दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक: प्रक्रिया और जटिलताएं – LASIK for Astigmatism: Procedure And Complications In Hindi

LASIK for Astigmatism | Procedure of LASIK for Astigmatism

लेसिक सर्जरी क्या है – What Is LASIK Surgery In Hindi

What Is LASIK?दृष्टिवैषम्य के लेसिक सबसे सुरक्षित और प्रभावी सर्जिकल प्रक्रिया है। यह अपवर्तक सर्जरी का अन्य प्रकार है, जिससे दृष्टि सुधार में मदद मिलती है। चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत को कम या खत्म करने वाली इस प्रक्रिया के दौरान निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता और दृष्टिवैषम्य में सुधार के लिए लेजर से कॉर्निया को दोबारा आकार देना शामिल है। लेसिक को कई वर्षों से एफडीए द्वारा अनुमोदित किया गया है और दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है।

अगर आप या आपके कोई परिचित लेसिक सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए यह ब्लॉग पोस्ट बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कोई भी फैसला लेने से पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि क्या आप प्रक्रिया के लिए सही उम्मीदवार हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दृष्टिवैषम्य से पीड़ित सभी लोग लेसिक के लिए अच्छे उम्मीदवार नहीं होते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक की प्रक्रिया और जटिलताओं पर चर्चा करेंगे। साथ ही हम आपकी जरूरतों के लिए सर्वश्रेष्ठ लेजर सर्जरी केंद्र खोजने के बारे में कुछ सुझाव भी देंगे।

दृष्टिवैषम्य क्या है?

आमतौर पर दृष्टिवैषम्य एक सामान्य दृष्टि समस्या है, जिसमें आंख की सामने वाली सतह यानी कॉर्निया पूरी तरह से गोल नहीं होती है। इससे रोशनी अलग-अलग दिशाओं में अलग तरीके से अपवर्तित होती है। यह सभी दूरी पर धुंधली या खराब दृष्टि की समस्या का कारण बनता है। कुछ मामलों में दृष्टिवैषम्य हल्का या गंभीर हो सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कॉर्निया अपने आदर्श आकार से कितना अलग है।

दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक

दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक दृष्टि सुधार करने और दृष्टिवैषम्य के लक्षणों से राहत देने वाली लोकप्रिय अपवर्तक प्रक्रिया है। आमतौर पर दृष्टिवैषम्य कॉर्निया में अनियमित आकार के कारण होता है, जो धुंधली दृष्टि और अन्य दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकता है। लेसिक सर्जरी में कॉर्निया को फिर से आकार देना शामिल है, ताकि कॉर्निया का आकार ज्यादा नियमित हो। इसके कारण आपको साफ दृष्टि पाने और चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत को कम करने में मदद मिलती है।

यह प्रक्रिया बहुत आसान और प्रभावी है, जिसे पूरा करने में सिर्फ कुछ मिनटों का समय लगता है। प्रक्रिया के दौरान सर्जन लेजर से कॉर्निया को दोबारा आकार देते हैं और आप जाग रहे होते हैं, लेकिन आंखों की आईड्रॉप से सुन्न कर दिया जाता है। दृष्टिवैषम्य से जुड़ी आपकी ऑप्टिकल त्रुटियों को बेहतर ढंग से मैप करने के लिए प्रक्रिया में खास तरह के उपकरण का उपयोग शामिल है। इसे ऑक्युलर वेवफ्रंट एनालाइजर कहा जाता है।

दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक से गुजरने का फैसला लेने से पहले प्रक्रिया से जुड़े जोखिमों को समझना जरूरी है। आपको यह भी विचार करना चाहिए कि लेसिक सर्जरी के बाद अल्पकालिक नतीजे आमतौर पर बहुत अच्छे होते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को प्रक्रिया के बाद भी चश्मे या कॉन्टैक्ट्स की जरूरत हो सकती है।

लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया – Procedure Of LASIK Surgery In Hindi

The Procedure of LASIK for Astigmatismदृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक की प्रक्रिया निकट दृष्टिदोष या दूरदर्शिता के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया से मिलती-जुलती है। इस प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले सर्जन आपकी आंखों में एनेस्थेटिक आई ड्रॉप डालते हैं। इसके बाद आपकी कॉर्निया में छोटा फ्लैप बनाया जाता है, जिसे सर्जन बाद में मोड़ देते हैं। फिर, फ्लैप के नीचे के कुछ टिश्यू को हटाकर कॉर्निया को दोबारा आकार देने के लिए एक्साइमर लेजर का उपयोग किया जाता है।

