Contents
- 1 लेसिक और आईसीएल क्या है – What Is LASIK And ICL In Hindi
- 2 लेसिक और आईसीएल में अंतर – Difference Between LASIK And ICL In Hindi
- 3 लेसिक और आईसीएल के फायदे – Benefits Of LASIK And ICL In Hindi
- 4 लेसिक और आईसीएल की कीमत – Cost Of LASIK And ICL In Hindi
- 5 लेसिक और आईसीएल के जोखिम – Risks Of LASIK And ICL In Hindi
- 6 निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
लेसिक और आईसीएल क्या है – What Is LASIK And ICL In Hindi
आमतौर पर दृष्टि से संबंधित समस्याओं वाले लोगों के लिए लेसिक बनाम आईसीएल पर विचार करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। लेसिक सर्जरी में लेजर से कॉर्निया को काटना और दृष्टि में सुधार करना शामिल है। जबकि, आईसीएल सर्जरी आंख के एपिथेलियम यानी बाहरी परत के लिए विद्युत प्रवाह का उपयोग करती है। इस प्रकार दोनों सर्जिकल प्रक्रियाओं का लक्ष्य दृष्टि सुधार है।
लेसिक बनाम आईसीएल सर्जरी के बीच कई समानताएं और अंतर हैं, जैसे:
- दोनों सर्जरी आपकी दृष्टि में सुधार कर सकती हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार, लेसिक वाले लगभग 95 प्रतिशत लोग सर्जरी के बाद कम से कम 20/20 विजन देखते हैं। जबकि, आईसीएल सर्जरी वाले लगभग 85 प्रतिशत लोगों को सर्जरी के बाद कम से कम 20/40 विजन मिलता है।
- लेसिक और आईसीएल दोनों सर्जरी सुरक्षित और सफल हैं, लेकिन किसी भी सर्जरी की तरह दोनों प्रक्रियाओं से जुड़े कुछ जोखिम हैं, जैसे खून बहना और इंफेक्शन। यह जोखिम बहुत दुर्लभ हैं और ऑपरेशन के बाद आप कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाते हैं।
- लेसिक एक लोकप्रिय सर्जरी है, जिसमें बिना चीरे के आंख की सतह परत (एपिथेलियम) को हटाने के लिए लेजर का उपयोग शामिल है। लेजर उपकला को पिघला देती है, जिससे सर्जन इसे काट कर गंभीर कॉर्निया हटाती है। यह सुरक्षित प्रक्रिया सभी उम्र के लोगों पर की जा सकती है।
आईसीएल सर्जरी में एपिथेलियम को हटाने के लिए अलग विधि का उपयोग शामिल है। सबसे पहले नेत्रगोलक की सतह को गर्म करने के लिए एक इन्फ्रारेड लेजर का उपयोग किया जाता है। यह एपिथेलियम में कोशिकाओं को मरने का कारण बनता है, जिससे आसपास के ऊतकों को कम नुकसान के साथ आसानी से निकालने में मदद मिलती है। लेसिक के मुकाबले आईसीएल सर्जरी कम आक्रामक है और बड़े सर्जिकल निशान की चिंता वाले लोगों के लिए बेहतर विकल्प हो सकती है।
लेसिक और आईसीएल में अंतर – Difference Between LASIK And ICL In Hindi
आमतौर पर लेसिक एक अन्य प्रकार की सर्जरी है, जो आपकी आंख की सतह को काटने और नया आकार देने के लिए लेजर का उपयोग करती है। इसी प्रकार आईसीएल सर्जरी में आपकी आंख की सतह को काटने और नया आकार देने के लिए एक आइस पिक का उपयोग शामिल है। लेसिक बनाम आईसीएल के बीच मुख्य अंतर यह है कि लेसिक कॉर्निया को लेजर से काटती है। जबकि, आईसीएल सर्जरी इसके लिए एक आइस पिक का उपयोग करती है। इसके अलावा अन्य प्रमुख अंतर यह है कि लेसिक बहुत ज्यादा सटीक है, जबकि आईसीएल कुछ निशान छोड़ सकती है। लेसिक को एक और आईसीएल में दो सर्जरी की जरूरत होती है।
लेसिक और आईसीएल के फायदे – Benefits Of LASIK And ICL In Hindi
आईसीएल और लेसिक सर्जरी के कई फायदे हैं। कुछ लोगों को सर्जरी के बाद राहत महसूस होती है, क्योंकि उनकी दृष्टि अब खराब नहीं होती है। आईसीएल तेज और कम रोशनी वाले वातावरण में बेहतर देखने में मदद करती है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इसके अलावा लेसिक सर्जरी उनकी दृष्टि को ठीक करके निकट दृष्टिदोष या दूरदर्शिता वाले लोगों की मदद कर सकती है।
लेसिक आईसीएल की तुलना में बहुत ज्यादा सामान्य प्रक्रिया है और यह मोतियाबिंद सर्जरी की तुलना में कई फायदे प्रदान करती है। जबकि, लेजर सर्जरी कम आक्रामक है और आमतौर पर इससे रिकवर होने में कम समय लगता है। इसका मतलब है कि आप बहुत जल्द अपनी नियमित गतिविधियों को दोबारा शुरु कर सकते हैं। इसके अलावा लेजर सर्जरी की प्रक्रिया के बाद किसी भी दृष्टि संबंधी समस्या की संभावना कम होती है।
किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया की तरह आईसीएल और लेसिक के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह व्यक्ति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। इसमें सर्जरी के बाद सूखी आंखें, धुंधली दृष्टि या पढ़ने के चश्मे की जरूरत शामिल है। इसके अलावा कुछ लोगों को सर्जरी के दौरान और बाद में सिरदर्द या बेचैनी का अनुभव हो सकता है।
