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पीसीओएस और वजन घटाना – PCOS And Weight Gain In Hindi
पीसीओएस के साथ वजन घटाना आमतौर पर ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। पीसीओएस या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल विकार है। यह प्रसव उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है। इसके अलावा पीसीओएस को बांझपन के सबसे आम कारणों में से एक माना जाता है। पीसीओएस तब होता है, जब अंडाशय यानी ओवरी बहुत ज्यादा टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करती हैं। यह फालतू टेस्टोस्टेरोन तब ओव्यूलेशन के दौरान सामान्य विकास और एग की रिलीज होने में हस्तक्षेप करते हैं। इसके कारण पीसीओएस वाली महिलाओं में अक्सर अनियमित पीरियड्स होते हैं। इसके अलावा बिल्कुल भी ओव्यूलेट नहीं होने की संभावना भी होती है। अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं, तो पीसीओएस इसमें रुकावट पैदा कर सकता है। प्रजनन समस्याओं के अलावा पीसीओएस से आपका वजन भी बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि टेस्टोस्टेरोन शरीर में ज्यादा वसा जमा करने की वजह बनते हैं।
उन महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध होना आम है, जिन्हें पीसीओएस है। इंसुलिन प्रतिरोध तब होता है, जब आपका शरीर इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता है। इंसुलिन प्रतिरोध आपका रक्त शर्करा स्तर बढ़ाता है, जिससे लालसा और ज्यादा खाने को बढ़ावा मिलता है। यह दोनों ही कारक वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। पीसीओएस एक सामान्य विकार है, जो दुनिया भर में लाखों महिलाओं को प्रभावित करता है। अगर आपको भी पीसीओएस है और आप वजन घटाने के तरीके ढूंढ़ रहे हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इस गाइड में हम पीसीओएस के साथ वजन घटाने से संबंधित सर्वोत्तम तरीकों पर चर्चा करेंगे। साथ ही इसमें आहार, व्यायाम, डायटरी सप्लीमेंट्स और जीवनशैली जैसे कई विकल्पों को कवर किया गया है। इसलिए, अगर आप बेहतर स्वास्थ्य के लिए वजन घटाना चाहते हैं, तो आज ही यह तरीके जीवनशैली में शामिल करना सुनिश्चित करें।
नतीजे
ज्यादा वजन होने के कई नतीजे होते हैं। अगर आपको पीसीओएस है, तो यह खासतौर से गंभीर हो सकता है। ऐसे ही कुछ सबसे नकारात्मक प्रभावों में शामिल हैं:
- टाइप 2 डायबिटीज का बढ़ता जोखिम
- उच्च रक्तचाप
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- सांस लेने में तकलीफ
- स्लीप एप्निया
- दिल की बीमारी
- चिंता और अवसाद
अगर आप भी मोटापे और ज्यादा वजन से परेशान हैं, तो यह याद रखना जरूरी है कि आप अकेले नहीं हैं। पीसीओएस से पीड़ित कई महिलाएं अपने वजन के कारण कई परेशानियों का सामना करती हैं। हालांकि, वजन घटाने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आप कई चीजों की मदद ले सकते हैं।
पीसीओएस के साथ वजन घटाने के तरीके – Ways To Lose Weight With PCOS In Hindi
पीसीओएस के साथ वजन बढ़ने को अलग-अलग तरीकों से प्रबंधित किया जा सकता है। हालांकि, इनमें से ज्यादा तरीकों को खुद अपनाया और अभ्यास किया जा सकता है। इसके अलावा ज्यादा सुझावों और प्रिस्क्रिप्शन के लिए आपको अपने डॉक्टर या स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए।
आहार
चाहे आपकी कोई भी चिकित्सीय स्थिति हो, आप जो भी खाते हैं उसका सीधा असर आपके वजन पर पड़ता है। पीसीओएस के साथ आप अपने आहार में कुछ बदलावों पर विचार कर सकते हैं। इसमें सबसे जरूरी बहुत सारे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाना है। यह खाद्य पदार्थ फाइबर में उच्च हैं, जो आपके रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित करने और तृप्ति को बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं। हालांकि, कैलोरी में कम खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाने में योगदान नहीं करते हैं। इसके अच्छे विकल्पों के कुछ उदाहरणों में पत्तेदार साग, जामुन और क्विनोआ शामिल हैं। आप डेयरी और रेड मीट के सेवन पर विचार कर सकते हैं। डेयरी उत्पादों में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम करने के लिए प्रभावी है। जबकि, रेड मीट में मौजूद अस्वस्थ वसा की ज्यादा मात्रा वजन बढ़ाने में योगदान कर सकती है।
