछ चिकित्सीय स्थितियां
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को पीसीओएस के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर ऐसी कुछ चिकित्सीय स्थितियां वजन बढ़ने और पेट के मोटापे का कारण बन सकती हैं। कुशिंग सिंड्रोम और आंतों में सूजन की बीमारी से जुड़ी चिकित्सा स्थितियां भी आंत में वसा के जमा होने की वजह बन सकती हैं। डायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी चिकित्सा स्थितियां भी पेट की चर्बी के विकास के लिए एक अन्य जोखिम कारक हैं।
धुम्रपान
पेट की चर्बी के विकास के लिए धूम्रपान को एक प्रमुख जोखिम कारक के तौर पर देखा जाता है। धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों के मुकाबले धूम्रपान करने वाले लोगों में आंत की चर्बी विकसित होने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सिगरेट पीने से हानिकारक रसायन निकलते हैं। यह रसायन आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और आपके वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं। धूम्रपान छोड़ना आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकता है, जो पेट की चर्बी के विकास का जोखिम कम करने में मदद करता है।
बेली फैट कम करने के सुझाव – Tips To Reduce Belly Fat In Hindi
- स्वस्थ आहार का सेवन
- नियमित रूप से व्यायाम करना
- तनाव का स्तर कम करना
- पर्याप्त नींद लेना
- शराब का सेवन सीमित करना
- धूम्रपान से परहेज
- चिकित्सा स्थितियों का प्रबंधन
- जीवनशैली में बदलाव लाना
अगर आप अपने वजन या बढ़ते बेली फैट को लेकर परेशान हैं, आज ही मंत्रा केयर के अनुभवी स्वास्थ्य पेशेवरों से परामर्श करना सुनिश्चित करें। वह निर्धारित करने में आपकी मदद कर सकते हैं कि क्या आप किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के लिए जोखिम में हैं। साथ ही वह आपकी जीवनशैली में सुधार और वजन कम करने से संबंधित कुछ सुझाव प्रदान करते हैं। याद रखें कि अपने आहार और जीवनशैली में किए गए छोटे-छोटे बदलाव आप बेहतर और सटीक नतीजे प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
पेट की चर्बी यानी बेली फैट आपके पेट के आसपास जमा होता है। इसे कई प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। बेली फैट अलग-अलग प्रकार के होते हैं, जिसमें उपचर्म वसा (सबक्यूटेनस फैट), पेट की चर्बी (एब्डोमिनल फैट) और आंत की चर्बी (विसरल फैट) शामिल है। बेली फैट न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, बल्कि इससे आपकी शारीरिक बनावट में भी बदलाव आता है। इसके अलावा यह आपके दिमागी परेशानी का कारण भी बन सकता है। हालांकि, कुछ तरीकों से आपके स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है, जिनमें वजन घटाना और बेली फैट कम करना। इनकी मदद से कई अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियों के विकास का जोखिम भी कम किया जा सकता है।
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