आपकी आंख के प्रत्येक भाग से कहां और कितने ऊतक निकालने की जरूरत है, इसकी योजना बनाने के लिए डॉक्टर खास सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में आमतौर पर प्रति आंख 15 मिनट से कम समय लगता है और मरीजों को आंखों पर दबाव के कारण हल्की असुविधा महसूस हो सकती है।

इसके बाद फ्लैप को उसकी मूल स्थिति में बदला और कुछ टांके लगाकर वहीं रखा जाता है। सर्जरी से दृष्टि आमतौर पर पहले दिन में सुधर जाती है, लेकिन पूरी तरह दृष्टि सुधार होने में छह महीने का समय भी लग सकता है। दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक की यह प्रक्रिया निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता और दृष्टिवैषम्य को ठीक करने में सफल है। इसके अलावा यह चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की आपकी जरूरत को भी कम या खत्म करती है।

आपके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि नतीजे अलग-अलग मामले के आधार पर अलग हो सकते हैं। ऐसे में आपके दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक सही है या नहीं, इस पर चर्चा करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना सबसे अच्छा है। इस प्रक्रिया से गुजरने वाले मरीज आमतौर पर सुधारात्मक लेंस पर कम निर्भरता के कारण बेहतर दृष्टि और जीवन की समग्र गुणवत्ता के साथ ज्यादा संतुष्टि की रिपोर्ट करते हैं। कुछ मामलों में आपको सर्जरी के बाद 20/20 या उससे बेहतर दृष्टि भी मिल सकती है।

क्या दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक प्रभावी है – Is Lasik Effective For Astigmatism In Hindi

दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक सर्जरी की प्रभावशीलता व्यक्ति पर निर्भर करती है। आमतौर पर यह दृष्टिवैषम्य के हल्के से मध्यम स्तर वाले लोगों के लिए बहुत प्रभावी उपचार विकल्प है। अध्ययनों के अनुसार, सिक सर्जरी करवाने वाले 95 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों ने अपनी दृष्टि में जरूरी सुधार का अनुभव किया। इस प्रकार वह सुधारात्मक लेंस की अपनी जरूरत कम या खत्म करने में भी सक्षम थे।

हालांकि, दृष्टिवैषम्य की एक आंख की स्थिति के रूप में जटिलता से प्रत्येक मरीज को लेसिक सर्जरी से सही नतीजे नहीं मिलते हैं। कुछ व्यक्तियों को प्रक्रिया के बाद भी चश्मे या कॉन्टैक्ट की जरूरत महसूस हो सकती है। ऐसा खासतौर से तब होता है, जब उनके पास दृष्टिवैषम्य के उच्च स्तर या धुंधली दृष्टि के कारण अन्य गंभीर समस्या होती है।

इसके अलावा दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक सर्जरी की प्रभावशीलता अन्य कारकों से प्रभावित हो सकती है। यह निदान और उम्र के बाद से समय की मात्रा जैसे हैं। ऐसे में जितनी जल्दी किसी व्यक्ति में दृष्टिवैषम्य का निदान किया जाता है, उतनी ही ज्यादा संभावना होती है कि वह लेसिक सर्जरी से सफल नतीजे प्राप्त करेंगे।

लेसिक सर्जरी की जटिलताएं – Complications Of LASIK Surgery In Hindi

किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया की तरह दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक सर्जरी में हमेशा कुछ जोखिम शामिल होता है। ऐसे ही सबसे आम जोखिमों में सूखी आंखें, सर्जरी के दौरान या उसके तुरंत बाद बेचैनी या जलन और रात के समय या कम रोशनी की स्थिति में साफ देखने में कठिनाई शामिल है। जबकि, कुछ दुर्लभ मामलों में मरीजों को प्रक्रिया से ही जटिलताओं के कारण दृष्टि हानि का अनुभव हो सकता है। इन्हीं कारणों से आपके लिए प्रक्रिया चुनने से पहले किसी योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना जरूरी है। इस दौरान डॉक्टर को आपके मेडिकल इतिहास की समीक्षा करनी चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से आंखों की जांच करनी चाहिए कि आप दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक सर्जरी के लिए एक अच्छे उम्मीदवार हैं।

लेसिक प्रक्रिया की कुछ जटिलताएं कम गंभीर हैं। इनमें रोशनी के चारों तरफ चमकते घेरे, दोहरी दृष्टि और चमकीली वस्तुओं को देखते समय स्टारबर्स्ट या चकाचौंध शामिल हैं। ज्यादातर मामलों में उचित उपचार के साथ यह लक्षण समय के साथ दूर हो जाते हैं। हालांकि, दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक सहित किसी भी प्रकार की सर्जरी के बाद इंफेक्शन के जोखिमों की जानकारी होना भी जरूरी है। ज्यादातर सर्जन इंफेक्शन का जोखिम कम करने के लिए आपको प्रक्रिया से पहले और बाद में एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आपको रिकवरी के दौरान पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल के संबंध में अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक के विकल्प – LASIK Alternatives For Astigmatism In Hindi