अगर आप डेयरी उत्पाद और रेड मीट का सेवन करते हैं, तो इसके लिए दुबले विकल्प चुनना सुनिश्चित करें। इसके अलावा प्रसंस्कृत भोजन और सरल कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करना भी आपके लिए बहुत जरूरी है। यह खाद्य पदार्थ कैलोरी में उच्च होते हैं और रक्त शर्करा के स्पाइक्स का कारण बन सकते हैं। यह आपके इंसुलिन प्रतिरोध को भी खराब कर सकते हैं, इसलिए इनके बजाय क्विनोआ, ब्राउन राइस और शकरकंद जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट का विकल्प चुनें। अगर आप इन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो इसे संयम से करें। आपके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आपको पर्याप्त प्रोटीन मिल रहा है। प्रोटीन हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है और भोजन के बाद भरा हुआ महसूस करने को बढ़ावा देता है। प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में लीन मीट, मुर्गी, मछली, टोफू, फलियां और अंडे शामिल हैं।
जरूरी पोषक तत्व
पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए आहार में कुछ अन्य जरूरी पोषक तत्व भी शामिल हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- फॉलिक एसिड: यह पोषक तत्व प्रजनन क्षमता के लिए जरूरी है। आप इसे पत्तेदार साग, फलियां, और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में पा सकते हैं।
- बी-विटामिन: इस विटामिन को आमतौर पर ऊर्जा स्तर के लिए बहुत जरूरी माना जाता है। इसके अच्छे स्रोतों में मुर्गी, मछली, मांस, अंडे और साबुत अनाज आदि शामिल हैं।
- जिंक: यह आपके इंसुलिन प्रतिरोध में मदद करता है, जो सीप, बीफ, कद्दू के बीज और फलियों में पाया जा सकता है।
- क्रोमियम: इस खनिज को रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित करने में मदद के लिए जाना जाता है। यह खासतौर से ब्रोकली, अंगूर के रस, आलू और चिकन में पाया जा सकता है।
- कैल्शियम: यह टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम करने में मदद करता है। डेयरी उत्पाद कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हैं। हालांकि, आप इसे गहरे रंग के पत्तेदार साग और टोफू में भी पा सकते हैं।
- विटामिन डी: यह पोषक तत्व इंसुलिन प्रतिरोध में मदद करता है और वसायुक्त मछली, मशरूम या फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है।
चीनी में कटौती करना भी एक अच्छा सुझाव है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह आपके इंसुलिन प्रतिरोध को ट्रिगर करके लालसा का कारण बन सकती है। चीनी को कम करते समय लेबल को ध्यान से पढ़ना सुनिश्चित करें। कई स्वस्थ खाद्य पदार्थ असल में चीनी से भरपूर हो सकते हैं। आखिर में आपको दिन भर खूब पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना चाहिए। पानी शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और आपके मेटाबॉलिज्म को सही रखने में मदद करता है। इससे लालसा को रोकने में भी मदद मिल सकती है।
व्यायाम
आहार के अलावा पीसीओएस और वजन बढ़ाने को प्रबंधित करने के लिए व्यायाम भी जरूरी है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और हार्मोन को रेगुलेट करने में भी फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा यह कैलोरी बर्न करता है और आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देकर वजन घटाने में मदद करता है। यह तनाव का स्तर कम करने का भी एक बेहतरीन तरीका है, जो आपके हार्मोन उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, कोई भी व्यायाम दिनचर्या शुरू करते समय पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। वह आपके लिए सुरक्षित और प्रभावी योजना बनाने में मदद कर सकते हैं। एक बार आगे बढ़ने के बाद धीमी गति से शुरू करें और धीरे-धीरे अपने कसरत की तेजी बढ़ाएं। इसके लिए हफ्ते के ज्यादातर दिनों में 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम का लक्ष्य रखें।
कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का संयोजन आदर्श है। इसके अलावा पैदल चलना, टहलना और साइकिल चलाने जैसे कार्डियो व्यायाम कैलोरी जलाने और वजन घटाने को बढ़ावा देने के लिए बहुत अच्छे हैं। जबकि, वजन उठाने या प्रतिरोध बैंड का उपयोग करने जैसी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज मांसपेशियों को बनाने और इंसुलिन संवेदनशीलता को सुधारने में मदद करती हैं। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए योग फायदेमंद साबित हुआ है। यह तनाव कम करके हार्मोन असंतुलन को ट्रिगर करने में मदद करता है। इसे इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित करने में भी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप योग के लिए नए हैं, तो इसकी शुरुआत करना एक अच्छा विचार है।
व्यायाम के कुछ अन्य रूपों में भी शामिल हो सकते हैं:
- पिलेट्स
- लंबी दूरी पर पैदल चलना
- स्विमिंग
- बाहरी खेल
- ताई ची
- डांस
शारीरिक जरूरतों सुनना याद रखें और जरूरत पड़ने पर ब्रेक लें। नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है, लेकिन इसे ज्यादा नहीं करना चाहिए।
दवाएं
पीसीओएस और वजन बढ़ाने के प्रबंधन के लिए अलग-अलग प्रकार की दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। इनमें सबसे आम प्रकार की दवा गर्भनिरोधक गोलियां हैं। यह दवा हार्मोन को नियंत्रित करके और ओवेरियन सिस्ट को सिकोड़कर काम करती हैं। इसके अलावा यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार भी कर सकती हैं, जिससे टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद मिलती हैं। साथ ही इस दवा को एंडोमेट्रियल कैंसर जैसी अन्य जटिलताओं के विकास का जोखिम कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है।
मेटफोर्मिन एक अन्य दवा है, जिसका उपयोग पीसीओएस का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। इससे इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और ओव्यूलेशन को बढ़ावा देने में भी मदद मिल सकता है।
ऐसी ही कुछ अन्य दवाओं में भी शामिल हैं:
- एरिमिडेक्स
- क्लोमिड
- लेट्रोज़ोल
- प्रोवेरा
- स्पैरोनोलाक्टोन
अपने लिए दवा का सबसे बेहतर प्रकार जानने के लिए किसी अनुभवी डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें। वह आपको प्रत्येक विकल्प से संबंधित जोखिमों और फायदों की सटीक जानकारी प्रदान कर पाएंगे। इससे आपको यह तय करने में मदद मिल सकेगी कि आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है।
सप्लीमेंट्स
कुछ सप्लीमेंट्स भी हैं, जो पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं। इसके अलावा विटामिन डी को इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने के लिए प्रभावी दिखाया गया है। यह पीरियड्स को नियंत्रित और प्रजनन क्षमता में सुधार भी कर सकता है। विटामिन बी12 आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यह मेटाबॉलिज्म का समर्थन करता है और कोशिकाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। साथ ही ओमेगा-थ्री फैटी एसिड सूजन को कम करने में मदद के लिए प्रभावी दिखाया गया है, जो अक्सर हार्मोन असंतुलन के लिए एक ट्रिगर होता है। कुछ अन्य सप्लीमेंट्स भी इसमें फायदेमंद हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- क्रोमियम
- इनोसिटोल
- मैगनीशियम
- ज़िक
- विटेक्स एग्नस-कास्टस
- सेलेनियम
अगर आप दवा के किसी भी प्रकार के साथ कोई नया सप्लीमेंट शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से बात करना आपके लिए बहुत जरूरी है। वह आपको सही खुराक निर्धारित और यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि सप्लीमेंट आपके द्वारा ली जा रही किसी भी अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।
प्राकृतिक चिकित्सा
कई प्राकृतिक उपचार भी मौजूद हैं, जो पीसीओएस का इलाज करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। ऐसी ही एक प्राकृतिक थेरेपी एक्यूपंक्चर है, जो आपकी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा यह तनाव को कम करके ओव्यूलेशन को बढ़ावा भी दे सकती है।
