अपवर्तक सर्जरी के प्रकार: अर्थ और कारक – Types Of Refractive Surgery: Meaning And Factors In Hindi

Types of Refractive Surgery

अपवर्तक सर्जरी क्या है – What Is Refractive Surgery In Hindi

What Is Refractive Surgery?आमतौर पर दृष्टि संबंधी समस्या वाले लोगों को अपवर्तक सर्जरी के प्रकार की जानकारी होना बहुत जरूरी है। अपवर्तक सर्जरी एक मेडिकल प्रोसीजर है, जिसे रिफ्रेक्टिव सर्जरी भी कहते हैं। इससे नियर पॉइंट ऑफ कर्वेचर (एनपीसी) और अन्य दृष्टि संबंधी स्थितियों वाले लोग ज्यादा साफ देख सकते हैं। सर्जरी आंख में लेंस का आकार बदल देती है, जिससे दृष्टि सुधार होता है।

निम्नलिखित लोग दृष्टि सुधार के लिए अपवर्तक सर्जरी का उपयोग करते हैं:

  • अगर आपके पास एनपीसी है, तो आपकी आंख का लेंस बहुत घुमावदार होगा। ऐसे में अपवर्तक सर्जरी लेंस को दोबारा आकार दे सकती है। इससे यह सामने की बजाय आपके रेटिना के पीछे छवियों को फोकस करता है और आपको बेहतर देखने में मदद मिलती है।
  • दृष्टिवैषम्य होने पर आपकी आंखें रोशनी पर फोकस केंद्रित करने की उनकी क्षमता से मेल नहीं खाती हैं। ऐसे में अपवर्तक सर्जरी आपकी आंख की सतह के घुमाव से मिलान करने के लिए लेंस का आकार बदल सकती है और दृष्टि में सुधार होता है।
  • अगर आपके पास प्रेस्बायोपिया या उम्र से संबंधित दृष्टि हानि है, तो बढ़ती उम्र के साथ आपकी दृष्टि धीरे-धीरे कम होने लगती है। हालांकि, अपवर्तक सर्जरी आपके लेंस को दोबारा फोकस कर सकती है, ताकि वह छोटी छवियों को सही ढंग से बड़ा कर सकें और इससे आपकी दृष्टि में सुधार होता है।

इस सर्जिकल प्रक्रिया को कॉस्मेटिक सर्जरी का सबसे लोकप्रिय विकल्प कहा जाता है। इस प्रकार की सर्जरी आपकी आंखों के आकार को बदलने के लिए उस कोण में बदलाव करती है, जिस पर रोशनी आपकी आंखों में जाती है। कई प्रकार की अपवर्तक सर्जरी हैं, जिनके अपने फायदे और नुकसान हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में अपवर्तक सर्जरी के प्रकार और फायदों पर चर्चा करेंगे। ब्लॉग पोस्ट से आपको अपवर्तक सर्जरी के मतलब और सबसे अच्छे विकल्प की बेहतर समझ होगी।

अपवर्तक सर्जरी के प्रकार – Types Of Refractive Surgery In Hindi

Types of Refractive Surgeryअपवर्तक सर्जरी के तीन मुख्य प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक प्रकार के अपने फायदे और नुकसान हैं। ऐसे ही कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं:

लेसिक

लेसिक यानी लेजर-असिस्टेड इन-सीटू केराटोमाइल्यूसिस एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है। यह प्रक्रिया कॉर्निया को हटाने और आंख की सतह को दोबारा बदलने के लिए लेजर का उपयोग करती है। इसे आंखों की सर्जरी का सबसे लोकप्रिय प्रकार माना जाता है, जिसमें हर साल लगभग दो मिलियन प्रक्रियाएं की जाती हैं।

दृष्टि गुणवत्ता में सुधार और चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस पर कम आपकी निर्भरता लेसिक के मुख्य फायदों में शामिल है। आमतौर पर मरीजों को प्रक्रिया के कुछ दिनों के अंदर दृष्टि सुधार दिखाई देता है। जबकि, ज्यादातर मरीज एक हफ्ते में साफ दृष्टि की रिपोर्ट करते हैं। इसके अलावा लेसिक अपेक्षाकृत सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसके साथ कोई दीर्घकालिक दुष्प्रभाव नहीं जुड़ा है।

अगर आप गंभीर निकट दृष्टिदोष या दूरदर्शिता से पीड़ित हैं और पीआरके या लासेक जैसी अन्य अपवर्तक सर्जरी से दृष्टि सुधार नहीं हुआ है, तो आप लेसिक सर्जरी करवा सकते हैं। इसके अलावा सूखी आंखों वाले मरीज आमतौर पर मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी ज्यादा सामान्य ओकुलर स्थितियों वाले लोगों के मुकाबले लेसिक के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं।

