आंखों की अपवर्तक सर्जरी: प्रक्रिया, फायदे और जोखिम – Refractive Eye Surgery: Procedure, Benefits And Risks In Hindi

आंखों की अपवर्तक सर्जरी

अपवर्तक सर्जरी क्या है – What Is Refractive Surgery In Hindi

What is Refractive Surgery?आंखों की अपवर्तक सर्जरी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जो आमतौर पर अपवर्तक त्रुटियों वाले मरीजों की दृष्टि में सुधार करती है। इन अपवर्तक त्रुटियों में निकट दृष्टिदोष (मायोपिया), दूरदर्शिता (हाइपरोपिया) और दृष्टिवैषम्य (एस्टिग्मैटिज्म) शामिल हैं। अपवर्तक सर्जरी के कई प्रकार उपलब्ध हैं, जैसे मोतियाबिंद सर्जरी, लेजर सर्जरी और इंट्राओकुलर लेंस इम्प्लांटेशन। आंख में अपवर्तक त्रुटियों के सर्जिकल सुधार को अपवर्तक सर्जरी कहते हैं। यह सर्जरी आंख पर टेलीस्कोप के रूप में ज्ञात एक ऑप्टिकल डिवाइस का उपयोग करके की जाती है।

इसमें सर्जिकल प्रक्रिया में सर्जन आपके चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का नया प्रिस्क्रिप्शन बनाने के लिए ऑप्टिकल डिवाइस को एडजस्ट करते हैं। यह नया प्रिस्क्रिप्शन आपके सामने की वस्तुओं पर फोकस के लिए आपकी आंखों की  पावर को एडजस्ट करता है। ऐसे में अगर आप दृष्टि सुधार सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो अपवर्तक सर्जरी आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। अपवर्तक सर्जरी प्रक्रियाओं की एक श्रेणी है, जिसका उद्देश्य आपकी आंखों का आकार बदलकर दृष्टि सुधार करना है। आज कई अलग-अलग प्रकार की अपवर्तक सर्जरी उपलब्ध हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और कमियां हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में अपवर्तक सर्जरी की प्रक्रिया, फायदे और जोखिम सहित कई विषयों पर चर्चा करेंगे। इससे आपको किसी भी गंभीर दृष्टि समस्या की रोकथाम करने और साफ दृष्टि प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

अपवर्तक सर्जरी की प्रक्रिया – Procedure Of Refractive Surgery In Hindi

अपवर्तक सर्जरी को ऑप्थल्मिक रिफ्रेक्टिव सर्जरी या लेजर सर्जरी भी कहते हैं। इस सर्जिकल प्रक्रिया का उपयोग आंख के आकार को बदलकर दृष्टि समस्याओं में सुधार करने के लिए किया जाता है। अपवर्तक सर्जरी आमतौर पर उन लोगों के लिए सबसे अच्छे विकल्प के रूप में पेश की जाती है, जिनके पास निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता, दृष्टिवैषम्य और अन्य प्रकार की अपवर्तक त्रुटियां हैं। प्राकृतिक लेंस के विकल्प के रूप में एक आर्टिफिशियल लेंस (इंट्राओकुलर लेंस) को आंख में इम्प्लांट किया जा सकता है।

फेकिक इंट्राओकुलर लेंस (पीआईओएल) को सर्जन प्राकृतिक लेंस हटाए बिना आंख में इम्प्लांट करते हैं। जबकि, अपवर्तक लेंस एक्सचेंज यानी आरएलई में लेंस को हटाने की जरूरत होती है। सर्जन द्वारा अपवर्तक सर्जरी को आपकी एक या दोनों आंखों पर किया जा सकता है। इनमें सबसे आम प्रकार की अपवर्तक सर्जरी को लेसिक या लेजर असिस्टेड इन-सीटू केराटोमाइल्यूसिस कहते हैं। एक ही समय में दोनों आंखों पर की जाने वाली लेसिक सर्जरी एक आउट पेशेंट प्रक्रिया है, जिसे करने में लगभग एक घंटा लगता है।