Are There Any Alternatives to LASIK Surgery for Astigmatism?दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक सर्जरी के विकल्पों में इम्प्लांटेबल कॉन्टैक्ट लेंस, रिफ्रेक्टिव लेंस एक्सचेंज, कॉर्नियल रिंग्स और एक्साइमर लेजर सरफेस एब्लेशन शामिल हैं।

  • इम्प्लांटेबल कॉन्टैक्ट लेंस आर्टिफिशियल इंट्राओकुलर लेंस हैं, जिन्हें निकट दृष्टिदोष और दृष्टिवैषम्य में सुधार के लिए सर्जरी द्वारा आंख में डाला जाता है।
  • रिफ्रेक्टिव लेंस एक्सचेंज प्रक्रिया में दृष्टि समस्याएं को ठीक करने के लिए आंख के प्राकृतिक क्रिस्टलीय लेंस को हटाया जाता है। इसके बाद सर्जन आंख के प्राकृतिक लेंस को आर्टिफिशियल लेंस से बदलते हैं।
  • कॉर्नियल रिंग्स को इंट्राकॉर्नियल रिंग सेगमेंट यानी आईसीआरएस भी कहा जाता है। यह छोटे प्लास्टिक आर्क्स हैं, जिन्हें लेजर से काटे जाने के बाद सर्जरी के दौरान कॉर्निया में इम्प्लांट किया जा सकता है। एक्साइमर लेजर सरफेस एब्लेशन दृष्टि संबंधी समस्याओं को फिर से आकार देने और सुधारने के लिए कॉर्निया की बाहरी सतह पर पराबैंगनी प्रकाश का उपयोग करती है।
  • अन्य दृष्टि सुधार विधियों सर्जरी के बजाय चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस और ऑर्थो-के कॉन्टैक्ट लेंस शामिल हैं। दृष्टिवैषम्य वाले लोगों के लिए चश्मा सामान्य उपचार विकल्प है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इन्हें प्रत्येक व्यक्ति की अलग जरूरतों के अनुसार आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है। कॉन्टैक्ट लेंस चश्मे के लिए एक वैकल्पिक उपचार हैं, लेकिन इन्हें चश्मे के मुकाबले ज्यादा देखभाल और रखरखाव की जरूरत होती है। ऑर्थो-के कॉन्टैक्ट लेंस को ओवरनाइट विजन करेक्शन भी कहा जाता है। यह एक ऐसी विधि है, जिसमें रात के समय खास कॉन्टैक्ट लेंस पहने जाते हैं। इन्हें चश्मा या कॉन्टैक्ट्स पहने बिना दिन के दौरान दृष्टि सुधार के लिए सोते समय पहने जाते हैं।

यह आप और आपके डॉक्टर पर निर्भर करता है कि आपकी जीवनशैली और जरूरतों के अनुसार दृष्टिवैषम्य में सुधार के लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है। ऐसे में डॉक्टर के साथ अपने सभी विकल्पों पर चर्चा करें, क्योंकि इससे आपको सूचित फैसला लेने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष – Conclusion In Hindi

दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक दृष्टि सुधार का सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। आपको लंबे समय के लिए स्थिरता देने वाली यह सर्जरी चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस के उपयोग की जरूरत को कम या खत्म कर सकती है। इससे आपके जीवन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार होता है। ऐसे में यह निर्धारित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि दृष्टिवैषम्य के लिए लेसिक आपके लिए सही है या नहीं, अपनी स्थिति के बारे में किसी योग्य नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात करें। सभी प्रक्रियाओं में कुछ जोखिम होते हैं, इसलिए फैसला लेने से पहले फायदे और नुकसान के बारे में जानना जरूरी है। एक अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ और आधुनिक तकनीक की मदद से लेसिक सर्जरी सुरक्षित और बेहतरीन अनुभव दे सकती है। इस प्रकार आपको पहले से बेहतर देखने और बेहतर जीवन जीने में मदद मिलती है।

लेसिक सर्जरी चश्मे से छुटकारा देने वाली 10 मिनट की एक सुरक्षित प्रक्रिया है। उसके लिए मंत्रा केयर सबसे आपको सबसे एडवांस लेसिक विकल्प प्रदान करता है। अगर आपके पास लेसिक सर्जरी से जुड़े कोई सवाल हैं, तो आज ही हमसे +91-9711116605 पर संपर्क करें।