इस सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान सर्जन सबसे पहले आपकी आंख की अपवर्तक त्रुटि यानी रिफ्रेक्टिव एरर को मापते हैं। फिर, वह एक छोटे ब्लेड से आपके कॉर्निया की कम गुणवत्ता वाली परत हटाने के लिए लेजर का उपयोग करते हैं, जिसे एक्साइमर लेजर कहा जाता है। यह आपकी दृष्टि में रुकावट को दूर करता है और सर्जन को कस्टम-निर्मित लेजर उपकरण का उपयोग करके कॉर्निया को दोबारा बदलने में मदद मिलती है।

फिर, हटाए गए कॉर्निया को एक नए और आर्टिफिशियल कॉर्निया से बदलकर सर्जरी पूरी की जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 20 मिनट लगते हैं,और ज्यादातर मरीज कुछ दिनों के अंदर अपनी सामान्य गतिविधियां शुरु कर सकते हैं।

पीआरके

पीआरके यानी फोटोरिफ्रेक्टिव केराटेक्टॉमी एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है, जो कॉर्निया को फिर से आकार देने के लिए प्रकाश की किरणों का उपयोग करती है। यह सर्जरी मरीज की आंख की कंप्यूटर जनरेटेड इमेज का उपयोग करके की जाती है। इसके अलावा पीआरके का उपयोग मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मैटिज्म सहित कई तरह की स्थितियों के इलाज में किया जा सकता है। पीआरके एक बहुत कम आक्रामक सर्जरी है, जिसमें आंख के अंदर छोटा सा चीरा लगाया जाता है। इसके बाद सर्जन लेजर को सीधे कॉर्निया की सतह पर फ्लैश करते हैं और फिर से आकार देने की प्रक्रिया की जाती है।

आमतौर पर यह सर्जिकल प्रक्रिया एक घंटे के अंदर पूरी हो जाती है और मरीज बिना किसी दर्द या दवा की जरूरत के ठीक हो जाते हैं पीआरके की कार्यप्रणाली इस विचार पर आधारित है कि रोशनी में वस्तुओं को फिर से आकार देने की प्राकृतिक क्षमता होती है। जब लेजर प्रकाश आंख पर फ्लैश होती है, तो यह एक प्रक्रिया को उत्तेजित करता है। इससे कॉर्निया का आकार बदलकर अपने फोकस में ज्यादा सटीक हो जाता है।

स्माइल

स्माइल एक अन्य प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है, जो आपके कॉर्निया (आपकी आंख के सामनेका साफ हिस्सा) ट्रिम करने के लिए छोटे सर्जिकल कैंची का उपयोग करती है। यह प्रक्रिया लेसिक और पीआरे की तुलना में कम आक्रामक है और इसे आउट पेशेंट प्रक्रिया के रूप में किया जा सकता है। हालांकि, लेसिक और पीआरके की तुलना में स्माइल तुरंत दृष्टि संबंधी फायदे नहीं देती है।

इसके अलावा स्माइल का नतीजा आपकी दृष्टि में ज्यादा ध्यान देने वाला धुंधलापन होता है। ऐसे में यह सर्जरी उन लोगों के लिए आदर्श विकल्प नहीं है, जो विचारशील अपवर्तक सर्जरी विकल्प तलाश रहे हैं। अगर आप अपवर्तक सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो उपलब्ध अलग-अलग विकल्पों की ज्यादा जानकारी के लिए किसी योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात करना सुनिश्चित करें।

आरजीपी

अपवर्तक ग्लूकोमा थेरेपी एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है, जो आपकी आंखों के अंदर दबाव कम करने के लिए ड्रॉप का उपयोग करती है। समय के साथ इस कम दबाव के कारण सर्जरी किए बिना दृष्टि में सुधार हो सकता है। लेसिक और पीआरके की तुलना में आरजीपी कम लोकप्रिय है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह लेसिक और पीआरके की तरह तुरंत दृष्टि संबंधी फायदे प्रदान नहीं करती है। हालांकि, आरजीपी का नतीजा ज्यादा प्राकृतिक दिखता है। ऐसे में कुछ मरीज आरजीपी को अन्य प्रकार की अपवर्तक सर्जरी से ज्यादा पसंद करते हैं।