इस प्रकार यह शरीर पर कुछ बिंदुओं को उत्तेजित करके काम करती है, जिससे संतुलन और उपचार को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है। एक्यूप्रेशर एक अन्य थेरेपी है, जिसका उपयोग पीसीओएस का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। यह एक्यूपंक्चर की तरह ही काम करता है, लेकिन सुइयों के बजाय इसमें दबाव का उपयोग किया जाता है। एक्यूप्रेशर को इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और तनाव के स्तर को कम करने में प्रभावी दिखाया गया है।
प्राकृतिक उपचारों के अन्य तरीकों में शामिल हैं:
- अरोमाथेरेपी: .आराम को बढ़ावा देने और हार्मोन के स्तर को संतुलित करने के लिए जरूरी तेलों का उपयोग करती है।
- आयुर्वेद: इसमें पीसीओएस के लक्षणों में सुधार के लिए आहार, जीवनशैली में बदलाव और जड़ी-बूटियों के संयोजन का उपयोग शामिल है।
- चाइनीज दवाएं: शरीर में यिन और यांग ऊर्जा को संतुलित करके काम करती है।
- मसाज थेरेपी: शरीर में तनाव और खिंचाव को कम करके काम करता है।
- रिफ्लेक्सोलॉजी: पैरों पर खास बिंदुओं पर दबाव डालकर काम करती है, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े हुए हैं।
यह सभी प्राकृतिक उपचार पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। सुनिश्चित करने के लिए कि यह आपके लिए सुरक्षित है, किसी भी नई थेरेपी ढऊंढने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है। वह आपके हिस्से में एक ऐसे डॉक्टर को खोजने और आपकी व्यक्तिगत जरूरत के अनुसार एक उपचार योजना विकसित करने में मदद कर सकते हैं।
हर्बल उपचार
पीसीओएस के इलाज और वजन घटाने को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग हर्बल उपचार भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। ऐसी ही कुछ सबसे आम जड़ी बूटियों में शामिल हैं:
- अश्वगंधा- तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
- दालचीनी- रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकती है।
- लीकोरिस रूट- हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।
- लाल रास्पबेरी पत्ता- हार्मोन को रेगुलेट करने और प्रजनन क्षमता को सुधारने में मदद करता है।
- हल्दी- इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करती है। साथ ही इससे हार्मोन को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है।
- पुदीना- बालों के ज्यादा विकास को कम करने में मदद करता है।
- डोंग क्वाई- हार्मोन को रेगुलेट और सूजन को कम करने का काम करता है।
- मेथी- इंसुलिन संवेदनशीलता और निम्न रक्त शर्करा यानी हाइपोग्लाइसीमिया के स्तर में सुधार करती है।
- अदरक- सूजन को कम करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में फायदेमंद माना जाता है।
- र्गीन टी- मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद करती है।
- सॉ पाल्मेटो- टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करता है।
हर्बल उपचार कैप्सूल, टैबलेट, चाय या टिंचर के रूप में लिया जा सकता है। किसी भी जड़ी-बूटी को लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे आपके द्वारा ली जा रही अन्य दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकते हैं। एक डॉक्टर आपको सही खुराक निर्धारित करने में मदद कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि जड़ी-बूटी आपके द्वारा ली जा रही किसी अन्य दवा के साथ परस्पर क्रिया नहीं करती है।
जीवन शैली में बदलाव
आहार और व्यायाम के अलावा जीवनशैली में अन्य बदलाव भी हैं, जो पीसीओएस और वजन बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
इसके लिए सबसे पहले पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। नींद तनाव के स्तर को कम और हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसलिए, हर रात कम से कम 7 से 8 घंटे सोने का लक्ष्य रखें।
आपको तनाव के स्तर का प्रबंधन भी करना चाहिए। तनाव हार्मोन असंतुलन को ट्रिगर कर सकता है, जिससे वजन कम करना आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। हालांकि, आप ध्यान या योग जैसी विश्राम तकनीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने पर विचार कर सकते हैं।
धूम्रपान और बहुत ज्यादा शराब के सेवन से बचें। यह आदतें आपके इंसुलिन प्रतिरोध को खराब और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकती हैं। अगर आप धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं, तो इसे कम मात्रा में करना सुनिश्चित करें।