लेसिक और आईसीएल की कीमत – Cost Of LASIK And ICL In Hindi
लेसिक एक लोकप्रिय सर्जरी है, जिसमें दृष्टि सुधार के लिए लेजर का उपयोग शामिल है। आईसीएल एक नई प्रकार की सर्जरी है, जो आपकी दृष्टि में सुधार के लिए कॉर्निया को काटती है और इसके लिए एक आइस पिक का उपयोग करती है। लेसिक बनाम आईसीएल की कीमत आपके द्वारा चुनी गई अलग प्रक्रिया और बीमा कवरेज पर निर्भर करती है। एक अनुमान के मुताबिक, लेसिक की कीमत आईसीएल प्रक्रियाओं के मुकाबले औसतन 85000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक है। हालांकि, यह सर्जन, स्थान और अन्य कारकों के आधार पर अलग हो सकती है।
अगर आप या आपके कोई परिचित दृष्टि सुधार सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो डॉक्टर के साथ अपने सभी विकल्पों पर चर्चा करना जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वह आपको प्रत्येक प्रक्रिया की कीमत और फायदों का सटीक अनुमान दे सकते हैं। आईसीएल और लेसिक दोनों ही प्रक्रियाओं की कीमत तकनीक में सुधार के साथ कम खर्चीली हो सकती हैं।
लेसिक और आईसीएल का समय
अगर आप लेजर सर्जरी (लेसिक) या इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी (आईसीएल) पर विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए प्रक्रियाओं में लगने वाले समय के बारे में जानना जरूरी है। आमतौर पर लेसिक सर्जरी आईसीएल की तुलना में बहुत तेज प्रक्रिया है। लेसिक के लिए लगभग एक दिन और आईसीएल के लिए लगभग दो हफ्ते का सामान्य रिकवरी समय होता है। दोनों ही प्रक्रियाओं में आपकी आंख के लेंस को हटाना शामिल है, लेकिन कुछ छोटी जटिलताओं को ठीक करने में कई हफ्ते लग सकते हैं।
दोनों सर्जरी में रिकवरी का समय कम है, इसलिए आपके लिए यह याद रखना जरूरी है कि प्रत्येक मरीज अलग है और आप कुछ अलग चुनौतियों का आप अनुभव कर सकते हैं। अगर आपके पास अपने व्यक्तिगत मामले के बारे में कोई सवाल हैं या सर्जरी के बाद आप किसी जटिलता का सामना कर रहे हैं, तो आपको तुरंत किसी अनुभवी सर्जन से संपर्क करना चाहिए।
लेसिक और आईसीएल के जोखिम – Risks Of LASIK And ICL In Hindi
लेसिक और आईसीएल के जोखिम इस प्रकार हैं:
- आईसीएल: आईसीएल में इंफेक्शन का थोड़ा जोखिम है, जिसके लिए एंटीबायोटिक्स की जरूरत होती है। इससे सर्जरी के बाद आंखें सूखी और चिड़चिड़ी हो सकती है।
- लेसिक: इंफेक्शन का एक छोटा सा जोखिम है, जिसके लिए एंटीबायोटिक्स की जरूरत हो सकती है। सर्जरी के बाद आंख भी सूखी और चिड़चिड़ी हो सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में लेजर कॉर्निया को खराब कर सकती है, जिसे बदलने के लिए एक और सर्जरी की जरूरत होती है। इसके अलावा एक छोटा सा मौका है कि सर्जरी के बाद चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस ठीक से फिट नहीं होंगे।
इस प्रकार अलग प्रक्रिया के आधार पर अन्य सर्जरी का जोखिम भी बदलने वाला होता है। जबकि, प्रत्येक सर्जरी से जुड़े जोखिम अलग-अलग हैं और अलग प्रक्रिया पर निर्भर करते हैं। ऐसे में किसी भी सर्जरी से पहले डॉक्टर से जोखिमों के बारे में चर्चा करना जरूरी है।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
अगर आप लेसिक बनाम आईसीएल सर्जरी में से किसी एक पर विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए इन दोनों प्रक्रियाओं के बीच के अंतरों को समझना जरूरी है। पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी के मुकाबले लेजर सर्जरी कई फायदे प्रदान करती है, जिसमें कम दर्द जल्द रिकवरी भी शामिल है। ऐसे में प्रक्रिया से संबंधित किसी भी सवाल या दृष्टि को लेकर किसी भी परेशानी के लिए आपको किसी अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
आईसीएल सर्जरी एक नया विकल्प है, जिसकी लोकप्रियता हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ रही है। आईसीएल सर्जरी की प्रक्रिया लेसिक से मिलती-जुलती है, जिसमें आपकी आंखों से मोतियाबिंद हटाने के लिए लेजर का उपयोग शामिल है। हालांकि, लेसिक के मुकाबले आईसीएल में आपकी आंख के अंदर फ्लैप बनाना शामिल नहीं है। इससे आईसीएल सर्जरी के बाद जटिलताओं की संभावना ज्यादा होती है, जिसमें इंफेक्शन और दृष्टि हानि भी शामिल है। ऐसे में अगर आप किसी भी प्रकार की सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो एक योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना जरूरी है। वह प्रक्रिया से संबंधित सभी फायदों और जोखिमों को समझने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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