अपवर्तक सर्जरी का प्रकार निर्धारित करने वाले कारक – Factors Determining Types Of Refractive Surgery In Hindi

Factors Determining From Types of Refractive Surgeryआमतौर पर अपवर्तक सर्जरी का प्रकार कुछ कारकों द्वारा निर्धारित किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

मरीज की उम्र

मरीज की उम्र सबसे आम कारकों में से एक है, जिससे अपवर्तक सर्जरी का प्रकार निर्धारित समय ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। आमतौर पर अपवर्तक सर्जरी के लिए मरीजों की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि, कुछ प्रक्रियाएं 16 साल से कम उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध हो सकती हैं। साथ ही उपलब्ध प्रकार की अपवर्तक सर्जरी मरीज की उम्र के आधार पर अलग-अलग होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कुछ प्रक्रियाएं एक निश्चित उम्र से ज्यादा लोगों के लिए अनुशंसित नहीं है।

कीमत

अपवर्तक सर्जरी के प्रकार का निर्धारण करते समय विचार करने के लिए कीमत एक जरूरी कारक है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अलग-अलग प्रक्रियाओं में अलग कीमतें होती हैं। ऐसे में किसी प्रक्रिया को चुनते समय मरीज को अपने बजट की जानकारी होनी चाहिए। कई मामलों में बीमा कंपनियां अपवर्तक सर्जरी के कुछ प्रकार को कवर कर सकती हैं। हालांकि, मरीजों को कोई प्रक्रिया चुनने से पहले अपने प्रदाता से जांच करने की जरूरत होती है।

आंख का प्रिस्क्रिप्शन

मरीज की आंखों के प्रिस्क्रिप्शन की पावर भी यह निर्धारित करती है कि उन्हें किस प्रकार की अपवर्तक सर्जरी से गुजरना चाहिए। आमतौर पर कमजोर प्रिस्क्रिप्शन वाले लोग लेसिक जैसे उपचार विकल्प चुन सकते हैं। जबकि, हाई प्रिस्क्रिप्शन वाले लोगों को पीआरके जैसे ज्यादा व्यापक उपचारों की जरूरत हो सकती है।

सामान्य स्वास्थ्य

मरीज का समग्र स्वास्थ्य और गंभीर चिकित्सा स्थितियां प्रभावित कर सकती हैं कि किस प्रकार की अपवर्तक सर्जरी की सिफारिश की जाती है। उदाहरण के लिए, कुछ सर्जरी उन लोगों के लिए बेहतर हो सकती हैं, जिन्हें सूखी आंखों की समस्या है। जबकि, डायबिटीज वाले लोगों या गर्भवती महिलाओं को इस सर्जरी से बचने की सलाह दी जाती है।

कुल मिलाकर किसी मरीज के लिए अनुशंसित अपवर्तक सर्जरी का प्रकार उनकी उम्र, आंखों के प्रिस्क्रिप्शन और समग्र स्वास्थ्य सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। ऐसे में अपने डॉक्टर के साथ इनके बारे में चर्चा करना जरूरी है, ताकि आप अपने लिए सबसे अच्छी प्रक्रिया चुन सकें।

निष्कर्ष – Conclusion In Hindi

अपवर्तक सर्जरी निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता, दृष्टिवैषम्य और दृष्टि संबंधी अन्य समस्याओं को कम या खत्म करने का प्रभावी तरीका है। यह दृष्टि सुधार और सुधारात्मक लेंस पर आपकी निर्भरता कम करने में भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, प्रत्येक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी के अपने फायदे और जोखिम हैं। ऐसे में अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात करना जरूरी है कि आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है। इस प्रकार सही प्रक्रिया के साथ आप चश्मे या कॉन्टैक्ट्स के बिना साफ दृष्टि का आनंद ले सकते हैं। अपवर्तक सर्जरी का कोई भी प्रकार चुनने से पहले सभी जरूरी रिसर्च करना सुनिश्चित करें। इसके लिए एक योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें, जो अपवर्तक सर्जरी में माहिर हैं और आपकी अलग जरूरतों के लिए सबसे अच्छे विकल्प का सुझाव दे सकते हैं।

लेसिक सर्जरी चश्मे से छुटकारा देने वाली 10 मिनट की एक सुरक्षित प्रक्रिया है। उसके लिए मंत्रा केयर सबसे आपको सबसे एडवांस लेसिक विकल्प प्रदान करता है। अगर आपके पास लेसिक सर्जरी से जुड़े कोई सवाल हैं, तो आज ही हमसे +91-9711116605 पर संपर्क करें।