अपने मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करना बेहद जरूरी है। सफल तरीके से वजन घटाने के लिए एक स्वस्थ और संतुलित मानसिकता जरूरी है। गंभीर मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति वजन बढ़ाने के लिए एक योगदान कारक भी हो सकती है। आप थेरेपी लेने पर विचार कर सकते हैं या खुद मदद के लिए निम्नलिखित सुझावों को आजमा सकते हैं, जैसे:
- अपने ट्रिगर्स को पहचानें।
- सपोर्ट सिस्टम बनाएं।
- वास्तविक लक्ष्य निर्धारित करें।
- एक स्वस्थ दिनचर्या बनाएं।
- खाद्य पत्रिका बनाएं।
जीवनशैली में यह बदलाव करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, पीसीओएस के साथ वजन कम करने के लिए यह जरूरी हैं। किसी भी जरूरी बदलाव से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना सुनिश्चित करें। वह आपके लिए सुरक्षित और प्रभावी योजना बनाने में मदद कर सकते हैं। समर्पण और दृढ़ता के साथ आप अपने वजन घटाने के लक्ष्यों तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
सर्जरी
कुछ मामलों में पीसीओएस और वजन बढ़ाने के लिए सिर्फ आहार या व्यायाम ही पर्याप्त नहीं है। अगर जीवनशैली में बदलाव के बाद भी आपको सफल नतीजे नहीं मिले हैं, तो आप वजन घटाने की सर्जरी पर विचार कर सकते हैं। यह सर्जरी वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए आखिरी उपाय है। वजन घटाने की सर्जरी के दो मुख्य प्रकार हैं: गैस्ट्रिक बाईपास और गैस्ट्रिक स्लीव सर्जरी।
गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी पेट का आकार कम और आंतों को दोबारा व्यवस्थित करके काम करती है। इससे आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन की मात्रा को कम और पोषक तत्वों के अवशोषण को सीमित करने में मदद मिलती है। जबकि, गैस्ट्रिक स्लीव सर्जरी पेट के एक हिस्से को हटाकर काम करती है। यह खाए जाने वाले भोजन की मात्रा कम और पोषक तत्वों का अवशोषण सीमित करने में बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा यह भूख को कम करने और तृप्ति को बढ़ावा देने में भी मदद करती है। इस प्रकार पीसीओएस वाले लोगों में वजन घटाने को बढ़ावा देने के लिए दोनों प्रक्रियाएं बहुत प्रभावी हैं।
हालांकि, वजन घटाने की सर्जरी से संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले आपको डॉक्टर से परामर्श लेना सुनिश्चित करना चाहिए। वह निर्धारित करने में आपकी मदद करते हैं कि यह सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं। वजन घटाने की सर्जरी एक बड़ा फैसला है, इसलिए इसे चुनते समय जोखिम और फायदों की जानकारी होना आपके लिए बहुत जरूरी है। यह सर्जरी हर किसी के लिए सही नहीं है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह बेहतरीन विकल्प हो सकती है। पीसीओएस जैसी निराशाजनक स्थिति को प्रबंधित करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने के लिए दोनों ही तरीके प्रभावी हैं। गाइड में दिए सुझावों से का पालन करके आप वजन घटाने के लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
पीसीओएस के साथ वजन घटाने के कई तरीके हैं। यह डॉक्टर की मदद से या जीवनशैली में बदलाव करके भी किया जा सकता है। कई बार आपके लिए वजन घटाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन समर्पण और लगन से यह संभव है। अगर आपको अन्य तरीकों से सफलता नहीं मिली है, तो आप वजन घटाने की सर्जरी पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, कोई भी फैसला लेने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सही योजना के साथ आप अपने वजन घटाने के लक्ष्यों तक पहुंच सकते हैं।
अगर आपके पास पीसीओएस के साथ वजन घटाने से संबंधित आपके कोई सवाल हैं, तो आज ही मंत्रा केयर से संपर्क करें। हमारे पास अनुभवी आहार और पोषण विशेषज्ञों की टीम है, जो स्वस्थ वजन घटाने का कार्यक्रम विकसित करने या पीसीओएस उपचार सहित किसी भी पोषण संबंधी जरूरतों के लिए आपकी मदद करती है। हमारे साथ परामर्श शेड्यूल करने या ज्यादा जानकारी के लिए हमारी मंत्रा केयर की ऑफिशियल वेबसाइट mantracare.in पर विजिट करें। आप हमारी फिटमंत्रा ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं।