बिना ब्लेड वाली (ब्लेडलेस) लेसिक: प्रक्रिया, जटिलताएं और रोकथाम – Bladeless Lasik: Procedure, Complications And Prevention In Hindi

Bladeless Lasik: All About This LASIK Surgery

बिना ब्लेड वाली (ब्लेडलेस) लेसिक क्या है – What Is Bladeless Lasik In Hindi

What is Bladeless Lasik?बिना ब्लेड वाली लेसिक (ब्लेडलेस लेसिक) आंखों की लेजर सर्जरी का लोकप्रिय और प्रभावी प्रकार है, जिसमें आईड्रॉप या ब्लेड की जरूरत नहीं होती है। इस प्रक्रिया में सर्जन आंख का लेंस हटाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करते हैं। यह सर्जरी कंप्यूटर कंट्रोल लेजर की मदद से की जाती है। इससे आपके मौजूदा लेंस को तब भी हटाया जा सकता है, जब आप जाग रहे होते हैं और यह आपको बिना किसी निशान के साफ, बिना निशान वाली दृष्टि मिलती है।

इस लेसिक प्रक्रिया के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और जोखिम हैं। ऐसे ही सबसे आम प्रकार को एपिथेलियल लेसिक कहते हैं। प्रक्रिया में सर्जन लेजर की गर्मी से बचाने के लिए नेत्रगोलक के ऊपर त्वचा की पतली परत बनाते हैं। इसके बाद आपके मौजूदा लेंस को हटाने के लिए खास लेजर का उपयोग किया जाता है। एपिथेलियल लेसिक को ब्लेडलेस लेसिक का सबसे सुरक्षित प्रकार कहते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इसमें आंख को काटने या खुरचने की जरूरत नहीं होती है।

अगर आप भी ज्यादातर लोगों की तरह लेसिक सर्जरी को लंबी और थकाऊ प्रक्रिया मानते हैं, तो बिना ब्लेड वाली लेसिक इससे बिल्कुल अलग है। यह लेसिक सर्जरी का नया प्रकार है, जिसे अन्य प्रकार की सर्जरी के मुकाबले ज्यादा कुशल और कम आक्रामक माना जाता है। साथ ही कई फायदे इस सर्जिकल प्रक्रिया को मरीजों के लिए लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं। इस ब्लॉग में हम बिना ब्लेड वाली लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया, जटिलताओं और रोकथाम के बारे में चर्चा करेंगे। इस प्रकार यह सर्जरी साफ दृष्टि और जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकती है।

ब्लेडलेस लेसिक के प्रकार – Types Of Bladeless Lasik In Hindi

सब-एपिथेलियल और मेटा-लेसिक सहित ब्लेडलेस लेसिक के दो प्रकार हैं। सब-एपिथेलियल लेसिक में सर्जन मौजूदा लेंस को हटाए बिना नेत्रगोलक के ऊपर त्वचा की पतली परत बनाते हैं। इसके बजाय वह आपके लेंस की कुछ बाहरी परतों को काटते हैं, ताकि रोशनी ज्यादा आसानी से जाए और अंदर के ऊतकों को खत्म कर सके।

इस विधि में एपिथेलियल लेसिक से कम जोखिम हैं, लेकिन मेटा-लेसिक से आपको अच्छे दृष्टि संबंधी नतीजे नहीं मिलते हैं। मेटा-लेसिक में मौजूदा लेंस को पूरी तरह हटाना और लेजर से बनाए गए नए लेंस का उपयोग शामिल है। यह ब्लेडलेस लेसिक का सबसे महंगा प्रकार है। ऐसे में आपको बेहतरीन नतीजे प्राप्त करने के लिए अन्य सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

ब्लेडलेस लेसिक की प्रक्रिया – Procedure Of Bladeless Lasik In Hindi

आमतौर पर ब्लेडलेस लेसिक आंखों की लेजर सर्जरी का एक प्रकार है, जिसमें आपकी आंखों के प्राकृतिक लेंस को हटाने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है। यह लेसिक सर्जरी आमतौर पर अन्य प्रकार की लेजर सर्जरी की तुलना में ज्यादा सस्ती है और इसके लिए किसी रिकवरी समय की जरूरत नहीं होती है।