प्रकाश और आंखों के स्रोत

आमतौर पर अपवर्तक सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग अपवर्तक त्रुटियों से पीड़ित मरीजों में दृष्टि सुधार के लिए किया जाता है। इन अपवर्तक त्रुटियों में निकट दृष्टि दोष, दूरदर्शिता और दृष्टिवैषम्य शामिल है। अपवर्तक सर्जरी आंख पर ही (इंट्राओकुलर) या आपकी आंख के अंदर के लेंस पर (एक्स्ट्राओकुलर) की जा सकती है। इसके अलावा अपवर्तक सर्जरी के कई अलग-अलग प्रकार उपलब्ध हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और नुकसान हैं। अपवर्तक सर्जरी में उपयोग की जाने वाली कुछ सबसे आम विधियों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • लेसिक: लेसिक को लेजर असिस्टेड इन-सीटू केराटोमाइल्यूसिस भी कहते हैं, जो अपवर्तक सर्जरी के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक है। इसमें गर्मी का उपयोग करके कॉर्निया पर एक चिकनी सतह बनाने के लिए लेजर का उपयोग करना शामिल है। इसके कारण पारंपरिक चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की तुलना में समग्र दृष्टि बेहतर होती है। लेसिक के फायदों में शामिल है कि यह बहुत सुरक्षित है और ज्यादातर मामलों में अच्छी दृष्टि गुणवत्ता का नतीजा है। हालांकि, सर्जरी में रोशनी के चारों तरफ चमकते घेरे या सर्जरी के बाद चकाचौंध जैसे कुछ मामूली दुष्प्रभाव शामिल हो सकते हैं, जो कुछ दिनों के अंदर अपने आप ठीक हो जाती हैं।
  • फेकोइमल्सीफिकेशन: फेकोइमल्सीफिकेशन एक अन्य प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है। यह प्रक्रिया आंख की सतह को लाइन करने वाली उपकला कोशिकाएं तोड़ने के लिए एक अल्ट्रासाउंड डिवाइस का उपयोग करती है। इसके बाद द्रव को आंखों में फिर से आकार देने के लिए इंजेक्ट किया जा सकता है।

अपवर्तक सर्जरी की सुरक्षा – Safety of Refractive Surgery In Hindi

अपवर्तक सर्जरी को लेजर सर्जरी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक अन्य प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया है, जो आंखों में अपवर्तक त्रुटियों के कारण होने वाली दृष्टि समस्याओं में सुधार करती है। अपवर्तक त्रुटियां आंख के लेंस की असामान्यताएं हैं, जो वस्तुओं पर छवियों को धुंधला या खराब कर सकती हैं। अपवर्तक सर्जरी का उपयोग अक्सर निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता और दृष्टिवैषम्य जैसी सामान्य दृष्टि समस्याओं के इलाज में किया जाता है। कई प्रकार की अपवर्तक सर्जरी उपलब्ध हैं, लेकिन प्रत्येक के अपने अलग फायदे और जोखिम हैं। ऐसी ही एक सामान्य प्रक्रिया को मोतियाबिंद सर्जरी कहते हैं। मोतियाबिंद लेंस की सतह पर बढ़ोतरी है, जो धुंधली दृष्टि और अन्य दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकती है। मोतियाबिंद सर्जरी में मोतियाबिंद को हटाना और लेंस को उसके मूल आकार में बहाल करना शामिल है।

आंखों की लेजर सर्जरी एक अन्य सामान्य प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है। लेजर सर्जरी आपकी आंखों में डैमेज ऊतक को दूर और आपकी दृष्टि में सुधार के लिए लेजर नाम के हैंडहेल्ड डिवाइस का उपयोग करती है। लेजर आपके नेत्रगोलक में छोटे-छोटे कट लगाने के लिए बहुत कम प्रकाश स्पंदनों का उपयोग करती है। यह प्रक्रिया आपकी आंखों को कम से कम नुकसान पहुंचाती है और आमतौर पर कुछ घंटों के अंदर आपकी दृष्टि में सुधार होने लगता है। लेजर सर्जरी उनके साथ जुड़े कुछ संभावित जोखिमों के साथ आती है। सबसे पहले लेजर सर्जरी के कारण अस्थायी अंधापन हो सकता है। ऐसा तब होता है, जब सर्जरी गलत तरीके से की जाए या अगर आपके अलग प्रकार की लेजर सर्जरी के लिए प्रकाश का जोखिम बहुत ज्यादा है। इसके अलावा सही तरीके से नहीं किए जाने पर लेजर सर्जरी आपकी आंखों को स्थायी तौर पर नुकसान पहुंचा सकती है।

क्या अपवर्तक सर्जरी लेसिक के मिलती-जुलती है?

