Contents
- 1 केराटोकोनस लेसिक क्या है – What Is Keratoconus LASIK In Hindi
- 2 केराटोकोनस लेसिक की प्रक्रिया – Procedure Of Keratoconus Lasik In Hindi
- 3 केराटोकोनस लेसिक के जोखिम – Risks Of Keratoconus LASIK In Hindi
- 4 केराटोकोनस लेसिक के बाद देखभाल – Aftercare Of Keratoconus LASIK In Hindi
- 5 निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
केराटोकोनस लेसिक क्या है – What Is Keratoconus LASIK In Hindi
केराटोकोनस लेसिक एक अन्य सर्जिकल प्रक्रिया है, जो आमतौर पर आपके कॉर्निया की घुमावदार सतह में सुधार का काम करती है। लेसिक सर्जरी में सर्जन कॉर्निया को दोबारा आकार देने के लिए लेजर का उपयोग करते हैं। यह दुनिया में सबसे लोकप्रिय कॉस्मेटिक सर्जरी है और अनुभवी सर्जनों द्वारा किए जाने पर इसे सुरक्षित माना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि लेसिक दृष्टि सुधार करती है। हालांकि, सर्जरी से जुड़े कुछ जोखिम हैं, जैसे इंफेक्शन और दृष्टि में बदलाव।
लेसिक सर्जरी पर विचार करने से पहले आपको योग्य डॉक्टर के साथ अपने विकल्पों पर चर्चा करनी चाहिए। लेसिक आमतौर पर अनुभवी सर्जन द्वारा की जाने वाली सुरक्षित सर्जिकल प्रक्रिया है, लेकिन सभी सर्जरी की तरह इसमें भी कुछ जोखिम हैं। कुछ कारक भी आपकी जटिलताओं का जोखिम बढ़ा सकते हैं, जिनमें 40 से ज्यादा उम्र, आंखों की बीमारियों या अन्य चिकित्सीय स्थितियों का पारिवारिक इतिहास, एक या दोनों आंखों में दृष्टि हानि, गंभीर दृष्टिवैषम्य और एपिथेलियम में फ्लैप बनाने के लिए लेजर का उपयोग किए बिना पिछली लेसिक प्रक्रियाएं शामिल हैं। ऐसे में लेसिक पर विचार कर रहे लोगों को अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से जोखिमों और फायदों पर चर्चा करने की सलाह दी जाती है।
यह लेसिक खास सर्जिकल प्रक्रिया है, जो लेजर के उपयोग से कॉर्निया में दृष्टि समस्या को ठीक करती है। यह प्रक्रिया नेत्र विज्ञान और लेसिक सर्जरी में एडवांस प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर द्वारा की जाती है। ऐसे में अगर आप केराटोकोनस लेसिक या किसी भी प्रकार की लेसिक सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो आपको प्रक्रिया से संबंधित सभी जरूरी बातें जानना चाहिए। इस ब्लॉग पोस्ट में हम केराटोकोनस लेसिक की प्रक्रिया, जोखिमों और देखभाल सहित कई बातों पर चर्चा करेंगे। इसकी मदद से आप लेसिक सर्जरी के बारे में सूचित फैसला ले सकते हैं कि यह सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं।
केराटोकोनस लेसिक की प्रक्रिया – Procedure Of Keratoconus Lasik In Hindi
आमतौर पर केराटोकोनस लेसिक को लेजर सर्जरी का सबसे सामान्य प्रकार माना जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया में डॉक्टर आपके कॉर्निया को नया फिर से आकार देने के लिए लेजर का उपयोग करते हैं, जिससे दृष्टि सुधार में मदद मिल सकती है। आमतौर पर शुरुआती परामर्श के बाद आपको यह निर्धारित करने के लिए परीक्षणों की श्रृंखला दी जाती है कि केराटोकोनस लेसिक आपकी आंखों के लिए सबसे अच्छा उपचार है या नहीं। ऐसे में अगर आप इन परीक्षणों के नतीजे सकारात्मक हैं, तो सर्जन आपकी आंखों के लिए केराटोकोनस लेसिक सर्जरी कर सकते हैं।
इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर पहले आपकी आंखों की सुरक्षा के लिए एक कस्टम मास्क बनाते हैं। इसके बाद वह आपकी आंखों में लेजर को सुरक्षित रूप से निर्देशित करते हैं। लेजर तब आपके कॉर्निया को दोबारा बदलती है और इस प्रक्रिया से आपकी दृष्टि में सुधार होता है। फिर, प्रक्रिया का अगला चरण कस्टम मास्क को हटाना और आंख में कॉन्टैक्ट लेंस लगाना है। इस सर्जरी के बाद आपको यह कॉन्टैक्ट लेंस को कई हफ्तों तक पहनना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर केराटोकोनस लेसिक एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है, जो आपकी दृष्टि में सुधार कर सकती है। अगर आप भी इस सर्जिकल विकल्प पर विचार कर रहे हैं, तो किसी अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात करना सुनिश्चित करें। वह निर्धारित कर सकते हैं कि केराटोकोनस लेसिक आपकी आंखों के लिए सबसे अच्छा उपचार है या नहीं।
केराटोकोनस लेसिक के जोखिम – Risks Of Keratoconus LASIK In Hindi