  1. ब्लेडलेस लेसिक प्रक्रिया आपकी आंख की त्रि-आयामी छवि बनाने के लिए एक छोटे मैपिंग डिवाइस का उपयोग करके काम करती है। मैपिंग डिवाइस तब इस छवि का उपयोग लेजर को निर्देशित करने के लिए करता है। फिर, सर्जन आपके प्राकृतिक लेंस को हटाते हैं।
  2. ब्लेडलेस लेसिक की प्रक्रिया में कई अलग-अलग तरह के लेजर का उपयोग किया जा सकता है। लेसिक सर्जरी में इस्तेमाल होने वाला सबसे आम प्रकार का लेजर डायोड लेजर है। साथ ही अन्य प्रकार की लेजर का उपयोग किया जा सकता है, जिनमें फेम्टोसेकेंड लेजर और आर्गन लेजर शामिल हैं।
  3. इस लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया बहुत कम है, जिसे पूरा करने में आमतौर पर सिर्फ 10 मिनट लगते हैं। सर्जरी के बाद आपको हल्के दर्द और प्रकाश के प्रति हल्की संवेदनशीलता का अनुभव हो सकता है। हालांकि, ज्यादातर लोग ब्लेडलेस लेसिक प्रक्रिया के बाद बहुत अच्छा महसूस करते हैं। इस प्रकार वह कुछ दिनों के अंदर अपनी नियमित गतिविधियां दोबारा शुरु कर सकते हैं।
  4. ब्लेडलेस लेसिक प्रक्रिया के दौरान सर्जन पहले मैपिंग डिवाइस का उपयोग करते हैं और आपकी आंख का विस्तृत नक्शा बनाते हैं। यह नक्शा सर्जन को निर्धारित करने में मदद करता है कि लेजर को कहां रखा जाए और प्राकृतिक लेंस को कैसे हटाया जाए।
  5. इसके बाद सर्जन आपके प्राकृतिक लेंस को हटाने के लिए लेजर का उपयोग करते हैं। लेजर बहुत सटीक है और यह आपके लेंस को बिना नुकसान पहुंचाए हटा सकती है।

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के बाद उम्मीद – Expectation after Bladeless Lasik Surgery In Hindi

What to Expect after undergoing a Bladeless LASIK Surgeryब्लेडलेस लेसिक सर्जरी से गुजरने के बाद मरीज लगभग तुरंत या एक दिन के अंदर तेज दृष्टि अनुभव होने की उम्मीद कर सकते हैं। इसके अलावा बहुत से लोग बेहतर रात की दृष्टि, कम चकाचौंध और रोशनी के आसपास कम चकाचौंध की रिपोर्ट भी करते हैं। साथ ही ज्यादातर लोगों को सर्जरी के बाद अब चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की जरूरत नहीं होती है।

इस प्रकार की लेसिक सर्जरी का एक अन्य फायदा यह है कि इसमें अन्य लेजर सर्जरी के मुकाबले तेजी से रिकवरी होती है। सर्जरी के बाद आपको पूरी तरह से ठीक होने में सिर्फ एक या दो दिन लगते हैं और ज्यादातर लोग प्रक्रिया के 24 घंटों में सामान्य गतिविधियां दोबारा शुरू कर सकते हैं।

इस लेसिक सर्जरी में पारंपरिक लेसिक के मुकाबले कम जोखिम होता है, क्योंकि सर्जन कॉर्नियल फ्लैप बनाने के लिए ब्लेड का उपयोग नहीं करते हैं। यह इंफेक्शन और अन्य जटिलताओं के जोखिम को कम करता है। इसीलिए, दृष्टि सुधार सर्जरी पर विचार करने वाले लोगों के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प है।

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी को दृष्टिवैषम्य सुधार या इम्प्लांटेबल कॉन्टैक्ट लेंस जैसी अन्य दृष्टि सुधार प्रक्रियाओं के साथ जोड़ा जा सकता है। साथ ही अनुभवी सर्जन द्वारा किए जाने पर ब्लेडलेस लेसिक बहुत कम असुविधा के साथ लंबे समय तक चलने वाले नतीजे देती है।

ब्लेडलेस और अन्य लेसिक सर्जरी में अंतर – Different Between Bladeless And Other LASIK Surgery

लेसिक और अन्य लेसिक सर्जरी में कुछ प्रमुख अंतर हैं, जैसेः

  • लेसिक आपकी आंख के एपिथेलियम यानी नेत्रगोलक को ढ़कने वाली सबसे बाहरी कोशिकाओं की परत हटाने के लिए लेजर का उपयोग करती है और उपचार के लिए साफ हिस्सा बनाती है।
  • पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी में लेंस को तोड़ने और हटाने के लिए ड्रिल और ब्लेड का उपयोग शामिल है। जबकि, लेसिक आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचाए बिना चीरा लगाने के लिए एक टाइट फोकस लेजर बीम का उपयोग करती है। यह लेसिक को अन्य प्रकार की सर्जरी से कम आक्रामक और कम दर्दनाक बनाता है।
  • लेसिक के लिए किसी कम उम्र की जरूरत नहीं है, जिससे यह सभी उम्र वाले मरीजों के लिए बेहतरीन विकल्प है। मोतियाबिंद सर्जरी के मुकाबले लेसिक में आपको तुरंत दृष्टि उपयोग बंद करने की जरूरत नहीं है। इस प्रकार आप सर्जरी के बाद कुछ दिनों के अंदर दैनिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
  • लेसिक निकट दृष्टि या दूरदर्शिता को ठीक नहीं करती है। ऐसे में अगर आप ऐसी किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो केराटोम के साथ पीआरके या लेसिक जैसी अपवर्तक सर्जरी पर विचार करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
  • आंखों की लेजर सर्जरी का यह प्रकार लोकप्रिय और सुरक्षित प्रक्रिया है, जिससे आपकी दृष्टि में सुधार संभव है।