एक आरएलई प्रक्रिया में मरीज के प्राकृतिक लेंस को हटाना और उसे एक साफ आर्टिफिशियल लेंस से बदलना शामिल है। लेसिक सर्जरी में नेत्र रोग विशेषज्ञ लेजर तकनीक का उपयोग करके एक मरीज के कॉर्निया को फिर से आकार देते हैं। यह अपवर्तक सर्जरी आंख के पीछे खराब हो चुके लेंस पर ऑपरेशन करके दृष्टि में सुधार करती है। लेसिक और आरएलई प्रक्रियाओं के बीच कुछ ओवरलैप है। दोनों सर्जरी अपवर्तक त्रुटियों को ठीक करती हैं, जिससे मरीज की दृष्टि में सुधार होता है। हालांकि, लेसिक की तुलना में आरएलई सर्जरी कम आक्रामक है। इस प्रकार की सर्जरी हल्के अपवर्तक त्रुटियों वाले मरीजों के लिए ज्यादा उपयुक्त हो सकती है।

अपवर्तक सर्जरी एक लोकप्रिय प्रक्रिया है और कई अलग-अलग प्रकार की प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। आपके लिए सबसे अच्छा उपचार खोजने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ अपने विकल्पों पर चर्चा करना जरूरी है। आंख की अपवर्तक स्थिति में सुधार और चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत को कम करने या खत्म का एक विकल्प अपवर्तक सर्जरी है। इसमें कॉर्निया और लेंस इम्प्लांट के सर्जिकल रीमॉडेलिंग के कई तरीके हैं। अपवर्तक सर्जरी के तीन मुख्य प्रकार हैं, जिनमें आरएलई (अपवर्तक लेंस एक्सचेंज), लेसिक (लेजर असिस्टेड इन-सीटू केराटोमाइल्यूसिस) और पीआरके (फोटोरिफ्रेक्टिव केराटेक्टोमी) शामिल है।

क्या अपवर्तक सर्जरी दर्दनाक है?

लेसिक सर्जरी के दौरान आपको कोई दर्द महसूस नहीं होता है। इस प्रक्रिया से ठीक पहले सर्जन आपकी दोनों आंखों में सुन्न करने वाली आई ड्रॉप डालते हैं। आप प्रक्रिया के दौरान अभी भी कुछ दबाव महसूस कर सकते हैं, लेकिन आपको कोई दर्द महसूस नहीं होता है।
ज्यादातर मरीज ऑपरेशन के बाद बहुत कम असुविधा होने की रिपोर्ट करते हैं। इस प्रकार आमतौर पर कुछ दिनों के अंदर अपनी नियमित गतिविधियों पर लौट आते हैं। ऐसे में अगर आप अपनी सर्जरी के बाद किसी दर्द या समस्या का अनुभव करते हैं, तो आपको जल्द से जल्द किसी अनुभनी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

क्या सर्जरी दृष्टि में सुधार करती है?

अपवर्तक सर्जरी के बाद आपके पास 20/25 या उससे बेहतर दृष्टि प्राप्त करने का एक बहुत अच्छा मौका है। लेसिक अपवर्तक सर्जरी कराने वाले दस में से लगभग आठ लोगों को अब चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर गंभीर समस्या आपकी प्राकृतिक अपवर्तक शक्ति में त्रुटि के कारण है, तो अपवर्तक सर्जरी दृष्टि में सुधार कर सकती है। अगर आपकी त्रुटि पावर के ±5 डी के अंदर है, तो अपवर्तक सर्जरी जरूरी नहीं होती है। अपवर्तक त्रुटि 5 डी से ज्यादा है या -6.00 डायोप्टर्स से ज्यादा मायोपिया है, तो आपकी दृष्टि में सुधार के लिए अपवर्तक सर्जरी जरूरी हो सकती है।

अपवर्तक सर्जरी के लिए सही उम्र कितनी है?

लेजर दृष्टि सुधार के लिए सही उम्र 18 से 40 साल है और ज्यादातर डॉक्टर एक साल के लिए चश्मे का प्रिस्क्रिप्शन स्थिर होने के बाद ऑपरेशन करना पसंद करते हैं। लगभग बीस साल से ज्यादा समय तक बिना चश्मे की जरूरत ही इसका कारण है, लेकिन इस नियम के कुछ अपवाद हैं। अगर आपकी उम्र 40 साल के आसपास या उससे थोड़ी ज्यादा है या आपको गंभीर मायोपिया या हाइपरोपिया है, तो डॉक्टर आपके लिए जल्द ही सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं। लेसिक एक स्थायी सर्जरी है, लेकिन समय के साथ फायदे कम हो सकते हैं। ज्यादातर मरीजों के लिए नतीजे जीवन भर रहते हैं। देश भर में लगभग 10 से 12 प्रतिशत मरीजों को संरचनात्मक बदलावों के कारण एन्हांसमेंट सर्जरी की जरूरत होती है।

अपवर्तक सर्जरी की कीमत कितनी है?