कुछ खास स्थितियों वाले लोगों के लिए केराटोकोनस लेसिक को आंखों की लेजर सर्जरी का सबसे सुरक्षित और लोकप्रिय विकल्प माना जाता है, लेकिन सर्जरी से जुड़े कई जोखिम हैं। ऐसे में केराटोकोनस लेसिक से गुजरने से पहले आपको इन जोखिमों के बारे में सभी जानकारी होनी चाहिए। साथ ही यह निर्धारित करने के लिए कि क्या यह आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है, आपको केराटोकमल लेसिक सर्जरी के फायदे जानने चाहिए।
केराटोकोनस लेसिक का प्रमुख जोखिम है कि उपचारित आंख मेइबोमियन ग्लैंड डिसफंक्शन यानी एमजीडी जैसी प्रोग्रेसिव आंखों की बीमारी का अन्य प्रकार विकसित कर सकती है। एमजीडी पलकों की पुरानी समस्या है, जो ऊपरी और निचली पलक पर आंसू और तेल के उत्पादन में कमी का कारण बनती है। इससे सूखी आंखें, धुंधली दृष्टि और हल्की संवेदनशीलता जैसी समस्याएं हो सकती है। साथ ही कुछ गंभीर मामलों में एमजीडी के कारण आपकी एक या दोनों आंखों की दृष्टि पूरी तरह चली जाती है।
इस लेसिक का एक अन्य जोखिम यह है कि सही दृष्टि कुछ लोगों के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है। केराटोकोनस एक प्रोग्रेसिव स्थिति है। ऐसे में भले ही सर्जरी के बाद आपकी सही दृष्टि में बेहतर सुधार हो, लेकिन यह आपके लिए पर्याप्त नहीं होता है। कुछ मामलों में जिन लोगों को केराटोकोनस लेसिक अनुभव हुआ है, वह चकाचौंध और आंखों की थकान का अनुभव करते हैं। यह समस्या खासतौर से तेज धूप में या लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन का उपयोग करते समय होती है।
केराटोकोनस लेसिक से जुड़े कुछ संभावित जोखिम हैं, जिनमें आंखों के आसपास निशान पड़ना शामिल है। जबकि, इसके अन्य जोखिमों में स्थायी मोतियाबिंद, इंफेक्शन, कम रात की दृष्टि और समग्र दृष्टि की खराब गुणवत्ता शामिल हैं। ऐसे में आपको केराटोकोनस लेसिक से संबंधित कोई भी फैसला इन जोखिमों और अन्य संभावित फायदों में अंतर करके ही लेना चाहिए।
केराटोकोनस लेसिक के बाद देखभाल – Aftercare Of Keratoconus LASIK In Hindi
इस लेसिक सर्जरी से गुजरने वाले लोगों के लिए कई बार यह सर्जिकल प्रक्रिया लंबी और कठिन हो सकती है। ऐसे में मरीजों को सर्जरी के बाद ठीक से रिकवर होने में मदद के लिए लेसिक सर्जरी के बाद कुछ चीजें करने की जरूरत है, जैसे:
1. मरीज को ऑपरेशन के बाद के सभी निर्देशों का सावधानी से पालन करना चाहिए। इसमें तेज रोशनी से बचना, दिन में धूप का चश्मा पहनना और अपने नियमित सूर्य संरक्षण के ऊपर सनस्क्रीन का उपयोग करना शामिल है। साथ ही संपर्क के खेल या गतिविधियों से बचना भी जरूरी है, जिससे चोट या आंखों में दर्द हो सकता है।
2. किसी भी सर्जरी के बाद मरीजों को सर्जरी के बाद कम से कम छह हफ्ते तक आराम करना और किसी भी जोरदार गतिविधि से बचना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि उन्हें हर रात भरपूर आराम मिले। इसका मतलब पढ़ने या टीवी देखने जैसी किसी भी चीज से बचना है, जिससे आंखों पर तनाव पड़ सकता है।
3. ऐसी कई दवाएं उपलब्ध हैं, जो लेसिक सर्जरी के बाद दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद करती हैं। इनमें से कुछ दवाओं के लिए प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत हो सकती है। जबकि, कई अन्य ओवर द काउंटर (ओसीटी) दवाएं भी उपलब्ध हैं। हालांकि, सर्जरी के बाद कोई भी नई दवा शुरू करने से पहले डॉक्टर से बात करना हमेशा सबसे अच्छा होता है। इससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि यह व्यक्तिगत मरीज के लिए सुरक्षित और प्रभावी है।
4. आखिर में मरीजों को एक सहायता समूह या सोशल नेटवर्क सिस्टम खोजने की जरूरत होती है। इसे खासतौर से उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनकी लेसिक सर्जरी हुई है। इस प्रकार ही उपचार प्रक्रिया के बढ़ने पर यह समूह मूल्यवान संसाधन और मदद प्रदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
इस प्रकार केराटोकोनस लेसिक एक बहुत ही आक्रामक और महंगी लेजर सर्जरी है, लेकिन यह आपको आपकी दृष्टि समस्याओं से काफी राहत प्रदान भी कर सकती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हमने केराटोकोनस लेसिक से संबंधित सभी जरूरी बातों को कवर किया है, जिसमें सर्जरी का मतलब, सर्जरी में शामिल संभावित जोखिम और मरीजों के लिए केराटोकोनस लेसिक उपचार की सफलता दर शामिल है। हमें उम्मीद है कि यह मार्गदर्शिका आपको इस बारे में सूचित फैसला लेने में मदद करेगी कि केराटोकोनस लेसिक आपके लिए सही है या नहीं।
लेसिक सर्जरी चश्मे से छुटकारा देने वाली 10 मिनट की एक सुरक्षित प्रक्रिया है। उसके लिए मंत्रा केयर सबसे आपको सबसे एडवांस लेसिक विकल्प प्रदान करता है। अगर आपके पास लेसिक सर्जरी से जुड़े कोई सवाल हैं, तो आज ही हमसे +91-9711116605 पर संपर्क करें।