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के बाद जटिलताएं – Complications After Bladeless LASIK Surgery In Hindi

Complications After a Bladeless LASIK Surgeryब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के बाद होने वाली जटिलताओं में सूखी आंखें, वस्तुओं के चारों तरफ चकाचौंध और दृष्टि हानि शामिल हैं। जबकिस, दुर्लभ मामलों में मरीज को कॉर्निया पर असामान्य बढ़ोतरी का अनुभव हो सकता है। इनमें से किसी भी जटिलता का अनुभव होने पर आपको अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसी ही कुछ अन्य जटिलताओं में शामिल हैंः

  1. सूखी आंखें: अगर मरीज को सर्जरी के बाद सूखी आंखों के लक्षणों से राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें आर्टिफिशियल टियर या सप्लीमेंट जैसे अन्य उपचार की जरूरत हो सकती है।
  2. चकाचौंध: अगर फ्लैप पूरी तरह से आंख को ढकता नहीं है, तो वस्तुओं के चारों तरफ चकाचौंध दिख सकती है। इसे अलावा सर्जरी या खास चश्मा पहनकर इसका इलाज संभव है।
  3. कम दृष्टि: अगर सर्जरी की वजह से आपकी दृष्टि कम हो जाती है, तो आपको चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस जैसे अन्य उपचार की जरूरत हो सकती है।
  4. आंखों का इंफेक्शन: आंखों की लेजर सर्जरी के मुख्य जोखिमों में से एक इंफेक्शन है। अगर सर्जरी के दौरान या उसके बाद आपकी आंख में कोई इंफेक्शन होता है, तो इससे दृष्टि हानि, आंख में दर्द और कुछ मामलों में अंधापन भी हो सकता है।
  5. निशान: सर्जरी से आपकी आंखों की सतह पर या आंख के अंदर निशान लग सकते हैं। यह निशान आपकी आंखों को सर्जरी से पहले के मुकाबले अलग दिखा सकते हैं। इससे चकाचौंध और कम रोशनी वाली स्थितियों में देखने पर कठिनाई जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  6. आंख का कैंसर: लेसिक सर्जरी के बाद आंखों का कैंसर बहुत ही दुर्लभ जटिलता है। हालांकि, यह तब हो सकता है जब सर्जरी गलत तरीके से की गई हो या मरीज की आंख में पहले से कैंसर हो। अगर आपको अपनी लेसिक सर्जरी के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

जटिलताओं की रोकथाम – Prevention Of Complications  of Bladeless LASIK Surgery In Hindi

ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी की जटिलताओं की रोकथाम सर्जरी के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। इसमे निम्नलिखित सुझाव आपकी मदद कर सकते हैं:

  • ब्लेडलेस लेसिक के जोखिम और फायदे के बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करें। यह सुनिश्चित करने की दिशा में पहला कदम है कि आपको सर्जरी और किसी भी संभावित जोखिम की उचित समझ है।
  • सर्जरी के लिए एक वास्तविक समयरेखा बनाएं। इससे आपको व्यवस्थित रहने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि आप सर्जरी के लिए इच्छुक और सक्षम हैं।
  • प्री-ऑपरेटिव कंसल्टेशन शेड्यूल करें। यह आपके डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद करता है कि क्या आप ब्लेडलेस लेसिक के लिए एक अच्छे उम्मीदवार हैं।
  • अपने पोस्ट-ऑपरेटिव निर्देशों का ध्यान से पालन करें। इन निर्देशों में सर्जरी के बाद अपनी आंखों की देखभाल करने के तरीके के बारे में जानकारी शामिल है।
  • सर्जरी के दौरान और बाद में कुछ दिनों के लिए मास्क पहनना सुनिश्चित करें। सर्जरी के दौरान और बाद में अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिए मास्क पहनना एक और सावधानी है।
  • सर्जरी के बाद कम से कम 8 घंटे के लिए धूप में निकलने से बचें। इससे सूरज के कारण होने वाली किसी भी जटिलता को रोकने में मदद मिलती है।

अगर आप सर्जरी के बाद किसी भी समस्या का अनुभव करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना सुनिश्चित करें। इन समस्याओं में दर्द, धुंधली दृष्टि या आंखों पर बढ़ा हुआ दबाव शामिल हो सकता है।

निष्कर्ष – Conclusion In Hindi

बिना ब्लेड वाली लेसिक यानी ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम ब्लेडलेस लेसिक के फायदे, जोखिम और सभी जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे। कुल मिलाकर यह सर्जिकल प्रक्रिया आपकी जरूरतों के लिए अच्छा विकल्प हो सकती है।

लेसिक सर्जरी चश्मे से छुटकारा देने वाली 10 मिनट की एक सुरक्षित प्रक्रिया है। उसके लिए मंत्रा केयर सबसे आपको सबसे एडवांस लेसिक विकल्प प्रदान करता है। अगर आपके पास लेसिक सर्जरी से जुड़े कोई सवाल हैं, तो आज ही हमसे +91-9711116605 पर संपर्क करें।