अपवर्तक सर्जरी की कीमत की गई प्रक्रिया के आधार पर अलग होती है। आमतौर पर इसकी कीमत लगभग 30,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये तक हो सकती है। इसका सटीक कीमत अनुमान आपके पूर्व परामर्श के दौरान निर्धारित किया जाता है, क्योंकि प्रत्येक मरीज की स्थिति कीमत को प्रभावित कर सकती है।

लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान मरीज अक्सर जाग रहे होते हैं। हालांकि, अगर प्रक्रिया के दौरान आप पलकें झपकाते हैं या अपनी आंखें हिलाते हैं, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। ज्यादातर मरीजों को हल्का सा दर्द होता है, जब उनके कॉर्निया में फ्लैप बनाने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है। इस हल्के दर्द के बाद गर्माहट या झुनझुनी का एहसास होता है, जिसके लिए आपको एनेस्थीसिया दिया जाता है।

सर्जरी के फायदे और जोखिम – Benefits And Risk Of Surgery In Hindi

दृष्टि सुधार के पारंपरिक तरीकों की तुलना में अपवर्तक सर्जरी के कई फायदे हैं। अपवर्तक सर्जरी तेजी से नतीजे प्रदान करती है और इसमें चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस जैसे अन्य दृष्टि सुधार विकल्पों के मुकाबले दीर्घकालिक जटिलताओं की संभावना कम है। साथ ही अपवर्तक सर्जरी अन्य दृष्टि सुधार विकल्पों से ज्यादा कीमत प्रभावी भी है। इस सर्जरी के कुछ फायदों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • कुछ लोगों को लग सकता है कि अपवर्तक सर्जरी के बाद उनकी दृष्टि में सुधार हुआ है।
  • जिन लोगों की अपवर्तक सर्जरी होती है, वह भी कम रोशनी में कम चकाचौंध और बेहतर दृष्टि का अनुभव कर सकते हैं।
  • अपवर्तक सर्जरी निकट दृष्टिदोष, दूरदर्शिता या दृष्टिवैषम्य वाले लोगों की मदद कर सकती है।
  • अपवर्तक सर्जरी से जुड़े कुछ जोखिम है, जिनमें आंख का इंफेक्शन और गलत आंख की सर्जरी जैसी जटिलताएं शामिल हैं।
  • लेजर सर्जरी के कारण कुछ मरीजो को स्थायी सूखी आंखों की समस्या भी हो सकती है।

अपवर्तक सर्जरी के जोखिमों के कारण चमकते घेरे, चकाचौंध, दोहरी दृष्टि और दृष्टि में ज्यादा या कम सुधार जैसे जोखिम हो सकते हैं, जिससे आपके लिए रात में गाड़ी चलाना कठिन हो जाता है। इसका मतलब है कि आपको अभी भी चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की जरूरत है।

निष्कर्ष – Conclusion In Hindi

अगर आप दृष्टि सुधार और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए लेजर सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो अपवर्तक सर्जरी आपके लिए सही विकल्प हो सकती है। इस प्रकार की सर्जरी अपवर्तक केराटेक्टॉमी, लेसिक और पीआरके समेत कई तरीकों का उपयोग करके आपकी आंखों को दोबारा बदलती है। अपवर्तक सर्जरी के साथ दृष्टि में सुधार करके आप अपनी आंखों में स्पष्टता और चमक बहाल कर सकते हैं। साथ ही इससे आपको ज्यादा भरोसेमंद उपस्थिति और जीवन की बेहतर गुणवत्ता भी मिलती है। ऐसे में अगर आप अपवर्तक सर्जरी के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं या इस उपचार को अपने लिए सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं, तो आपको किसी योग्य और अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

लेसिक सर्जरी चश्मे से छुटकारा देने वाली 10 मिनट की एक सुरक्षित प्रक्रिया है। उसके लिए मंत्रा केयर सबसे आपको सबसे एडवांस लेसिक विकल्प प्रदान करता है। अगर आपके पास लेसिक सर्जरी से जुड़े कोई सवाल हैं, तो आज ही हमसे +91-9711116605 पर संपर्क करें।